सरकारी मेडिकल कॉलेज निर्माण में या तो सीएम को जानकारी नहीं अधिकारी कर रहे हैं गुमराह

अधिकारियों के लिए कोई मायने नहीं रखती सीएम की घोषणाएं

चंडीगढ़, 03 जनवरी। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने अपने कार्यकाल में जो भी घोषणाएं की है या तो उन्हें इनकी जानकारी नहीं है या जानबूझकर जनता को गुमराह कर रहे हैं। या अधिकारी सीएम की घोषणाओं को पानी पिलाने में लगे हुए है। 2020 से 2023 के बीच 2246  घोषणाएं हुई जिनमें से मात्र 462 ही पूरी हुई है, 742 पर कार्य प्रगति पर दिखाया जा रहा है जबकि 19 ऐसी घोषणाएं है जिन्हें पूरी करना संभव ही नहीं है तो फिर ऐसी घोषणाओं का क्या औचित्य रहा, सरकार झूठी घोषणाएं कर जनता को गुमराह करती रही। अधिकतर को पेंडिंग खाते में डाल दिया जाता है। इन परिस्थितियों में फिर कैसे सरकार विकास के दावे कर रही है, हर जिला में सरकारी मेडिकल कॉलेज निर्माण का दावा किया जा रहा है, सरकार श्वेत पत्र जारी कर इनकी मौजूदा स्थिति से जनता को अवगत करवाए, सरकार का सारा झूठ जनता के सामने आ जाएगा।  

मीडिया को जारी बयान में यह बात अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की राष्ट्रीय महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री, हरियाणा कांग्रेस कमेटी की पूर्व प्रदेशाध्यक्ष और उत्तराखंड की प्रभारी कुमारी सैलजा ने कही। उन्होंने कहा कि जनता को सब्जबाग दिखा सत्ता हासिल करने वाली भाजपा-जजपा सरकार ने अपना वादा पूरा नहीं किया है जनता के साथ सरकार की ओर से सिर्फ विश्वासघात ही हाथ लगा है जबकि सरकार विकास के ढोल पीट रही है अगर कोई विकास हुआ है तो वह धरातल पर दिखना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार ने दावा किया था कि हर जिला में सरकार मेडिकल कालेज बनाएं जाएंगे, सीएम ने घोषणाएं की पर कुछ जिलों को छोडकर धरातल पर कुछ भी नहीं है, कही जमीन तक का चयन नहीं किया गया, कहीं जमीन लेकर मेडिकल कालेज का बोर्ड लगा पर पर किसी को पता नहीं कब काम शुरू होगा। कुछ का बजट तक घोषित किया पर धनराशि आज तक जारी नहीं हुई। कुछ जिलों में मेडिकल कॉलेज के नाम पर केवल उनका नामकरण ही फाइलों में दिख रहा है। हर 20 किमी पर एक राजकीय महाविद्यालय की बात कही गई थी क्या हर 20 किमी पर कॉलेज है।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने वर्ष 2020 में 199 घोषणाएं की थी, सरकार के खुद के आंकड़ों से पता चलता है कि इनमें से 112 पूरी हो चुकी है 58 का कार्य प्रगति पर है, दो संभव नहीं है और  27 पेडिंग बताई गई है यानि घोषणाओं को पूरा होने का प्रतिशत 56.85 है। इसी प्रकार वर्ष 2021 में  277 घोषणाएं की गई, 88 पूरी बताई गई, 70 पर कार्य प्रगति पर है, तीन पूरी नहीं हो सकती, 116 पेडिंग दिखाई गई है यानि अभी तक 32.12 प्रतिशत घोषणाएं पूरी हुई है। वर्ष 2022 में 1471 सीएम घोषणाएं की गई, 215 पूरी हुई, 621 पर कार्य जारी है, 14 संभव नहीं है यानि इस वर्ष की गई घोषणाओं में से केवल 14.76 प्रतिशत ही पूरी हुई। वर्ष 2023 में 299 घोषणाएं हुई जिनमें से 47 पूरी बताई जा रही है 13 पर काम प्रगति पर है, 239 पेंडिंग है यानि गत वर्ष मात्र 15.52 प्रतिशत घोषणाएं पूरी हुई। उन्होंने कहा कि ये आंकड़े सरकार द्वारा दिसंबर 2023 को विधानसभा सत्र में पेश किए गए। उन्होंने कहा कि हो सकता है ये भी सरकार की ओर खेला गया आंकड़ों का खेल हो, ये भी हो सकता है कि जितनी घोषणाएं पूरी दिखाई गई है शायद पूरी न हुई हो।

उन्होंने कहा कि जब मुख्यमंत्री घोषणा करते है तो जनता को पूरा भरोसा होता है कि ये काम तो पूरा हो ही जाएगा क्योंकि इसकी घोषणा मुख्यमंत्री ने की, जब काम नहीं होता तो जनता हाथ मलती रह जाती है। या तो मुख्यमंत्री घोषणाएं करके भूल जाते है अधिकारियों से उनका फॉलोअप नहीं लेते या अधिकारी सीएम की घोषणाओं को पानी पिलाने में लगे हुए है पर लोकतंत्र में जनता की शक्ति अच्छे अच्छे को पानी पिला देती है।

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