आधी रात दीवार फांदकर मकान में घुसी, खाली हाथ लौटी

लोकेशन से ट्रेस किया नहीं मिला छठा आरोपी

भारत सारथी/कौशिक

नारनौल। जिला महेंद्रगढ़ से सटे राजस्थान क्षेत्र कोटपूतली बहरोड जिले के नीमराणा के गांव गंडाला में 13 दिसंबर की आधी रात को दिल्ली पुलिस संसद भवन सुरक्षा चूक मामले में एक आरोपी को पकड़ने के लिए छापेमारी की। पुलिस ने गांव के बस स्टैंड के पास लोगों से पूछताछ की । साथ ही गाड़ियों को रोक रोक कर तलाशी ली । पुलिस को छठे आरोपी की आखिरी लोकेशन गांव में ही एक घर की मिली थी, इसके बाद पुलिस यहां पहुंची।

गंडाला गांव के संदीप ने बताया कि चार-पांच पुलिस के जवान थे। हमारे बीएसएनल टावर के पास आए। उन्होंने मेरे घर का दरवाजा खटखटाया। पुलिस वालों ने मुझसे कहा कि बीएसएनएल की सिम है तो हमें उपलब्ध करवा दो । हम एक आदमी की लोकेशन ट्रेस कर रहे हैं। यह आदमी संसद भवन में हुई घटना में शामिल था। हमने पुलिस की मदद की, मोबाइल भी दिया। मेरे मोबाइल की मदद से 300 मीटर दूर सुभाष यादव के घर तक पहुंचे।

दो घंटे तक पुलिस यहां रही। जिस आदमी की तलाश में पुलिस आई थी, वह नहीं मिला ‌।

मकान मालिक सुभाष यादव ने कहा कि उनके पुराने मकान में एक बंगाली परिवार करीब 10 साल से किराए पर रह रहा है। रात को पुलिस आई और पुराने मकान की दीवार कूद कर अंदर घुसी। इसके बाद किराए पर रह रहे प्रदीप से बातचीत की। फिर मेरे पास आए और पूछताछ की। रास्ते में भी तीन-चार लोगों से पूछताछ की।

किराए पर रह रहे प्रदीप ने कहा पुलिस ने ललित की फोटो दिखाया था। पूछा था कि इसको जानते हो क्या ? मैंने मना कर दिया। फिर मुझे मेरा मोबाइल मांगा, मैंने मोबाइल दे दिया। उसके बाद मुझे साथ ले मकान मालिक के पास इन्हें ले गया। दो गाड़ियों में पुलिस के जवान आए थे। पुलिस को यहां से कुछ नहीं मिला, इसके बाद में लौट गए।

इस मामले में नीमराना एसपी जगराम मीणा ने कहा संसद में हुए घटनाक्रम के मामले में दिल्ली से एक जांच एजेंसी की टीम गंडाला गांव में आने की सूचना मिली है। लोगों से पूछताछ की गई। जांच टीम ने हमसे संपर्क नहीं किया।

नीमराना डीएसपी अमीर हसन ने भी बताया कि दिल्ली पुलिस ने हमसे कोई संपर्क नहीं किया। इस बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है।

संसद पर आतंकी हमले के 22 साल बाद एक बार फिर 13 दिसंबर को सुरक्षा में सेंघ लगी थी। लोकसभा में दो युवक विजिटर गैलरी में कूद गए थे और पीले रंग का धुआं उड़ाने लगे थे। सुरक्षा में सेंघ लगाने वाले दोनों युवकों को पहले सांसदों ने पीटा, फिर पुलिस के सुपुर्द कर दिया था। अभी तक की जांच में इस सिक्योरिटी ब्रेक के 6 किरदार सामने आए हैं। दो ने सदन के अंदर हंगामा किया। दो ने सदन के बाहर प्रदर्शन किया। इसमें सागर शर्मा 26, मनोरंजन डी 34, अमोल शिंदे 25 और नीलम 42 शामिल है । इन चारों के अलावा दो और लोग प्लानिंग में शामिल थे। इनमें से एक ने सभी को अपने घर में ठहराया था। गुरुग्राम से उसे पुलिस ने पत्नी समेत हिरासत में ले लिया। पत्नी इन छह आरोपियों में शामिल नहीं है। अभी भी एक फरार है।

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