वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक धार्मिक और समाजसेवी संस्थाओं की भागीदारी बहुत जरुरी, सही मायनों में आमजन का है महोत्सव। सरकार और प्रशासन का कार्य है सिर्फ व्यवस्था बनाना, संस्थाओं के प्रतिनिधियों के सहयोग से ही महोत्सव को बनाया जाएगा सफल महोत्सव के मुख्य कार्यक्रम होंगे 17 से 24 दिसंबर तक, असम होगा पार्टनर राज्य। कुरुक्षेत्र 17 नवंबर : अतिरिक्त उपायुक्त एवं केडीबी सीईओ अखिल पिलानी ने कहा कि कुरुक्षेत्र की पावन धरा पर 7 दिसंबर से 24 दिसंबर 2023 तक अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव का आयोजन किया जाएगा। इस महोत्सव को समाज सेवी और धार्मिक संस्थाओं के सहयोग से ही आकर्षक, सफल और यादगार बनाया जा सकता है। इस महोत्सव में सरकार और प्रशासन का कार्य सिर्फ व्यवस्था बनाना है, सही मायने में अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव आमजन का उत्सव है। इसलिए सभी के साझे प्रयासों से इस बार भी अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव के हर क्षण और हर कार्यक्रम को बेहतरीन तरीके से आयोजित करना है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव का आयोजन ब्रह्मसरोवर पर 7 दिसंबर से लेकर 24 दिसंबर 2023 तक किया जाएगा। इस महोत्सव के मुख्य कार्यक्रम 17 से 24 दिसंबर तक आयोजित किए जाएंगे। इस वर्ष मुख्य सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए ब्रह्मसरोवर पुरुषोत्तमपुरा बाग में मुख्य पंडाल सजाया जाएगा। इसके लिए सभी धार्मिक और सामाजिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों से परिचय करने के उपरांत सुझाव भी आमंत्रित किए गए। इस बार सभी प्रतिनिधियों से लिखित रूप में सुझाव आमंत्रित किए गए है। उन्होंने कहा कि संस्थाओं के प्रतिनिधियों से अनुरोध किया जा रहा है कि महोत्सव की शोभायात्रा, ब्रह्मसरोवर पर होने वाली सांध्यकालीन आरती, संत सम्मेलन, दीपोत्सव, दीपदान, कथा, सांस्कृतिक कार्यक्रमों में अपनी अधिक से अधिक भागीदारी को सुनिश्चित करें। इन कार्यक्रमों को अच्छे ढंग से आयोजित करने में सभी के सहयोग की जरूरत होगी। जितने भी सुझाव केडीबी के पास पहुंचेंगे, उन सभी सुझावों पर गंभीरता के साथ अमल किया जाएगा। इस बार महोत्सव के मुख्य कार्यक्रम 17 से 24 दिसंबर तक 8 दिन के होंगे और महोत्सव का आयोजन 7 से 24 दिसंबर तक होगा। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव को सफल बनाने में हर बार धार्मिक और सामाजिक संस्थाओं का अहम योगदान रहता है। सभी संस्थाए महोत्सव के दौरान अपने धार्मिक स्थलों और भवनों को सुंदर और भव्य ढंग से सजाए ताकि देश-विदेश से आने वाले पर्यटक एक अनूठी याद अपने साथ लेकर वापिस लौटे। इस महोत्सव में शहर के सभी प्रमुख चौंको को रंग बिरंगी लाइटों से सजाया जाएगा और मुख्य मार्गों पर तिरंगा लाईटे मेहमानों का स्वागत करेंगी। उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह महोत्सव अब कुरुक्षेत्र के प्रत्येक नागरिक का दीपावली जैसा पर्व बन गया है, सभी नागरिक इस महोत्सव का बेसब्री के साथ इंतजार करते है। एडीसी अखिल पिलानी ने महोत्सव के कार्यक्रमों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इस वर्ष गीता जयंती 23 दिसंबर को मनाई जाएगी। इस दिन दीपोत्सव, दीपदान, सांस्कृतिक कार्यक्रम और 18 हजार विद्यार्थियों का वैश्विक गीता पाठ होगा। इस वर्ष मुख्यमंत्री मनोहर लाल के आदेशानुसार पहली बार महोत्सव के मुख्य कार्यक्रम 8 दिन के होंगे, यह कार्यक्रम 17 से 24 दिसंबर तक आयोजित किए जाएंगे। हालांकि महोत्सव में शिल्प और सरस मेला 7 से 24 दिसंबर तक आयोजित किया जाएगा। अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव-2023 में पहली बार मुख्य कार्यक्रम 8 दिन के होंगे। इस महोत्सव को सफल और यादगार बनाने के लिए राज्य सरकार के आदेशानुसार अलग- अलग कमेटियों का गठन कर दिया गया है और प्रत्येक कमेटी की जिम्मेवारी एक आला अधिकारी को सौंपी गई है। इस वर्ष असम राज्य महोत्सव में पार्टनर राज्य के रूप में अपनी भूमिका अदा करेगा। केडीबी के मानद सचिव उपेंद्र सिंघल ने कहा कि इस वर्ष भी हरियाणा पैवेलियन, जनसंपर्क विभाग की राज्य स्तरीय प्रदर्शनी, हरियाणवी सांस्कृतिक कार्यक्रम, अंतर्राष्ट्रीय गीता सेमिनार, 18 हजार बच्चों का वैश्विक गीता पाठ, गीता रन, शैक्षणिक गतिविधियों, महाआरती, दीपदान, गीता शोभा यात्रा, पुस्तक मेला, संत सम्मेलन, हरियाणा पैवेलियन, भजन संध्या, 48 कोस तीर्थ सम्मेलन, संत सम्मेलन, फूड फेस्टिवल, जीओआई टैग प्रदर्शनी, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर की संस्थाओं द्वार प्रदर्शनी, ऑनलाईन गीता क्विज के साथ-साथ स्कूली विद्यार्थियों की विभिन्न प्रतियोगिताओं का भी आयोजन किया जाएगा। Post navigation अन्नकूट के उपलक्ष्य में एस आर जी एक्यूप्रेशर व एक्युपंचर थेरेपी सेंटर द्वारा श्री व्यास गोड़ीय मठ में निशुल्क चिकित्सा शिविर आयोजित देश विदेश से नागरिक जीत सकते है गीता प्रश्नमाला प्रतियोगिता: शांतनु।