हरियाणा भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में ऐतिहासिक सफलता की हासिल

– भ्रष्टाचारी चाहे कोई भी हो, जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाते हुए की जा रही है कार्रवाई- पुलिस महानिदेशक
-इस वर्ष 1 जनवरी से लेकर 31 अक्टूबर तक 31 राजपत्रित अधिकारी, 149 अराजपत्रित अधिकारी तथा निजी क्षेत्र के 30 व्यक्तियों की हुई गिरफ्तारी

चंडीगढ़, 8 नवंबर- हरियाणा भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो द्वारा भ्रष्टाचार के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के तहत निष्पक्षता तथा पारदर्शिता से कार्रवाई का सिलसिला लगातार जारी है। पिछले वर्षों के आंकड़ों के तुलनात्मक विश्लेषण से पता चलता है कि हरियाणा प्रदेश अब भ्रष्टाचार मुक्त शासन देने की ओर निरंतर अग्रसर है जो राज्य में पारदर्शी शासन के प्रति अपनी अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

इस बारे में जानकारी देते हुए पुलिस महानिदेशक एवं ब्यूरो के महानिदेशक शत्रुजीत कपूर ने कहा कि प्रदेश सरकार के कुशल मार्गदर्शन व दिशा निर्देशन में राज्य को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने के लिए व्यवस्थित व प्रभावी कार्ययोजना बनाते हुए काम किया जा रहा है। इस दौरान प्रदेश में गुप्त सूचना के आधार पर रेड डाली जाती है ताकि भ्रष्टाचार में संलिप्त अधिकारी अथवा कर्मचारी पर कड़ी कार्यवाही की जा सके। उन्होंने स्पष्ट कहा कि भ्रष्टाचारी चाहे कोई भी क्यों ना हो, ब्यूरो द्वारा जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाते हुए नियमानुसार कार्रवाई की जाती है। उन्होंने बताया कि ब्यूरो ने इस वर्ष सक्रिय कदम उठाते हुए भ्रष्टाचार मुक्त शासन देने के प्रति अपनी अटूट व अटल प्रतिबद्धता को रेखांकित किया है।

पंजीकृत मामलों में उल्लेखनीय वृद्धिः यदि आंकड़ों पर नजर डाली जाए तो वर्ष 2023 में जनवरी से लेकर अक्टूबर माह के अंत तक की समय अवधि के दौरान ब्यूरो में 140 ट्रैप मामले पंजीकृत किए गए हैं। इस वर्ष ब्यूरो के समन्वित प्रयासों के चलते 31 अक्टूबर तक कुल 31 राजपत्रित अधिकारी, 149 अराजपत्रित अधिकारी तथा निजी क्षेत्र के 30 व्यक्तियों की गिरफ्तारी की जा चुकी है। पिछले साल ब्यूरों द्वारा इस समय अवधि के दौरान 21 राजपत्रित अधिकारी, 140 अराजपत्रित अधिकारी तथा 26 निजी लोगों की गिरफ्तारी की गई। इसी प्रकार, वर्ष 2021 में इस अवधि के दौरान ब्यूरों द्वारा 8 राजपत्रित अधिकारियो , 40 अराजपत्रित अधिकारियों तथा 49 निजी व्यक्तियों की गिरफतारी की गई थी। यह आंकड़ा भ्रष्टाचार से निपटने के लिए ब्यूरो के दृढ़ और सक्रिय दृष्टिकोण का प्रमाण है। यह आंकड़ा भ्रष्ट गतिविधियों के खिलाफ ब्यूरो की बढ़ी हुई सतर्कता को दर्शाता है।

मामलों का कुशलता से समाधान-

हरियाणा भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की प्रतिबद्धता केवल भ्रष्टाचार संबंधी मामलों की पहचान करने तक ही सीमित नहीं रही बल्कि ब्यूरो द्वारा इन मामलों का तत्परता से निपटारा करने की दिशा में भी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। वर्ष 2021 में ब्यूरों द्वारा जनवरी से लेकर अक्टूबर माह के अंत तक जहां 51 मामलों का निपटारा किया गया वहीं वर्ष 2022 में ब्यूरो ने इस समय अवधि के दौरान 147 मामलों का निपटारा करते हुए अपनी उल्लेखनीय दक्षता का प्रदर्शन किया। इस वर्ष अक्टूबर माह के अंत तक 177 मामलों का सफलतापूर्वक निपटारा किया जा चुका है, जोकि रिकॉर्ड आंकड़ा है। यह ऐतिहासिक उपलब्धि मामलों को उचित और शीघ्र उनके परिणाम तक पहुंचाने की निष्पक्षता को प्रदर्शित करती है।

ब्यूरो द्वारा की गई कार्रवाई-

वन विभाग तथा हरियाणा राज्य वेयरहाउसिंग कॉरपोरेशन में भी भ्रष्टाचार का एक गंभीर मामला उजागर हुआ है जिसमें सरकारी अधिकारी और निजी व्यक्ति शामिल है। अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाने के लिए जांच चल रही है।
 हरियाणा राज्य वन विभाग, चरखी दादरी में मंडल वन अधिकारी के पद पर रहते हुए दिलीप सिंह को भ्रष्ट गतिविधियों में शामिल पाया गया। उनकी ₹300000 की रिश्वतखोरी में कथित संलिप्तता सामने आई । इसी प्रकार, जिला चरखी दादरी में डिप्टी फॉरेस्ट रेंज भादरा सुनील कुमार भी इस भ्रष्टाचार के मामले में संलिप्त पाए गए।

हरियाणा राज्य वेयरहाउसिंग कॉरपोरेशन पंचकूला में भी एक बड़ा भ्रष्टाचार घोटाला सामने आया। इस मामले में उच्च पदस्थ सरकारी अधिकारी, एक निजी व्यक्ति पर रिश्वत की ₹300000 की राशि में संलिप्तता पाई गई।

इस मामले में शामिल हैः

जयवीर सिंह ,एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी एवं पंचकूला में हरियाणा राज्य वेयरहाउसिंग कारपोरेशन के प्रबंध निदेशक।

संदीप घनघस जिन्होंने पानीपत में हरियाणा वेयरहाउसिंग कॉर्पाेरेशन में प्रबंधक के रूप में कार्य किया।

मनीष शर्मा एक निजी व्यक्ति।

राजेश बंसल ,महाप्रबंधक (कोनफेड) हरियाणा राज्य वेयरहाउसिंग कॉरपोरेशन पंचकूला।
इन सभी व्यक्तियों पर ₹300000 की रिश्वतखोरी और भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप है।

इसी प्रकार , भ्रष्टाचार विरोधी अभियान के तहत ब्यूरो द्वारा इस वर्ष रिश्वत लेने के आरोप में 49 पुलिस अधिकारियों को गिरफ्तार किया है जिन्होंने ₹100000 से लेकर ₹2000 तक की रिश्वत की मांग की है। यह बड़ी कार्रवाई सरकार की अपने रैंकों के भीतर भ्रष्टाचार को खत्म करने की अटूट प्रतिबद्धता तथा निष्पक्षता को दर्शाती है । गिरफ्तार किए गए अधिकारियों में राज्य भर के विभिन्न पुलिस स्टेशनों तथा इकाइयों से इंस्पेक्टर, सब इंस्पेक्टर, हेड कांस्टेबल और कांस्टेबल जैसे कई रैंक के अधिकारी शामिल हैं। यह बड़ी कार्यवाही पुलिसकर्मियों में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए सरकार की दूरगामी सोच की पुष्टि करती है । हरियाणा भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो का भ्रष्टाचार के विरुद्ध यह अभियान शासन और सार्वजनिक सेवा के उच्चतम मानकों को बनाए रखने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

श्री कपूर ने बताया कि हमारा प्रयास है कि लोगों को भ्रष्टाचार मुक्त तथा पारदर्शी शासन मिले। उन्होंने कहा कि यदि कोई अधिकारी अथवा कर्मचारी सरकारी कार्य करने की एवज में रिश्वत आदि की मांग करता है तो तुरंत इसकी जानकारी ब्यूरो के टोल फ्री नंबर 18001802022 या 1064 पर दे। इसके अलावा, लोग अपनी शिकायत व्हाट्सएप नंबर 9417891064 पर भी दे सकते हैं।

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