जींद की प्राचीन धरोहर जयन्ती पुरातत्व संग्रहालय को करनाल शिफ्ट न करने को लेकर सरकार से लगाई गुहार

चण्डीगढ़, 6 नवम्बर :- समाज सेवी संस्थाओं, गणमान्य एवं बुद्धिजीवी लोगों,पत्रकारों एवं संग्रहालय प्रेमियों ने महाभारत कालीन जयन्ती देवी मंदिर जींद स्थित पुरातत्व संग्रहालय को करनाल शिफ्टिंग पर रोक लगाने की हरियाणा सरकार एवं प्रशासन से मांग की है। इस बारे डीआईपीआरओ रिटायर्ड सुरेन्द्र कुमार वर्मा कोथ की अगुवाई में एक प्रतिनिधि मण्डल द्वारा लोकसभा सांसद एवं बीजेपी हरियाणा के नवनियुक्त प्रदेशाध्यक्ष नायबसिंह सैनी को विधायक डा कृष्ण मिढा की गौरवमयी उपस्थिति में ज्ञापन सौंपा गया।

प्रतिनिधि मण्डल में स्टेट अवार्डी रिटायर्ड शिक्षक सूरजभान अलेवा,भारतीय इतिहास संकलन समिति जींद के जिला अध्यक्ष जितेन्द्र अहलावत, अखिल भारतीय स्वर्णकार संघ जींद के जिला युवा प्रधान राजेन्द्र सोनी, समाज सेवी रिटायर्ड लोक सम्पर्क विभाग सूरतसिंह सैन,राधेश्याम सोनी, डोनर गुलशन भारद्वाज,कपिल भारद्वाज, डीआईपीआरओ रिटायर्ड सुरेन्द्र वर्मा,ज्योति रोहिल्ला एवं अन्य बुद्धिजीवी भी मौजूद रहे।

डीआईपीआरओ रिटायर्ड सुरेन्द्र वर्मा ने बताया कि ज्ञापन के माध्यम से प्रतिनिधि मण्डल ने महाभारत कालीन जयन्ती देवी मंदिर जींद में 16 साल पहले बनाए पुरातत्व संग्रहालय को करनाल शिफ्ट ना करके जींद में ही रखे जाने एवं इसके उचित रखरखाव की सरकार एवं प्रशासन से गुहार लगाई है। समाज सेवी सुरेन्द्र वर्मा,जितेन्द्र अहलावत एवं राधेश्याम सोनी ने बताया कि जींद रियासत के राजा-महाराजाओं द्वारा लड़ाई में प्रयोग किये गये हथियार, तलवार, भाले, सुरक्षा के लिए सिर पर पहनने वाली लोहे की टोपी भी यहां जींद संग्रहालय में सहेज कर रखी हुई है। हजारों साल पुराने सिन्धू घाटी से जुड़े तकरीबन तीन फुट बड़े मटके, मिट्टी के बर्तन हरेक को सोचने पर मजबूर कर देते हैं कि पहले के लोगों की कद-काठी कैसी रही होगी। यहां रखी हजारों वर्ष पुरानी मंझोली अथवा रमजोल सबको अपनी ओर आकर्षित करती है जिसमें दुल्हन बैठकर आती थी। इसी प्रकार वर्षों पुरानी हाथ से लिखी गीता, महाभारत और अन्य किताबों की सुंदर लिखाई, ऐतिहासिक रानी तालाब व दडे़ वाले किले की पेंटिंग, पत्थर, मुद्राएं, सिक्के, बिजना, तबला-सारंगी-एकतारा-गितार समेत वाद्य व संगीत के यन्त्र, जींद जिले के सभी तीर्थ स्थलों की पेंटिंग देखकर लोग अचंभित रह जाते हैं।

यहां और भी ऐसी पुरानी धरोहर रखी हुई है जिससे विशेषकर कर युवा पीढी़ व स्कूली बच्चों को प्रेरणा मिलती है और उन्हें हरियाणवीं संस्कृति, कला व सभ्यता का बोध होता है। इसलिए इस प्राचीन धरोहर को सहेजकर रखने एवं विस्तार के लिए सरकार व प्रशासन के साथ नागरिकों के सहयोग की भी परम आवश्यकता है ताकि जींद के बच्चों, युवाओं समेत लोगों को इस पुरातत्व संग्रहालय का भरपूर लाभ मिल सके। जींद स्थित जयन्ती पुरातत्व संग्रहालय को 28 जुलाई 2007 में हरियाणा के तत्कालीन राज्यपाल डा ए आर किदवई द्वारा लोक सभा के पूर्व सांसद जयप्रकाश की गौरवमयी उपस्थिति में स्थापित किया गया था। इसमें समाज सेवी डोनर गुलशन भारद्वाज,कपिल भारद्वाज एवं लोक सम्पर्क विभाग के रिटायर्ड डीआईपीआरओ देवराज सिरोहीवाल व सुरेन्द्र वर्मा एवं जिला प्रशासन का उल्लेखनीय भरपूर सहयोग एवं योगदान रहा। इस संग्रहालय में वर्तमान में एटेंडेंट राजेन्द्र सिंह व संजय, म्यूजियम कीपर संदीप एवं स्वीपर मीना कार्यरत हैं।

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