डाईकी के चेयरमैन ओगामे के नेतृत्व में श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय पहुंचा 20 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल।
विश्वविद्यालय के वर्ल्ड क्लास लैब देख कर अभिभूत हुए जापानी मेहमान।

वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक

पलवल : जापान के प्रतिनिधिमंडल ने बृहस्पतिवार को श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय का दौरा कर भारत के पहले राजकीय कौशल विश्वविद्यालय की कार्यप्रणाली का अवलोकन किया। जापानी प्रतिनिधिमंडल ने डाइकी के चेयरमैन ओगामे हिरोशी के नेतृत्व में श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय की अत्याधुनिक लैब देखी और जम कर सराहना की। यहां पहुंचने पर कुलपति डॉ. राज नेहरू ने जापानी मेहमानों का जोरदार स्वागत किया। उन्होंने कौशल विश्वविद्यालय के दोहरे मॉडल की विशेषताओं से अवगत करवाया। कुलपति डॉ. राज नेहरू ने कहा कि यहां वैश्विक आवश्यकताओं के अनुरूप जॉब रोल में विद्यार्थियों को तैयार किया जा रहा है। उन्होंने जापानी लैंग्वेज में डिप्लोमा कर रहे विद्यार्थियों का भी उल्लेख किया।

कुलसचिव प्रोफेसर ज्योति राणा ने जापानी प्रतिनिधिमंडल को विश्वविद्यालय के मॉडल के बारे में विस्तार से ब्यौरा देते हुए कहा यह अपने आप में अनोखा मॉडल है। जहां स्किल पीएचडी से लेकर अन्य स्किल पर आधारित प्रोग्राम चलाए जा रहे हैं। लसचिव प्रोफेसर ज्योति राणा ने विश्वविद्यालय के चारों संकायों और प्रशिक्षण कार्यक्रमों के बारे में विस्तार से जानकारी दी।

भारत में डाईकी के एमडी रेहिओ वाजा, सीईओ कमल तिवारी और सलाहकार केसी पांडे ने विश्वविद्यालय के अधिकारियों के साथ चर्चा करते हुए जापानी मेहमानों की जिज्ञासाओं को तृप्त किया। के सी पांडे ने बताया कि इस विश्वविद्यालय से जापानी भाषा में डिप्लोमा कर रहे 14 विद्यार्थियों को डाईकी ने अपनी फैक्ट्री में नियुक्त किया है और 4 विद्यार्थी कंपनी में काम कर रहे हैं।

डीन एकेडमिक अफेयर्स प्रोफेसर आर एस राठौड़ ने जापानी प्रतिनिधिमंडल के सामने विद्यार्थियों की स्किल और विभिन्न क्षेत्रों में उनकी योग्यताओं के बारे में बताया।

इंडस्ट्री इंटीग्रेशन के संयुक्त निदेशक विनीत सूरी ने प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। डिप्टी डायरेक्टर डॉ. वैशाली माहेश्वरी ने मंच संचालन किया और जापानी मेहमानों को विश्वविद्यालय परिसर के बारे में अवगत करवाया।

इस अवसर पर ओगमे यूको, मियोशी तोशिहिसा, नगानो योशिहिरो और कवाहरा सैकी भी मौजूद थे।

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