मुख्यमंत्री ने की 10 जिलों में 190 कॉलोनियों को नियमित करने की घोषणा

नगर एवं ग्राम आयोजना विभाग की 100, शहरी स्थानीय निकायों की 90 कॉलोनियां की गई नियमित
आज इन कॉलोनियों के साथ ही इस वर्ष कुल 594 कॉलोनियां हुई नियमित

चंडीगढ़, 26 अक्टूबर – हरियाणा में संस्थागत शहरी विकास की दिशा में बढ़ते हुए मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने आज 10 जिलों की 190 कॉलोनियों को नियमित करने की बड़ी घोषणा की है। इस निर्णय का उद्देश्य इन कॉलोनियों को कानूनी दर्जा देना और व्यापक बुनियादी ढांचा विकास सुनिश्चित करना है।

मुख्यमंत्री ने आज यहां एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य सरकार इन कॉलोनियों के समग्र विकास के लिए लगभग 1400 करोड़ रुपये आवंटित करेगी।

उन्होंने कहा कि नियमित की जा रही 190 कॉलोनियों में से 100 कॉलोनियां नगर एवं ग्राम आयोजना विभाग के अधिकार क्षेत्र में आती हैं, शेष 90 शहरी स्थानीय निकायों के दायरे में हैं। आज इन कॉलोनियों के नियमित करने की घोषणा के साथ ही इस वर्ष कुल 594 कॉलोनियों का सफलतापूर्वक नियमितीकरण किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि नगर एवं ग्राम आयोजना विभाग द्वारा प्रबंधित कॉलोनियों के भीतर विकास कार्यों की देखरेख हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण द्वारा की जाएगी।

कांग्रेस सरकार के 10 साल के कार्यकाल और वर्तमान राज्य सरकार के कार्यकाल के दौरान अनधिकृत कॉलोनियों के नियमितीकरण में महत्वपूर्ण अंतर पर प्रकाश डालते हुए श्री मनोहर लाल ने कहा कि 2014 के बाद से कुल 1673 कॉलोनियों को सफलतापूर्वक नियमित किया गया है, जबकि कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में केवल 874 कॉलोनियों को नियमित किया गया था, जो एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।

इस अवसर पर स्कूल शिक्षा मंत्री श्री कंवर पाल, मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव श्री राजेश खुल्लर, पर्यावरण वन एवं वन्यजीव विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री विनीत गर्ग, शहर एवं ग्राम आयोजना विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री अरूण गुप्ता, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव तथा सूचना, लोक संपर्क, भाषा एवं संस्कृति विभाग के महानिदेशक डॉ अमित अग्रवाल, नगर एवं ग्राम आयोजना विभाग के महानिदेशक एवं सचिव श्री टीएल सत्यप्रकाश, मुख्यमंत्री के ओएसडी श्री जवाहर यादव, मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार श्री भारत भूषण भारती, चीफ मीडिया कॉर्डिनेटर श्री सुदेश कटारिया, मीडिया सचिव श्री प्रवीण अत्रेय व  सूचना, लोक संपर्क, भाषा एवं संस्कृति विभाग के अतिरिक्त निदेशक श्री विवेक कालिया भी उपस्थित थे।

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