·        300 से 400 रुपए प्रति किवंटल कम रेट पर बिक रही धान, किसानों से हो रही ठगी- हुड्डा
·        प्राइवेट एजेंसियों को लाभ पहुंचाने के लिए सरकार ने जानबूझकर देरी से शुरू की खरीद- हुड्डा
·        आशा वर्कर और मनरेगा मेट से मिले हुड्डा, जायज मांगों को पूरा करने का दिया भरोसा

चंडीगढ़, 13 अक्टूबरः पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा का कहना है कि बाजरा और धान के किसानों के साथ मंडियों में जमकर ठगी हो रही है। क्योंकि उन्हें एमएसपी से कम रेट पर फसल बेचनी पड़ रही है। किसान को धान पर 300-400 रुपये और बाजरा पर 500-600 रुपये प्रति क्विंटल का घाटा उठाना पड़ रहा है। मंडियां फसल से अटी पड़ी हैं और वहां लंबी-लंबी कतारें लगी हुई हैं। कांग्रेस ने बार-बार सरकार से जल्द खरीद शुरू करने की मांग की थी। बावजूद इसके सरकार ने 15 दिन देरी से खरीद शुरू की। हमेशा की तरह खरीद शुरू होते ही पोर्टल ने काम करने बंद कर दिया, जिससे किसानों की परेशान और बढ़ गई।

हुड्डा ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए बताया कि वो पानीपत, करनाल, घरौंडा और पीपली मंडी में गए थे। मंडी में मौजूद किसान, मजदूर और आढ़तियों ने बताया कि बीजेपी-जेजेपी सरकार द्वारा चलाए गए ‘मेरी फसल, मेरा ब्यौरा’ जैसे  पोर्टल से सभी लोग परेशान हैं। कांग्रेस कार्यकाल के दौरान फसल मंडी में आते ही बिक जाती थी, अब तो कई-कई दिन इंतजार के बाद भी नंबर नहीं लगता। कांग्रेस सरकार द्वारा जल्दी खरीद शुरू करने का लाभ किसानों को मिलता था। इसके चलते प्राइवेट एजेंसियों को भी एमएसपी से ऊंचे रेट पर खरीद करनी पड़ती थी और बाजार में फसल का रेट बढ़ता था। लेकिन मौजूदा सरकार प्राइवेट एजेंसियों को लाभ पहुंचाने के लिए जानबूझकर खरीद में देरी करती है। खरीद सीजन के इतने दिन बाद भी ना सुचारू रूप से खरीद हो रही, ना उठान और ना ही पेमेंट।

इससे पहले भूपेंद्र सिंह हुड्डा धरनारत मनरेगा मेट और आशा वर्कर्स से मिलने पहुंचे। उन्होंने हर मंच पर इनकी मांगें उठाने का भरोसा दिलाया। साथ ही कहा कि अगर मौजूदा सरकार ने इनकी मांग नहीं मानी तो कांग्रेस सरकार बनने पर सभी जायज मांगों को पूरा किया जाएगा।

भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि बीजेपी-जेजेपी की नीतियों के चलते प्रदेश का हर वर्ग आंदोलनरत है। किसान, मजदूर, कर्मचारी, कच्चे कर्मचारी और व्यापारी समेत कोई वर्ग इस सरकार से खुश नहीं है। सत्ता सुख भोगने के अलावा यह सरकार कोई काम नहीं कर रही। इसी के चलते प्रदेश आज बेरोजगारी, कर्ज, अपराध, नशे और महंगाई में पहले पायदान पर पहुंच गया है। सरकार ने खुद कोर्ट में हलफनामा देकर बताया कि शिक्षण संस्थानों में 60 प्रतिशत पद खाली पड़े हुए हैं। अबतक गठबंधन सरकार 5000 स्कूलों को बंद कर चुकी है।

एसवाईएल के सवाल का जवाब देते हुए हुड्डा ने दोहराया कि हरियाणा के हक का पानी उसे मिलना ही चाहिए। केंद्र सरकार को एसवाईएल खुदवाने और पानी दिलवाने के लिए पहल करनी चाहिए।

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