नियमित होंगी 303 अतिरिक्त कॉलोनियां, 14 जिलों की लगभग 10 लाख से अधिक आबादी को होगा लाभ कॉलोनियों के विकास पर खर्च होंगे 3000 करोड़ रुपये ऐसी कॉलोनियों में चल रही कमर्शियल गतिविधियां भी कुछ शर्तों के साथ होंगी नियमित मुख्यमंत्री शहरी आवास योजना के तहत 2 लाख लोगों ने किया आवेदन चंडीगढ़, 6 अक्टूबर – त्योहारी सीजन के शुरू होने से पहले ही हरियाणा में संस्थागत शहरी विकास की दिशा में मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने एक ओर बड़ा कदम उठाते हुए आज 14 जिलों में 303 कॉलोनियों को तत्काल प्रभाव से नियमित करने की बड़ी घोषणा की है। इन कॉलोनियों में बुनियादी ढांचा विकसित करने के लिए 3000 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इनमें 39 नगर पालिकाओं की 193 कॉलोनियां और नगर एवं ग्राम आयोजना विभाग की 110 कॉलोनियां शामिल हैं। शहरी विकास के क्षेत्र में यह फैसला मील का पत्थर साबित होगा। मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने आज यहां प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि इन कॉलोनियों में 2,90,540 संपत्तियां बनी हुई हैं। इससे 10 लाख से अधिक आबादी लाभान्वित होगी। इस अवसर पर शहरी स्थानीय निकाय मंत्री डॉ कमल गुप्ता उपस्थित रहे। उन्होंने कहा कि शहरी क्षेत्रों में कुल 404 ऐसी नियमित की गई कॉलोनियों में सीवर लाइन, जलापूर्ति, सड़कें, स्ट्रीट लाइट, पार्क और अन्य विकास कार्यों विशेष ध्यान दिया जा रहा है। नियमित हो रही ये अधिसूचित कॉलोनियां कुल 5000 एकड़ जमीन पर बसी हुई हैं। इनमें नागरिक सुविधाएं तैयार करने और अन्य विकास कार्यों पर सरकार प्रति एकड़ 60 लाख रुपये खर्च करेगी। इससे यहां रहने वाले लोगों के जीवन स्तर में सुधार होगा। उन्होंने बताया कि सरकार ने ऐसी अनियमित कॉलोनियों की पोर्टल पर जानकारी मांगी थी, उनमें से 1507 कॉलोनी अभी शेष हैं। इनमें 936 शहरी स्थानीय निकाय की हैं और 571 कंट्रोल्ड एरिया में हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा संकल्प हैं कि 31 जनवरी, 2024 तक इन कॉलोनियों को भी नियमित कर दिया जाएगा। इस संबंध में जिला स्तर पर उपायुक्त एवं जिला नगर आयुक्त की अध्यक्षता में गठित टीम अधिसूचना की प्रगति की निगरानी करेगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में अनधिकृत कॉलोनियां विकसित न हो, इस पर विशेष निगरानी रखी जाएगी। इसके लिए कठोर प्रावधान किए गए हैं। उन्होंने कहा कि पहले नियमित की गई कालोनियों में 800 पॉकेट्स नियमित होने से रह गए थे। अब उन्हें भी 31 जनवरी, 2024 तक नियमित कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि अनियमित कॉलोनियों में रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन (आरडब्ल्यूए) नहीं थी, इसलिए सरकार ने निर्णय लिया है कि उस कॉलोनी के 5 लोग कॉलोनी के नियमितीकरण के लिए आवेदन कर सकते हैं। कॉलोनी के नियमित होने के बाद उस आरडब्ल्यूए को रजिस्टर करवा लेंगे। इसलिए कॉलोनियों के निवासियों से अपेक्षा है कि वे विकास शुल्क जमा करने और अपनी कॉलोनियों में विकास कार्यों के निष्पादन के लिए सरकारी एजेंसियां के साथ समन्वय करने के लिए रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन (आरडब्ल्यूए) का गठन करें। वर्ष 2014 से लेकर अब तक कुल 1438 कॉलोनियां नियमित श्री मनोहर लाल ने कहा कि कांग्रेस सरकार के 10 वर्षों के कार्यकाल में केवल 874 कालोनियों को नियमित किया गया था। जबकि हमारी सरकार ने वर्ष 2014 से लेकर अब तक कुल 1438 कॉलोनियों को नियमित किया है। उन्होंने कहा कि हमने नागरिकों की सुविधा के लिए अनधिकृत कॉलोनियों को नियमित करने हेतु मानदंडों में छूट दी है। जिन कॉलोनियों तक पहुंचने वाली सड़क 6 मीटर या इससे अधिक तथा आंतरिक सड़कें 3 मीटर या इससे अधिक चौड़ी हैं, अब उन्हें नियमित किया गया है। पालिका क्षेत्र के बाहर की कालोनियां भी नियमित मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ ऐसी कालोनियां भी हैं, जो नगर पालिका और नगर निगम क्षेत्र के बाहर बनी हैं। इनमें रहने वाले लोग बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं। हमने उनकी पीड़ा को समझा और पहली बार ऐसी कालोनियों को भी नियमित किया गया है। इसके लिए नगर एवं ग्राम आयोजना विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया है। इसी समिति की सिफारिश पर ऐसी कालोनियों को नियमित किया गया है। कमर्शियल गतिविधियां को भी मिलेगी मान्यता मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने कारोबारी गतिविधियों को आगे बढ़ाने के लिए ऐसी आवासीय कॉलोनियों में कमर्शियल गतिविधियां को भी नियमित करने का निर्णय लिया है। जिन आवासीय कॉलोनियों में कमर्शियल क्षेत्र पहले ही 4 प्रतिशत या अधिक विकसित है या कमर्शियल गतिविधियों के लिए आवंटित अथवा पंजीकृत हैं, उन्हें भी अतिरिक्त शुल्क के साथ नियमित किया जाएगा। हालांकि इसमें मॉल, मल्टीप्लेक्स्, होटल और बैंक्वेट हॉल शामिल नहीं होंगे। विकास शुल्क में राहत प्रदेश के नागरिकों पर एकमुश्त विकास शुल्क का बोझ नहीं डाला जाएगा। इसमें राहत देते हुए सरकार ने विकास शुल्क की अदायती को भवन नक्शा, बिक्री अथवा खरीद की मंजूरी आदि से जोड़ा जाएगा। उन्होंने कि अनधिकृत कालोनियों में सेल डीड पर खरीद बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। लेकिन सरकार ने इसमें रियायत देते हुए 1 जुलाई 2022 से पहले की सेल डीड को मान्यता दे दी है। जिन लोगों ने अपनी सेल डीड या एग्रीमेंट टू सेल को पंजीकृत करा रखा था, उन्हें बेचा हुआ माना जाएगा। मुख्यमंत्री शहरी आवास योजना के तहत 2 लाख लोगों ने किया आवेदन श्री मनोहर लाल ने कहा कि हरियाणा सरकार ने प्रदेश में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को सिर पर छत उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री शहरी आवास योजना बनाई है। इस योजना के अंतर्गत पात्र परिवारों को एक लाख मकान या प्लाट दिए जाएंगे। इसके तहत पोर्टल पर गरीब परिवार, जिनकी वार्षिक आय 1 लाख 80 हजार रुपये से कम है और उनके पास घर नहीं हैं, उनसे आवेदन मांगे जा रहे हैं। अभी तक 2 लाख लोगों ने आवेदन किया है। उन्होंने बताया कि प्लॉट 1 मरला का है, जिसकी कीमत लगभग 1 लाख रुपये रखी गई है। फ्लैट 450 वर्ग फुट का है, जिसकी कीमत शहर के आधार पर 6 से 8 लाख रुपये रखी गई है। उन्होंने कहा कि इसके लिए लोगों को बैंकों से ऋण की सुविधा, अधिकतम 20 साल तक, यह भी दिलाई जाएगी। अगले माह तक नीति को अंतिम रूप देकर पोर्टल पर अपलोड करेंगे। Post navigation हरियाणा के मुख्यमंत्री ने पंजाब सरकार पर किया तीखा हमला, कहा एसवाईएल मुद्दे पर आप अपना रही दोहरा रवैया बड़ी राहत……मुख्यमंत्री ने की बकाया संपत्ति कर पर टैक्स व पैनल्टी शत-प्रतिशत माफ करने की घोषणा