किसके आदेश पर की गई जाटोली अनाज मंडी पर मंगलवार को तालाबंदी ?

 बीते शुक्रवार से किसानों को गेट पास नहीं, बुधवार राम भरोसे  
बाजरा उत्पादक किसानों में सरकार के खिलाफ जबरदस्त बनी है नाराजगी
बाजरा की खरीद के चलते पहली बार अनाज मंडी पर लगा ताला

फतह सिंह उजाला                                     

जाटोली अनाज मंडी 3 अक्टूबर । क्या यह संभव है कि किसनो की फसल की सरकारी खरीद चल रही हो और खरीद फरोख्त के लिए सरकारी अनाज मंडी के मुख्य गेट पर तालाबंदी हो जाए । जी हां यह बात बिल्कुल सत्य है। पटौदी विधानसभा क्षेत्र की जाटोली अनाज मंडी में मंगलवार को यहां तालाबंदी देखने के लिए मिली । लाख टके का सवाल यह है कि आखिर जाटोली अनाज मंडी में तालाबंदी सरकार के आदेश पर हुई या फिर विभाग के मंत्री के आदेश पर या फिर बाजार की सरकारी खरीद में जुटे विभागों के अधिकारियों की मनमानी के कारण तालाबंदी की गई ?   

 बीते 5 दिनों से क्षेत्र के किसानों को अपनी बाजरा की फसल बिक्री में परेशानी का जो अनुभव हो रहा है, उसे देखते हुए इस बात का भी संशय बना हुआ है कि बुधवार को भी बाजार की खरीद सरकारी एजेंसी के द्वारा की जाएगी या फिर एक बार और यही पढ़ने और सुनने को मिलेगा कि आज गेट पास नहीं कटेंगे ! के जानकारों का कहना है कि हेली मंडी और जाटोली अनाज मंडी के इतिहास में संभवत या पहला मौका है जब फसल की सरकारी खरीद के चलते हुए अनाज मंडी में बिना किसी पूर्व सूचना के तालाबंदी कर दी गई  । हालांकि सोमवार को ही है गुरुग्राम हैफेड के डीएम के द्वारा यह कहा गया कि मंगलवार को जिला की किसी भी अनाज मंडी में बाजार की सरकारी खरीद नहीं होगी। इसके पीछे मुख्य कारण विशेष रूप से जाटोली अनाज मंडी में बाजार की बंपर आवक बताया गया । इतना ही नहीं बंपर आवक के कारण कथित रूप से यहां बाजार की लिफ्टिंग व्यवस्था भी बुरी तरह से प्रभावित हुई। 

मंगलवार को बहुत से किसान अपने-अपने ट्रैक्टर ट्राली मैं बाजरा की फसल लेकर बेचने के लिए जाटोली अनाज मंडी पहुंचे । लेकिन यहां पहुंचते ही किसान अनाज मंडी के गेट पर तालाबंदी देखकर हैरान और परेशान हो गए । गेट पास मिलेंगे या नहीं मिलेंगे, ताला खुलेगा या नहीं खुलेगा, यह जानकारी देने के लिए मौके पर मौजूद खरीद कार्यों में लगे विभाग के अधिकारी कन्नी काटते रहे । इसी बीच किसानों ने आरोप लगाया कि शुक्रवार को बाजरा लेकर आए तो कहा गया शनिवार को आना, शनिवार को जवाब मिला सोमवार को आना , अब मंगल को आए , तो यहां मंडी के गेट पर ही ताला लटका हुआ है । किसानों का यह भी कहना है कि एक-एक दिन का ट्रैक्टर ट्राली के लिए प्रति एक दिन 1000 किराया का भुगतान करना पड़ रहा है । ऐसे में 6 — 7 दिन यदि सरकारी खरीद नहीं होती है, तो किसानों को आर्थिक नुकसान झेलना ही होगा । दूसरी और बहुत से किसान मजबूरी में बाजरा की फसल समर्थन मूल्य से कम दाम पर खुले बाजार में बेचने को मजबूर हो रहे हैं। मार्केट कमेटी पटौदी के अधिकारी के मुताबिक मौजूदा खरीद सीजन में जाटोली अनाज मंडी में 88 हजार 70 कुंतल बाजरा की आवक हो चुकी है । इसमें से 71379 कुंतल बाजरा की सरकारी एजेंसी के द्वारा खरीद की गई है । वही मार्केट कमेटी अधिकारियों का यह भी तर्क है कि 25 सितंबर से 1 अक्टूबर तक जाटोली अनाज मंडी में बिना किसी रुकावट के प्रतिदिन बाजरा की बोली लगाकर खरीद की जा चुकी है। समाचार लिखने वाले दिन भी 20000 बाजरा के कट्टे लदान का दावा दिया गया । 

मंगलवार को बाजरा की खरीद को लेकर मार्केट कमेटी पटौदी के अधिकारी और किसानों के बीच बाजरा की खरीद को लेकर खूब सवाल-जवाब हुए। यहां पर क्षेत्र की पुलिस प्रशासन भी किसानों  के तेवर को देखते हुए जाटोली अनाज मंडी पर पहुंच लिया । इसका कारण यही था की कहीं  गुस्से में किसान अनाज मंडी के सामने ही बिलासपुर कुलाना सड़क मार्ग को जाम ना कर दें। इससे पहले भी बाजरा की सुचारू खरीद नहीं होने से गुस्साए किसानों के द्वारा दो-तीन बार सड़क मार्ग जाम किया जा चुका है। बहुत से किसानों के द्वारा यह भी आशंका व्यक्त की गई है कि सरकारी खरीद बाजरा की इसी प्रकार से बहाने बाजी करके कहीं बंद न कर दी जाए ? अब यह तो आने वाला समय ही बताएगा की किसानो की बाजरा की फसल का एक एक दाना खरीदा जा सकेगा या फिर नहीं !

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