यह कैसी खरीद व्यवस्था है जहां गेट पास, टोकन मिलने पर भी बाजरा एमएसपी पर खरीदा नही जा रहा ? विद्रोही

दक्षिणी हरियाणा के पूरे अहीरवाल क्षेत्र में बाजरा उत्पादक किसान को एमएसपी पर सरकारी खरीद के नाम से ठगा जा रहा है : विद्रोही
कहीं किसान गेट पास, टोकन मिलने पर भी हैफेड द्वारा बाजरा न खरीदने पर प्रदर्शन कर रहे है, कहीं बाजरा खरीद शुरू करने के लिए प्रदर्शन कर रहे है : विद्रोही

29 सितम्बर 2023 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने आरोप लगाया कि भावांतर योजना के तहत बाजरे की न्यूनतम समर्थन मूल्य 2500 रूपये प्रति क्विंटल पर सरकारी खरीद एक नौटंकी साबित हो रही है। विद्रोही ने आरोप लगाया कि चंद किसानों का थोडा सा बाजरा भावांतर योजना के तहत 2200 रूपये प्रति क्विंटल के भाव से खरीदा जा रहा है। जिन किसानों को भावांतर योजना के तहत बाजरा खरीदने के गेट पास मंडियों में मिल रहे है, क्या तो उनका बाजरा गेट पास, टोकन होने पर खरीदा ही नही गया या खरीद नौटंकी करके नमी, गुणवत्ता आदि का बहाना बनाकर उनका बाजरा खरीदने से मना कर दिया। दक्षिणी हरियाणा के पूरे अहीरवाल क्षेत्र में बाजरा उत्पादक किसान को एमएसपी पर सरकारी खरीद के नाम से ठगा जा रहा है। कहीं किसान गेट पास, टोकन मिलने पर भी हैफेड द्वारा बाजरा न खरीदने पर प्रदर्शन कर रहे है। कहीं बाजरा खरीद शुरू करने के लिए प्रदर्शन कर रहे है। 

विद्रोही ने सवाल किया कि यह कैसी खरीद व्यवस्था है जहां गेट पास, टोकन मिलने पर भी बाजरा एमएसपी पर खरीदा नही जा रहा? कहीं गेट पास, टोकन नही दिये जा रहे है, कहीं खरीद खरीद के समय बाजरा गुणवत्ता के नाम पर रिजेक्ट किया जा रहा है तो कहीं बाजरा खरीद ही शुरू नही हुई है। बाजरा की सरकारी खरीद के नाम पर यह विरोधाभास अपने आप बता रहा है कि भाजपा सरकार बाजरा खरीद करने की बजाय खरीद नौटंकी करके किसान हितैषी होने का ढोंग करके किसानों को ठग रही है। विद्रोही ने कहा कि मंडिया बाजरा व धान से अटी पडी है, मंडियों में बाजरा व धान रखने का स्थान नही, फिर भी खरीफ फसल की एमएसपी पर खरीद क्यों नही हो रही? किसान भाजपा सरकार की बदनियति से हैरान व परेशान है। 

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