भारत सारथी

बहादुरगढ़। पांच बार विधायक रहे पूर्व मंत्री रामबिलास शर्मा भाजपा के दिग्गज नेता होते हुए भी हरियाणा के मुख्यमंत्री नहीं बन पाए हैं। इसकी कसक उनके मन में हमेशा रही और शनिवार को बहादुरगढ़ में हुए कार्यक्रम में फिर से शर्मा ने इसे मंच से व्यक्त किया। हालांकि अब भी उन्हें भरोसा है कि भविष्य में एक न एक दिन वे हरियाणा का मुख्यमंत्री बनेंगे। इस कार्यक्रम में पांच बार हरियाणा के मुख्यमंत्री रहे ओमप्रकाश चौटाला भी मंच पर विराजमान थे। करीब 90 वर्ष की आयु में उनकी सक्रियता और भाषाशैली से हर कोई प्रभावित नजर आया।

बता दें कि वरिष्ठ पत्रकार प्रेम शर्मा की पुस्तक ‘शह और मात की बिसात पर हरियाणा’ के विमोचन के कार्यक्रम में पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला, पूर्व मंत्री रामबिलास शर्मा, सांसद रमेश कौशिक, विधायक मोहन लाल बड़ौली, विधायक सुरेंद्र पंवार, दिल्ली के विधायक अखिलेश पति त्रिपाठी, प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष जितेंद्र भारद्वाज, पूर्व विधायक नफे सिंह राठी, नरेश कौशिक, धर्मदेव सोलंकी, ओलंपियन योगेश्वर दत्त, भाजपा महिला मोर्चा की जिलाध्यक्ष डॉ. नीना सतपाल राठी, कांग्रेस नेता राजेश जून, पूर्व चेयरमैन कर्मवीर राठी, दीपक खट्टर व दिनेश कौशिक आदि मौजूद थे। तमाम वक्ताओं ने प्रेम शर्मा के लेखन की जमकर तारीफ की।

कार्यक्रम के दौरान पूर्व मंत्री रामबिलास शर्मा ने अपनी राजनीतिक पीड़ा सार्वजनिक रूप से जाहिर की। उन्होंने भाषण के दौरान कहा कि कार्यक्रम में पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुुड्डा का इंतजार हो रहा है। लेकिन पता नहीं मेरे नाम के आगे मुख्यमंत्री कब लगेगा। इसके बाद उन्होंने मंच पर ही बैठे सांसद रमेश कौशिक की तरफ इशारा करते हुए कहा कि इनकी भी कमी रह गई। हालांकि रमेश कौशिक ने भी बीच में टोका की हमारी तरफ से कोई कमी नहीं रही। बता दें कि रामबिलास शर्मा महेंद्रगढ़ सीट से 5 बार विधायक निर्वाचित हुए हैं और तीन बार हरियाणा सरकार में बतौर मंत्री सेवाएं दे चुके हैं। सीएम मटेरियल होने के बाद भी तमाम राजनीतिक अवरोधकों के कारण रामबिलास मुख्यमंत्री का पद नहीं पा सके।

पांच बार हरियाणा के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ले चुके ओमप्रकाश चौटाला भी कार्यक्रम में पहुंचे तो सभी ने खड़े होकर उनका स्वागत किया। पूर्व मंत्री रामबिलास शर्मा और पूर्व चेयरमैन कर्मवीर राठी ने मंच से नीचे आकर गुलदस्ता भेंट कर चौटाला का स्वागत किया। चौटाला ने मंच पर बैठकर ही कार्यक्रम को संबोधित किया और उनका भाषण पूरी तरह से पुस्तक पर ही केंद्रित रहा। विदित है कि पांच बार हरियाणा के सीएम बने चौटाला 2 दिसंबर 1989 को पहली बार करीब 6 महीने के लिए मुख्यमंत्री बने थे। फिर 12 जुलाई 1990 को चौटाला पांच दिन के लिए दूसरी बार सीएम बने। तीसरी बार 22 अप्रैल 1991 को दो हफ्ते के लिए सीएम बने। चौटाला ने चौथी बार 24 जुलाई 1999 को सीएम पद संभाला। पांचवी बार चौटाला पूरे 5 साल के लिए 2 मार्च 2000 को मुख्यमंत्री बने थे।

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