राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने श्रीमद भगवद गीता प्रवचन कार्यक्रम में की शिरकत। महामंडलेश्वर डा. स्वामी शाश्वतानंद गिरि महाराज ने किए प्रवचन। 25 जुलाई से चल रहा है अखंड गीता पीठ शाश्वत सेवाश्रम ट्रस्ट का कार्यक्रम। वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक कुरुक्षेत्र 7 सितंबर : राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि विश्व कल्याण के लिए प्रत्येक मानव को कर्म का मार्ग अपनाना चाहिए। जो मनुष्य कर्म के मार्ग पर आगे बढ़ेगा, वह निश्चित ही अपना मुकाम हासिल करेगा और मानव कल्याण के साथ-साथ देश की प्रगति में अपना योगदान दे सकेगा। इस पावन धरा पर ही हजारों वर्ष पूर्व भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को कर्म करने का मार्ग दिखाया था। आज पूरी मानव जाति को भगवान श्रीकृष्ण के उपदेशों को धारण करना होगा। राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय बुधवार को देर सायं अखंड गीता पीठ शाश्वत सेवा आश्रम ट्रस्ट में आयोजित सम्र्पूण गीता प्रवचन अमृत वर्षा कार्यक्रम में पर बोल रहे थे। इससे पहले राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय, सद्गुरु महामंडलेश्वर डा. स्वामी शाश्वतानंद गिरि महाराज, विधायक सुभाष सुधा ने मंत्रोच्चारण के बीच सम्पूर्ण गीता प्रवचन अमृत वर्षा का शुभारंभ किया और इस दौरान चार धाम चंडी शिला पूजन व आरती में भी भाग लिया। राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि सदगुरु महामंडलेश्वर डा. स्वामी शाश्वतानंद गिरि महाराज के प्रयासों से कुरुक्षेत्र में सम्र्पूण गीता अमृत वर्षा का आयोजन करना एक धार्मिक कार्य है। इस प्रकार के धार्मिक कार्यों से पवित्र ग्रंथ गीता के उपदेश लोगों तक पहुंचेंगे और लोगों में अच्छे विचार पैदा होंगे। इतना ही नहीं सदगुरु महामंडलेश्वर डा. स्वामी शाश्वतानंद गिरि महाराज के प्रयासों से देश-विदेशों में भी पवित्र ग्रंथ गीता को लेकर कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। जिसके चलते पवित्र ग्रंथ गीता के उपदेश आमजन मानस तक पहुंच रहे है। सदगुरु महामंडलेश्वर डा. स्वामी शाश्वतानंद गिरि महाराज ने हजारों लोगों के जीवन को परिवर्तित करने का काम किया है। राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने प्रदेशवासियों को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि जब-जब भी धरती पर अत्याचार और अधर्म का आगमन हुआ तब-तब परमात्मा ने किसी ना किसी रूप में अपना अवतार धारण किया और धरती से अधर्म का नाश किया। इसी पावन धरा पर हजारों वर्ष पूर्व अधर्म का नाश करने के लिए भगवान कृष्ण ने जन्म लिया और कुरुक्षेत्र की धरा पर सत्य व धर्म की जीत में भगवान श्रीकृष्ण ने अपनी भूमिका निभाई। उन्होंने कहा कि भारतीय ग्रंथों और शास्त्रों में ध्यान, भक्ति और कर्म करने का संदेश दिया गया है। आज पूरी मानव जाति को इन तीनों विषयों को अपने अंदर धारण करके भक्ति, ध्यान और कर्म के मार्ग पर आगे बढ़ना चाहिए। इस कार्यक्रम में विधायक सुभाष सुधा ने भी अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि महान शिक्षक डा. हिम्मत सिंह सिन्हा की स्मृति में ध्यान कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। यह कार्यक्रम पूर्णत डा. हिम्मत सिंह सिन्हा को ही समर्पित किया गया है। इसके अलावा सदगुरु महामंडलेश्वर, डा. शाश्वतानंद गिरि महाराज ने अखंड गीता पीठ शाश्वत सेवाश्रम ट्रस्ट की तरफ से 25 जुलाई से चल रहे कार्यक्रम में श्रीमद भगवद गीता के प्रवचन किए। इन प्रवचनों का फायदा पूरे विश्व को हुआ है। इन प्रवचनों ने हजारों लोगों के जीवन को बदलने का काम किया है। इस कार्यक्रम में सदगुरु महामंडलेश्वर डा. स्वामी शाश्वतानंद गिरि महाराज ने अपने प्रवचनों के माध्यम से पवित्र ग्रंथ गीता के उपदेशों का गुणगान किया। इस मौके पर श्री निर्मल पंचायती अखाड़ा के श्रीमहंत ज्ञान देव जी महाराज, कुरुक्षेत्र अखाड़ा के महंत गुरुभगत सिंह , महंत वासुदेवानंद गिरि, वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक, सौरव चौधरी, डा. शकुन्तला शर्मा, सुरेश सैनी कुक्कु, जय भगवान सिंगला, कष्ट निवारण समिति के सदस्य विशाल सिंगला, विष्णुदत्त शर्मा, रामेश्वर शर्मा, कमलकांत, केवल राम शर्मा, तारा चंद तायल, नानक चंद गुप्ता, पंकज अग्रवाल, विशाल गुप्ता, सुदेश यादव, दया किशन गोयल आदि उपस्थित थे। Post navigation कांग्रेस सांसद व महासचिव रणदीप सिहं सुरजेवाला ने महिलाओं के प्रति तिरस्कार और अपमान के भाव को लेकर मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को घेरा भारत के साथ आगे बढ़ सकता है नाइजीरिया : डॉ. राज नेहरू