समर्थन जताने प्रदर्शनरत आशा वर्करों के बीच पहुंचे अनुराग ढांडा
आशा वर्कर्स के धरने को पुलिस की लाठियों से कुचलने की कोशिश ने करे खट्टर सरकार : अनुराग ढांडा
रक्षाबंधन के दिन एक बहन की जान जाना रक्षाबंधन के धागे का अपमान : अनुराग ढांडा
आशा वर्कर्स की मांगों पर विचार करके प्रभावी ढंग से लागू करे खट्टर सरकार : अनुराग ढांडा

जींद/चंडीगढ़, 02 सितंबर – आम आदमी पार्टी के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट अनुराग ढांडा ने आशा वर्कर्स के धरने को समर्थन दिया। उन्होंने कहा कि लगातार 25 दिन से आशा वर्कर्स अपनी मांगों को लेकर संघर्षरत हैं। लेकिन खट्टर सरकार इनकी बात सुनने को तैयार नहीं है। सरकार इनको मूलभूत सुविधाएं भी नहीं देती और काम सभी करवाती है। यदि सरकार में हिम्मत है तो इनके धरने प्रदर्शन का सामना करे। इनके धरने को पुलिस की लाठियों से कुचलने की कोशिश ने करे। खट्टर सरकार की इस कोशिश में एक बहन की जान चली गई। आम आदमी पार्टी इसकी निंदा करती है। उन्होंने कहा कि सरकार को इनकी जायज मांगों पर विचार करके प्रभावी ढंग से लागू करे। आम आदमी पार्टी इस संघर्ष में पूरी मजबूती के साथ आशा वर्कर्स के साथ खड़ी है। जिस दिन कलम आम आदमी पार्टी के हाथ में होगी पहली कलम से इनकी मांगों को पूरा किया जाएगा।

उन्होंने कहा ये दुर्भाग्य की बात है कि रक्षाबंधन के दिन जब सीएम खट्टर को प्रदेश की हर बहन की रक्षा की शपथ लेनी चाहिए थी, उस अवसर पर संघर्ष कर रही आशा वर्कर्स पर पुलिस की ताकत का प्रयोग करके, सरकारी तौर पर एक आशा वर्कर्स की हत्या कर दी गई। उसके बावजूद भी सरकार उनकी मांगें सुनने को तैयार नहीं है। सीएम खट्टर ने रक्षाबंधन के उस धागे का अपमान किया है। इसके लिए सीएम खट्टर को पूरे प्रदेश से माफी मांगनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि जूनियर कोच के उत्पीड़न मामले में प्रदेश की जनता ने खट्टर सरकार की बेशर्मी देखी, चार्जशीट फाइल होने के बाद भी सीएम खट्टर कह रहे हैं कि इस्तीफा नहीं लेंगे-नहीं लेंगे। जबकि सीएम खट्टर ने कहा था कि यदि इनके खिलाफ सबूत पाए जाते हैं तो कार्रवाई की जाएगी। लेकिन अब अपनी बात से पलट रहे हैं। यानी हरियाणा की महिलाओं के मान सम्मान की रक्षा करना सीएम खट्टर के बस की बात नहीं है। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी अभी भी अपनी मांग पर कायम है। यदि संदीप सिंह मंत्री पद से इस्तीफा नहीं देते तो हरियाणा के लोग वो जहां भी जाएंगे उनको काले झंडे दिखाएंगे। इसके साथ आने वाले दिनों में सीएम खट्टर को भी विरोध का सामना करना पड़ेगा।

उन्होंने कहा कि पहले भी आशा वर्करों ने लंबा संघर्ष किया था। जब सरकार की तरफ से कहा गया था कि बैठ कर बात करेंगे। उस समय विधानसभा सेशन चलने का बहाना बनाया जाता था। विधानसभा सेशन भी चला गया लेकिन आशा वर्करों की कोई बात नहीं सुनी गई। जो सरकार अपनी जुबान पर नहीं टिक सकती उस पर कभी विश्वास नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता ने एक गलती करदी कि इनको उस कुर्सी के ऊपर बैठा दिया, जिसमें फैसला लेने का अधिकार इनको दे दिया। जबकि सरकार में ऐसे लोगों के होने का कोई फायदा नहीं है।

वहीं, धरने पर बैठी आशा वर्कर्स ने अनुराग ढांडा को बताया कि रक्षाबंधन के पर्व पर एक बहन की जान चली गई ये खट्टर सरकार की नाकामी है। यदि सरकार ने आशा वर्कर्स से बात की होती हो आज उस बहन की जान नहीं जाती। उन्होंने कहा कि सीएम खट्टर ने विधानसभा को घेराव करने जा रही एक एक बहन 10-10 पुलिसकर्मी लगाए और उस कार्रवाई में एक बहन की हत्या कर दी गई। उन्होंने कहा कि एक तरफ सरकार कहती है कि हम आशा वर्कर्स को 19600 रुपए दे रहे हैं। वहीं सरकार ने आशा वर्कर्स को बजट बनाकर दे दिया कि जो आशा वर्कर्स का प्रफोर्मा भरा जाता है उसको 129 गुणा 7 भरो। अब सरकार ये बताए कि जो 129 रुपए सरकार दे रही है वो 8 घंटे के दिए जा रहे हैं या पूरे दिन रात के दिए जाते हैं। उन्होंने बताया कि कि खट्टर सरकार द्वारा आशा वर्करों को डराने की कोशिश की जा रही है। उनका नाम और पता पूछा जा रहा है।

error: Content is protected !!