कहा-15 माह में क्रूड 31 प्रतिशत सस्ता तो पेट्रोल- डीजल के दाम में कमी क्यों नहीं।
31 हजार करोड़ के मुनाफे के बावजूद तेज कंपनियां क्यों अलाप रही है घाटे का राग।

चंडीगढ़, 1 सितम्बर। अखिल भारतीय कांग्रेस की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं हरियाणा कांग्रेस की पूर्व प्रदेशाध्यक्ष कुमारी सैलजा ने कहा है कि पिछले 15 माह में क्रूड ऑयल के दामों में 31 प्रतिशत की कमी आई है बावजूद इसके सरकार ने पेट्रोल और डीजल के दाम कम नहीं किए है, सरकार कमाई कर अपनी तिजोरी भरने में लगी हुई है। तेल कंपनियों को 31 हजार करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ है बावजूद इसके कंपनियां आज भी घाटे का राग अलाप रही है। उन्होंने कहा कि मोदी अपने उद्योगपति मित्रों को ही लाभ पहुंचाने में लगी हुई है उसे गरीब जनता से कुछ लेना- देना नहीं है।

मीडिया को जारी एक बयान में कुमारी सैलजा ने कहा है कि क्रूड ऑयल के दाम कम हो रहे है पर मोदी सरकार ने पेट्रोल डीजल के दाम कम नहीं किए। इतना ही नहीं सरकार रूस से सस्ती दरों पर तेल खरीदकर महंगी दरों पर जनता को बेच रही है जबकि सरकार एक बात कहती है कि तेल के दाम अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतों पर तय होते है। उन्होंने कहा कि जब अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमत बढ़ी तो मोदी सरकार ने तेल के दाम बढ़ाने में जरा भी देरी नहीं की और जब अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमत कम हुई तो सरकार चुप्पी साध कर बैठ गई। इससे साफ है कि मोदी को देश की गरीब जनता से कोई लेना देना नहीं है वह तो केवल अपने उद्योगपति मित्रों को लाभ पहुंचाने में लगी हुई है। तेल उद्योग से जुड़े जानकारों का कहना है कि सरकार चाहे तो पेट्रोल और डीजल पर पांच से छह रुपये कम कर सकती है उसके पास ऐसा करने की अभी गुंजाइश है।

उन्होंने कहा कि पेट्रोल डीजल की कीमतों में वृद्धि के कारण भी महंगाई बढ़ती है, सरकार महंगाई कम करने की दिशा में कोई कदम नहीं उठा रही है। भारत रूस से सस्ता क्रूड ऑयल खरीदकर उसे यूरोपीय बाजार में बेच रहा है। हालांकि इसके बाद भी देश में तेल कंपनियों ने अभी पेट्रोल-डीजल के दाम कम नहीं किए हैं। कंपनियों ने अप्रैल से सितंबर 2022 के बीच 21,201 करोड़ रुपये के नुकसान होने की बात कही थी। एक रिपोर्ट के मुताबिक, तेल कंपनियों ने दिसंबर 2022 तक इस घाटे की भरपाई कर ली थी। दिसंबर 2022 में भारतीय तेल कंपनियों ने सबसे ज्यादा क्रूड ऑयल रूस से खरीदा था। इससे पहले अक्टूबर और नवंबर में भी रूस से ही सबसे ज्यादा तेल भारत आया था। दिसंबर में भारत ने हर दिन औसतन 11 लाख 90 हजार बैरल क्रूड ऑयल रूस से खरीदा था। इससे एक साल पहले दिसंबर 2021 में भारत प्रतिदिन 36,255 बैरल तेल ही रूस से खरीदता था। आज जब तेल कंपनियां भारी मुनाफे में है तो वह पेट्रोल-डीजल के दाम कम क्यों नहीं कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार जनता के साथ विश्वासघात कर रही है, आने वाले चुनाव में जनता इस विश्वासघात का बदला जरूर लेगी।

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