सरकार की बेकायदगियों के कारण किसानों को एक साल तक इन मुसीबतों को झेलना पड़ा है: अभय सिंह चौटाला
कहा- भाजपा गठबंधन सरकार ने किसानों की आज यह हालत कर रखी है कि किसानों को हर चीज के लिए मजबूर होकर रास्ते रोकने पड़ते हैं, धरने, प्रदर्शन और आंदोलन करने पड़ते हैं
कृषि मंत्री ने सदन में झूठ बोला कि किसानों ने धरना खत्म कर दिया है, किसान अभी भी धरने पर बैठे हैं और तब तक धरने पर बैठे रहेंगे जब तक सभी किसानों के खाते में मुआवजे के पूरे पैसे नहीं आ जाते
कृषि मंत्री से पूछे प्रश्र – 2022 की खरीफ की फसल की बीमा राशि की अदायगी में देरी होने का क्या कारण था?, क्या सरकार 623 करोड़ रूपए जो बीमा क्लेम के हैं वो किसानों को ब्याज समेत देगी?, दस दौरान किसानों ने कर्ज उठाकर अगली फसल की बुआई की थी क्या सरकार उस कर्ज पर दिए गए ब्याज की अदायगी भी करेगी?, अब तक कितना पैसा, कितने किसानों के खाते में जमा कराया गया है? और बाकी बची राशि कब तक जमा कराएंगे? और क्या वो पैसा ब्याज समेत देंगे या नहीं देंगे?

चंडीगढ़, 29 अगस्त। मंगलवार को विधानसभा के मानसून सत्र के तीसरे और आखिरी दिन प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना पर दिए गए ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर बोलते हुए इनेलो के प्रधान महासचिव एवं ऐलनाबाद के विधायक अभय सिंह चौटाला ने बीमा कलेम के लिए चौपटा तहसील में धरने पर बैठे किसानों के बारे में कृषि मंत्री पर सदन में झूठ बोलने का आरोप लगाते हुए कहा कि मंत्री का कहना कि किसानों ने धरना खत्म कर दिया है, यह सरासर झूठ है और किसान अभी भी धरने पर बैठे हैं और तब तक धरने पर बैठे रहेंगे जब तक सभी किसानों के खाते में मुआवजे के पूरे पैसे नहीं आ जाते। उन्होंने कहा कि सरकार की बेकायदगियों के कारण किसानों को एक साल तक इन मुसीबतों को झेलना पड़ा है।

अभय सिंह चौटाला ने कहा कि किसानों को एक साल तक बीमा क्लेम न मिलने के कारण धरना, प्रदर्शन करना पड़ा जो 90 दिनों तक चला लेकिन न तो डीसी, न ही कोई कृषि अधिकारी और न ही बीमा कंपनी के किसी अधिकारी ने वहां जाकर किसानों की बात सुनीं। उसके बाद 4 किसानों ने नरयाणखेड़ा गांव की टंकी पर चढ़ कर धरना दिया और हजारों किसानों ने टोल को बंद किया तब जाकर डीसी ने उनके साथ बातचीत शुरू की। अभी तक भी किसानों को सिर्फ आश्वासन ही दिया गया है कि उन्हें पूरा पैसा दे दिया जाएगा। अभय सिंह चौटाला ने कहा कि भाजपा गठबंधन सरकार ने किसानों की आज यह हालत कर रखी है कि किसानों को हर चीज के लिए मजबूर होकर रास्ते रोकने पड़ते हैं, धरने, प्रदर्शन और आंदोलन करने पड़ते हैं। चाहे सूरजमुखी की खरीद की बात हो, चाहे सरसों की खरीद की बात हो, चाहे बाजरे के नुकसान के लिए मुआवजे की बात हो हर चीज में सरकार किसानों को प्रताड़ित करने के सिवाय कुछ नहीं कर रही।

अभय सिंह चौटाला ने कृषि मंत्री से प्रश्र पूछा कि यह बताएं कि 2022 की खरीफ की फसल की बीमा राशि की अदायगी में देरी होने का क्या कारण था?, क्या सरकार 623 करोड़ रूपए जो बीमा क्लेम के हैं वो किसानों को ब्याज समेत देगी?, दस दौरान किसानों ने कर्ज उठाकर अगली फसल की बुआई की थी क्या सरकार उस कर्ज पर दिए गए ब्याज की अदायगी भी करेगी?, अब तक कितना पैसा, कितने किसानों के खाते में जमा कराया गया है? और बाकी बची राशि कब तक जमा कराएंगे? और क्या वो पैसा ब्याज समेत देंगे या नहीं देंगे?