चंडीगढ़, 29-08-2023 – उच्चतर शिक्षा विभाग द्वारा राजकीय महाविद्यालयों में कार्यरत्त प्राध्यापकों की ऑनलाइन तबादला प्रक्रिया के प्रति दिखाए जा रहे ढुल-मुल रवैये से क्षुब्ध शिक्षकों ने आज हरियाणा राजकीय महाविद्यालय शिक्षक संघ के आह्वान पर हरियाणा के मुख्यमंत्री, उच्चतर शिक्षा मंत्री, अतिरिक्त मुख्य सचिव उच्चतर शिक्षा विभाग एवं निदेशक उच्चतर शिक्षा विभाग हरियाणा को ई-मेल के माध्यम से ज्ञापन भेज सरकार को इस ओर ध्यान देने हेतु चेताया !

संघ के प्रवक्ता डॉ. रवि शंकर ने बताया कि बार -बार ऑनलाइन तबादला प्रक्रिया की तारीख़ें बदल कर बरसों से निष्पक्ष तबादलों की आस लगाए बैठे प्राध्यापकों के हितों के साथ विभाग खिलवाड़ कर रहा है जबकि यह माननीय मुख्यमंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट है!

संघ के अध्यक्ष डॉ. अमित चौधरी एवं महासचिव डॉ. प्रतिभा चौहान बताया कि ऑनलाइन ट्रांसफर पॉलिसी की विसंगतियों जैसे ब्लॉक/कैप्ट पोस्ट, कोर्ट प्रोटेक्टेड एक्सटेंशन लेक्चरर्स पोस्ट, डेपुटेशन/ टेंपररी ट्रांसफर, सब्जेक्ट स्ट्रेंथ आदि को पारदर्शी तरीके से दूर कर शिक्षा-शिक्षक हित में निर्णय लेने हेतु आज सरकार को ज्ञापन प्रस्तुत किया गया है ! राज्य के समस्त शिक्षकों को आशा है कि सरकार शीघ्र ही उनकी बात सुनेगी अन्यथा अपनी बात सुनाने एवं समझाने हेतु आगामी शिक्षक दिवस पर शिक्षकों को शिक्षा निदेशालय का रुख़ करना पड़ेगा !

संघ के उपाध्यक्ष प्रो. अरुण कुमार एवं संगठन सचिव डॉ. सुनील कुमार ने अपनी बात रखते हुए कहा कि हरियाणा के सभी महाविद्यालयों के साथियों के आग्रह पर एसोसिएशन ने सरकार से निवेदन किया है कि ओटीपी कार्यान्वयन में पारदर्शिता और उच्चतर शिक्षा और शिक्षक हितैषी दृष्टिकोण से अनेक तथ्यों और कारणों को ध्यान में रखने की आवश्यकता है जैसे ट्रांसफर वर्कलॉड के आधार पर किया जाना चाहिए जैसा कि ऑनलाइन ट्रांसफर नीति में स्पष्ट लिखा है।

सब्जेक्ट/कालेज लेवल पर केप्ट/ब्लॉक्ड पोस्टों की संख्या/प्रतिशत के बारे में पारदर्शी तरीके से शिक्षक प्रतिनिधियों के साथ बातचीत करके निर्णय लिया जाए तथा ऐसे निर्णयों के लिए विभाग का उचित और उच्चतर शिक्षा हितैषी तर्क आधार होना चाहिए।

ऑनलाइन ट्रांसफर पॉलिसी में स्थानांतरण हेतु एक्सटेंशन लेक्चरर्स के पद रिक्त माने गए हैं। यदि विभाग केप्ट/ब्लॉक्ड पोस्ट्स को ओटीपी ड्राइव के बाद कार्यरत एक्सटेंशन लेक्चरर्स से भरता है, तो यह एक्सटेंशन लेक्चरर्स को स्टेशन देने की स्पष्ट नीति के अभाव में भविष्य में ट्रांसफर/ डेपुटेशन में कदाचार/ भ्रष्टाचार का मार्ग प्रशस्त कर सकता है। जो सरकार की भ्रष्टाचार विरोधी नीति के खिलाफ कार्य होगा। यह नहीं होना चाहिए।

ऑनलाइन ट्रांसफर पॉलिसी के शेड्यूल में 26 जून 2023 से लेकर अब तक पांच बार बदलाव हो चुका है। इधर शिक्षक शेड्यूल के अनुसार डाटा भरने के लिए पूरा दिन बार बार पोर्टल देखने के लिए विवश हैं। लेकिन मुख्यालय शेड्यूल के अनुसार काम नहीं होने के बारे में एक लाइन की सूचना तक शिक्षकों को नहीं देता। यह मुख्यालय का न सिर्फ असंवेदनशील रवैया है बल्कि साबित करता है कि केप्ट पोस्ट / एक्सटेंशन लेक्चरर्स की कोर्ट प्रोटेक्टेड पोस्ट से लेकर डेपुटेशन/टेंपररी ट्रांसफर पीरियड और सब्जेक्ट में स्ट्रेंथ आदि पर कोई तैयारी नहीं थी। परिणामस्वरूप आज न सिर्फ ओटीपी ड्राइव बहुत लेट हो चुकी है बल्कि शिक्षक संघ के सुझावों को अनसुना करने के कारण तकनीकी और कानूनी मसलों में उलझ चुकी है। इसलिए सरकार निवेदन किया गया है कि उक्त विषयाधीन बिंदुओं पर शिक्षक संघ के सुझावों को शामिल करके ओटीपी ड्राइव लाई जाए जिसमें नियमित शिक्षक और शिक्षा हितों की प्राथमिकता हो।इस अवसर पर संघ की सह सचिव श्रीमती ज्योति दहिया एवं वित्त सचिव श्रीमती प्रियंका वर्मा भी मौजूद रही !

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