– विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बी.आर. काम्बोज ने पर्वतारोहण दल को हरी झंड़ी दिखाकर रवाना किया।

23 अगस्त, हिसार। चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय का 10 सदस्यीय पर्वतारोहण दल हिमालय पर्वतमाला की सबसे ऊंची चोटियों में से एक 7077 मीटर की ऊंचाई पर खड़ा माउंट कुन की चढ़ाई करेगा। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बी.आर. काम्बोज ने आज इस पर्वतारोहण दल को हरी झंड़ी दिखाकर रवाना किया। साथ ही खुशी जताते हुए दल के सदस्यों के साहस की सराहना की। उन्होंने कहा यह अत्यंत गर्व का विषय है कि चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय पर्वतारोहण क्लब के इतिहास में पहली बार यह दल हिमालय पर्वतमाला की सबसे ऊंची चोटियों में शुमार माउंट कुन को फतेह करने जा रहा है।

कुलपति ने इस दल के सदस्यों को अभियान की सफलता के लिए शुभकामनाएं दीं और कहा कि माउंट कुन उन चुनौतियों के प्रतीक के रूप में खड़ा है, जो हमारे जीवन के पहलुओं को दर्शाता है। इन चुनौतियों पर विजय प्राप्त करना ही हमारे साहस और सपने को साकार करने की क्षमता का परिचय देता है। उन्होंने कहा पर्वतारोहण ऐसा कार्य है जिसके लिए न केवल शारीरिक सहनशक्ति बल्कि मानसिक दृढ़ता की भी आवश्यकता होती है। ऐसे प्रयास विद्यार्थियों के समग्र विकास में बहुत सहायक होते हैं।

इस अवसर पर उपस्थित छात्र कल्याण निदेशक डॉ. अतुल ढीगंड़ा ने भी इस पर्वतारोहण दल का उत्साहवर्धन किया और अभियान दौरान टीम की भान्ति कार्य करने के लिए प्रेरित किया। साथ ही उन्होंने इस अभियान दौरान प्राकृतिक पर्यावरण का सम्मान और संरक्षण करने पर जोर दिया।

दल का नेतृत्व पर्वतारोहण क्लब के अध्यक्ष डॉ. मुकेश सैनी व डॉ. विक्रम कर रहे हंै। डॉ. मुकेश सैनी ने बताया कि जैसे-जैसे अभियान लेह क्षेत्र के बीहड़ों में आगे बढ़ेगा, पर्वतारोहण दल उस क्षेत्र की कृषि, जलवायु परिवर्तन, भू-विज्ञान सहित अन्य विषयों पर अध्ययन करेगा। उन्होंने बताया कि यह अभियान एनएएचईपी-आईडीपी द्वारा प्रायोजित है और इसे भारतीय पर्वतारोहण फाउंडेशन द्वारा अनुमोदित किया गया है।

इस अवसर पर हकृवि के स्नात्तकोतर शिक्षा अधिष्ठाता व पीआई-आईडीपी डॉ. के.डी. शर्मा सहित मीडिया एडवाइजर डॉ. संदीप आर्य, सह निदेशक छात्र कल्याण, डॉ. सुशील लेगा, सह निदेशक छात्र कल्याण (खेल) डॉ. बलजीत गिरधर, एनएसएस अधिकारी डॉ. चंद्रशेखर डागर, सह निदेशक छात्र कल्याण (काउंसिलिंग एवं प्लेसमेंट) डॉ. सुबोध अग्रवाल, डॉ. सुभाष व डॉ. अजय जांगड़ा भी उपस्थित रहे।

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