नूंह हिंसा में शहीद होमगार्ड के परिवार से मिले आम आदमी पार्टी के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट अनुराग ढांडा सरकार का कोई भी अधिकारी अंतिम संस्कार के बाद शहीद होमगार्ड के घर नहीं गया : अनुराग ढांडा बिना ट्रेनिंग के होमगार्डों को संवेदनशील जगह नियुक्त क्यों किया? : अनुराग ढांडा हरियाणा का माहौल खराब करने की कोशिश कर रही खट्टर सरकार : अनुराग ढांडा हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद जगह-जगह मार्च निकालकर उकसाने वाले बयान दिए जा रहे : अनुराग ढांडा टोहाना/फतेहाबाद, 04 अगस्त – आम आदमी पार्टी के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट अनुराग ढांडा ने शुक्रवार को नूंह हिंसा में शहीद हुए होमगार्ड गुरसेवक सिंह के परिवार से उनके गांव फतेहपुरी पहुंचकर मुलाकात की। उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि गुरसेवक सिंह ड्यूटि करते हुए शहीद हो गए हैं, उनके प्रति सरकार के रवैये से परिवार नाराज है। सरकार की ओर से कोई प्रशासनिक अधिकारी उनको न तो सही प्रक्रिया बता रहा है और न उनको ये बताया जा रहा है कि उनको सरकार की तरफ से क्या मुआवजा दिया जा रहा है। इसके अलावा न पोस्टमार्टम रिपोर्ट में अभी तक ये बताया गया कि उनकी मौत कैसे हुई। सरकार का कोई भी अधिकारी अंतिम संस्कार के बाद उनके घर नहीं गया। उन्होंने कहा कि होमगार्ड की ऐसे संवेदनशील इलाके में ड्यूटि नहीं लगाई जाती, बल्कि उसके लिए पुलिस की ट्रेनिंग होती है। बिना प्रॉपर ट्रेनिंग के होमगार्ड को ऐसी जगह उतार देना सरकार की गलत नीति को दर्शाता है। उसके बावजूद गुरसेवक ने ड्यूटि करते हुए अपनी शहादत दे दी। उन्होंने खट्टर सरकार ने जवान को शहीद का दर्जा और परिवार को कम से कम एक करोड़ रुपये की सम्मान राशि दी जाने की मांग की। उन्होंने कहा सरकार का ये घटिया स्तर है कि होमगार्ड की ड्यूटि जिले से बाहर लगाई गई। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी जगह-जगह पर माहौल खराब करने की कोशिश कर रही है। हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद जगह-जगह मार्च निकाले जा रहे हैं, उकसाने वाले बयान दिए जा रहे हैं। बीजेपी की ओर से सुनियोजित साजिश के तहत प्रदेश के माहौल को खराब करने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि हरियाणा में सिपाही से लेकर इंस्पेक्टर तक 75,186 स्वीकृत पदों में से 49,808 पद भरे हैं। हरियाणा के पुलिस विभाग में 25 हजार से ज्यादा पद खाली हैं। पुलिस फोर्स की कमी के कारण हरियाणा में बार बार कानून व्यवस्था की स्थिति उत्पन्न होती है। उन्होंने कहा कि सरकार पर संदेह के तीन मुख्य कारण बताए। पहला जिस दिन नूंह में यह घटना हुई उस दिन जिले के सैकड़ों पुलिसकर्मियों को वीआईपी ड्यूटी पर जिले से बाहर भेज दिया गया। दूसरा कारण है कि जिले के एसपी को छुट्टी पर भेज दिया गया, जबकि ऐसी संवेदनशील स्थिति में बड़े अधिकारियों की छुट्टी को रद्द कर दिया जाता है। तीसरा कारण है कि डीजीपी कह रहे हैं एसआईटी बननी चाहिए और मुख्यमंत्री कह रहे हैं जरूरत नहीं है। इसका मतलब जांच भी नहीं होनी देना चाहते। उन्होंने प्रदेश के लोगों से लोग आपसी प्यार और भाईचारे को कायम रखने की अपील की। Post navigation सरकार की लिपिक वर्ग में फूट डालने की नीति से कर्मचारी सावधान रहे : शिवकुमार श्योराण बंटवारे की त्रासदी झेलने वालों की याद में विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस घोषित करने के लिए प्रधानमंत्री का आभार- मुख्यमंत्री मनोहर लाल