धनखड़ के हरियाणा भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के रूप में तीन साल पूरे होने पर विशेष

अरविंद सैनी …………….. प्रदेश मीडिया सह प्रमुख, भाजपा -हरियाणा

रविवार यानि आज 23 जुलाई को भारतीय जनता पार्टी हरियाणा के प्रदेश अध्यक्ष का दायित्व संभाले ओमप्रकाश धनखड़ को तीन साल पूरे हो गए। 19 जुलाई 2020 को अध्यक्ष पद के लिए उनके नाम की घोषणा हुई थी और उसके पांच दिन बाद रोहतक में मुख्यमंत्री मनोहर लाल, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला सहित सैकड़ों कार्यकर्ताओं की मौजूदगी में धनखड़ ने विधिवत दायित्व संभाला था। एक ऐसे चुनौतीपूर्ण माहौल में धनखड़ को प्रदेश अध्यक्ष का दायित्व मिला था, जिसमें कोरोना महामारी और किसान आंदोलन जैसी चुनौतियों से लड़ते हुए संगठन को खड़े रखना भी आसान नहीं था, लेकिन धनखड़ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की उम्मीदों पर खरे उतरते हुए न केवल तमाम बाधाओं को पार किया, बल्कि 360 नेताओं की सबसे बड़ी कार्यकारणी बनाई और तीन साल में कार्यकर्ताओं की एक लंबी चौड़ी फौज खड़ी कर दी। यानि तीन साल तक धनखड़ लगातार संगठन गढ़ते हुए चलते रहे और सुपंथ पर बढ़ते रहे। जिसके कारण आज हरियाणा में भाजपा के पास दो लाख तीन हजार से अधिक पन्ना प्रमुखों सहित लगभग साढ़े तीन लाख कार्यकर्ताओं की टीम है। उनके इसी अथक कार्यों और नेतृत्व क्षमता को देखते हुए संभावना ही नहीं, बल्कि यह मानकर चला जा रहा है कि धनखड़ को प्रदेश अध्यक्ष के रूप में एक और सशक्त पारी खेलने का मौका मिल गया है। अब धनखड़ की नजर इस बात पर है कि हरियाणा में संगठन शक्ति को और मज़बूत कर 2024 में लोकसभा की सभी 10 सीटों पर जीत दिलाई जाए और विधानसभा चुनावों में पार्टी की नैया पार कराई जाए।

अगले कुछ महीने में ही पन्ना प्रमुखों की संख्या हरियाणा में चार लाख तक पहुंच जाएगी। क्योंकि अब तक 90 में से 34 विधानसभाओं में पन्ना प्रमुख सम्मेलन हो चुके हैं। 23 जुलाई यानि आज ही प्रदेश में एक साथ छह पन्ना प्रमुख सम्मेलन होने हैं। जिस रफ्तार से पन्ना प्रमुख सम्मेलन हो रहे हैं, उससे यह माना जा रहा है कि अगस्त के अंत तक सभी 90 विधानसभाओं में पन्ना प्रमुखों के सम्मेलन संपन्न कर लिए जाएंगे।

बात पन्ना प्रमुख बनाने तक ही नहीं है, इस प्रक्रिया के बाद पन्ना समितियों के गठन की योजना लेकर भी पार्टी बैठी है।
क्योंकि यहां बात ओमप्रकाश धनखड़ के पिछले तीन साल के कार्यों की हो रही है, इसलिए यहां कुछ अन्य महत्वपूर्ण कार्यों की चर्चा होना भी जरूरी है। दरअसल एबीवीपी के कार्यकर्ता के रुप में अपने राजनीतिक जीवन का सफर शुरू वाले ओमप्रकाश धनखड़ ने दायित्व मिलने के बाद सबसे पहले किसान आंदोलन के बीच प्रदेश के किसानों को यह समझाने में अपनी पूरी जान लगाई कि मोदी सरकार से बेहतर किसान हितैषी कोई नहीं हो सकता। साथ -साथ कोविड महामारी से निपटने में भी कार्यकर्ताओं के साथ लगकर प्रदेश की जनता को राहत पहुंचाने में कोई कसर नहीं छोड़ी और सेवा ही संगठन नाम से चले अभियान को सफल बनाया। इसके बाद अमृतकाल के कार्यों के तहत 90 विधानसभाओं में तिरंगा यात्रा से लाखों लोगों की भावना स्वतंत्रता सेनानियों के साथ तो जोड़ी ही, किसान आंदोलन के कारण भाजपा से छिटकने वाले लोगों की भावनाओं को भी भाजपा की तरफ करने में सफलता पाई।

129 नेताओं के साथ काला पानी की यात्रा, वहां की बलिदानी मिट्टी लाकर उसे कार्यकर्ताओं के माध्यम से प्रदेश के घरों तक पहुंचाना, नेता जी सुभाष चन्द्र बोस को याद करने के लिए पराक्रम दिवस पर हर विधानसभा में कार्यक्रम, चंद्रशेखर आजाद के बलिदान दिवस पर इलाहाबाद की यात्रा, भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव के बलिदान दिवस पर इन शहीदों के गांवों की यात्रा की। यहां तक कि इस दौरान शहीद परिवारों‌ को सम्मानित कर यह संदेश दिया कि भाजपा शहीदों और स्वतंत्रता सेनानियों के परिवार के लिए सदा खड़ी है। इस दौरान जगह जगह कार्यक्रम कर गुमनाम शहीदों के नाम उजागर किए गए।

इसके अलावा एक ही दिन में 311 मंडल कार्यकारिणी की बैठकें, बूथ स्तर पर मन की बात कार्यक्रम सुनने के प्रोग्राम, 39 साल बाद चंडीगढ़ में प्रांतीय परिषद सम्मेलन, सभी शक्ति केंद्रों की बैठकें। 19786 बूथों पर पहले त्रिदेव नियुक्त करना और फिर उनके सम्मेलन करने का सिलसिला धनखड़ ने जारी रखा। इस दौरान पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व द्वारा दिए गए टास्क भी धनखड़ के नेतृत्व में पूरे किए गए। जैसे पार्टी स्थापना दिवस पर पांच लाख कार्यकर्ता के घरों पर पार्टी के झंडे लगाना। बाबा साहब अंबेडकर के जन्मदिन पर, अटल जी की जयंती पर, हरियाणा सरकार के सात साल पूरे होने पर सात साल -सात कमाल कार्यक्रम लेकर जनता के बीच पहुंचने के कार्यक्रम, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के जन्मदिन पर सेवा और समर्पण कार्यक्रम, मोदी सरकार के सात साल, आठ साल और नौ साल पूरे होने पर महाजनसंपर्क अभियान के जरिए मोदी सरकार के कार्यों को जन-जन तक पहुंचाने का कार्य सफलतापूर्वक करना भी धनखड़ की उपलब्धियों में गिना जाता है।

आरएसएस की विचारधारा से आने वाले ओपी धनखड़ की राजनीति केवल राजनीति के लिए नहीं है, बल्कि उनके लिए राजनीति सेवा का माध्यम है, यह इससे साफ हो जाता है कि जब वे कृषि मंत्री थे तब उन्होंने अनेक सीधे सीधे जनभावना से जुड़े कार्य किए। गांवों में गौरव पट्ट लगाकर गांवों को अपनी योग्यता और विरासत पर गौरवान्वित कराने का काम धनखड़ ने ही किया था। किसानों की मांगों को पुरजोर से उठाने वाले ओमप्रकाश धनखड़ के राजनीतिक सफर का आधार केवल काम रहा है। इसमें कोई अतिशयोक्ति नहीं है कि उनके काम और उनकी व्यवहार कुशलता ने उन्हें दिग्गज नेताओं की श्रेणी में लाकर खड़ा कर दिया। और जब भी मौका मिला तो धनखड़ ने इसे साबित भी करके दिखाया। प्रदेश भर के कार्यकर्ता और सैकड़ों लोगों से वे रोजाना मिलते हैं। शायद ही ऐसा कोई पदाधिकारी या कार्यकर्ता हो, जिनका नाम ओमप्रकाश धनखड़ न जानते हों। बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं से भी फोन मिलाकर बात कर लेना, धनखड़ की कार्यशैली का हिस्सा बन गया है।

कार्यकर्ताओं का सम्मान और फिर योग्यतानुसार उनको काम धनखड़ की एक ऐसी विशेषता है, जिसके कारण हर कार्यकर्ता उनसे सीधे जुड़ा हुआ महसूस करता है।‌ ओम प्रकाश धनखड़ स्वयं भी कहते हैं कि उनके लिए जनता और कार्यकर्ता ही भगवान हैं। वे जनता और कार्यकर्ताओं में ईश्वर के विराट रूप के दर्शन करते हैं।

ओपी धनखड़ जानते हैं कि कोई भी संगठन तभी मजबूत हो सकता है जब कार्यकर्ता लगातार सक्रिय रहें। इसलिए धनखड़ ने दायित्व संभालने के बाद से लगातार कार्यक्रम किए। खुद धनखड़ तो एक- एक दिन में तीन -तीन कार्यक्रमों में पहुंचे और कार्यकर्ताओं में जोश और पब्लिक में विश्वास भरने का काम किया कि प्रदेश व केंद्र सरकार तथा पार्टी का हरेक कार्यकर्ता जनसेवा के लिए हैं।

धनखड़ कहते हैं कि भाजपा, संगठन शक्ति और कार्यकर्ता के बल से चलने वाला दल है। भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता अनुशासित, राष्ट्रहित के प्रति संकल्पित और समर्पित कार्यकर्ता हैं। हमारा संगठन दुनिया का सबसे मजबूत संगठन है इसके पीछे भी हमारी कार्यपद्धति की सबसे अहम भूमिका है। वर्तमान में चल रहे पन्ना प्रमुख सम्मेलन हो या कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों की बैठक, सभी में धनखड़ कार्यकर्ताओं को प्रेरित करते रहते हैं। वे कहते हैं कि भाजपा में ही साधारण कार्यकर्ता की असाधारण यात्रा होती है। पन्ना प्रमुख में से ही कोई प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री व पार्टी अध्यक्ष सहित अन्य पदों पर विराजमान होकर देश की सेवा करते हैं।

कार्यकर्ताओं के साथ बैठकें करना, जूम द्वारा कार्यकर्ताओं को दिशा निर्देश देना, फोन के जरिए पदाधिकारियों से बातचीत करना उनके रूटीन कार्य हैं। मोदी सरकार के 9 साल पूरे होने पर जून महीने में चले महाजनसंपर्क अभियान में प्रदेश अध्यक्ष धनखड़ के नेतृत्व में संगठन ने पूरी ताकत झोंकी। महीने भर प्रदेश व जिला स्तर पर 15 से ज्यादा सफल कार्यक्रमों का आयोजन हुआ। 9 लोकसभाओं क्षेत्रों में शानदार रैलियां कर केंद्रीय नेतृत्व की प्रशंसा पाने वाले ओमप्रकाश धनखड़ को जानने वाले कहते हैं कि वे संगठन को पन्ना समितियों तक लेकर जाएंगे। खैर 2024 चुनाव और उसके नतीजे तो भविष्य के गर्भ में हैं, लेकिन ओमप्रकाश धनखड़ की अबतक की संगठनात्मक कुशलता को देखकर लगता है कि अन्य दलों के मुकाबले भाजपा की स्थिति को कई गुना अधिक मजबूत करने में सफल रहने वाले भाजपा प्रदेश अध्यक्ष चुनावी वैतरणी भी पार कराने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ेंगे।

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