भोपाल : भोपाल में ऑनलाइन ऐप के जाल में फंसे एक दंपती ने अपने दो बेटो को के साथ जहर खाकर सुसाइड के मामले में मानवाधिकार एक्शन फोरम नें पति पत्नी एवं दोनों बच्चो की सुसाइड के मामले में राज्य मानवाधिकार आयोग मध्य प्रदेश, मुख्यमंत्री साथ व गृह मंत्रालय से शिकायत कर मामले को गंभीरता से देखते हुए गुनाहगारों के खिलाफ कठोर कार्रवाई के लिए गूहार लगाई है।

गौरतलब हो कि गुरुवार को दंपती के शव घर में फांसी के फंदे पर लटके मिले । रातीबड़ की शिव विहार कॉलोनी में रहने वाले भूपेंद्र विश्वकर्मा (38) कोलंबिया बेस्ड एक कंपनी में ऑनलाइन जॉब करते थे। भूपेंद्र पर काम का प्रेशर और लोन था। कंपनी ने उनका लैपटॉप हैक कर उसमें मिले कॉन्टेक्ट पर एडिटेड अश्लील वीडियो वायरल कर दिए थे। इससे परेशान भूपेंद्र ने अपनी पत्नी रितु (35) के साथ सुसाइड कर लिया। इससे पहले दो बेटों ऋतुराज (3) और ऋषिराज (9) को जहर दिया। भूपेंद्र के बड़े भाई नरेंद्र विश्वकर्मा के उनूसार उसने दोनों बच्चों और पत्नी के साथ देर रात सेल्फी कैप्चर की थी। कोल्ड ड्रिंक (माजा) में सल्फास मिलाकर दोनों बच्चों को पिला दिया। इसके बाद भूपेंद्र और उसकी पत्नी रितु, बच्चों के पास ही बैठे रहे। जब उन्हें दोनों बच्चों की मौत होने की पुष्टि हो गई, तो भूपेंद्र ने दो दुपट्टा को आपस में बांधकर फंदा बनाया और एक साथ फांसी लगाकर जान दे दी, साथ ही भूपेंद्र के घर से सल्फास के छह पैकेट मिले हैं।

परिवार बालों के अनुसार भूपेंद्र सबसे बड़े बेटे थे। उनके साथ साइबर क्राइम हुआ है। उनका मोबाइल और कंपनी से मिला लैपटॉप हैक कर लिया गया। मोबाइल में उनके जितने भी कॉन्टैक्ट नंबर थे, उन पर उनके एडिटेड अश्लील वीडियो और फोटो वायरल कर दिए गए थे। धमकी देकर पैसों की डिमांड कर रहे थे। भूपेंद्र ने चार पांच दिन पहले वॉट्सऐप स्टेटस भी डाला था कि मेरे द्वारा ये मैसेज नहीं किया जा रहा है। आप इसे अनदेखा करें। परिवार बालों का कहना है दो तीन दिन पहले बात हुई‌ थी, वे बहुत परेशान हो चुके थे और उनसे 17 लाख की डिमांड की गई थी।

उपरोक्त मामले में मानवाधिकार एक्शन फ़ोरम के अध्यक्ष व सोशल ऐक्टिविस्ट एडवोकेट शुभम द्विवेदी ने फ़ोरम के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी व समाजसेवी ईं आर के जायसवाल से बातचीत में बताया कि राज्य मानवाधिकार आयोग मध्य प्रदेश, राज्य के मुख्यमंत्री व गृह मंत्रालय में प्रमुखता से शिकायत दायर करते हुए और उन सभी से पत्र लिखकर कठोर कार्यवाही की मांगी है। साथ ही इस तरह कि समस्त वेबसाइट एवं लोन एप को बैन करने के लिए निवेदन भी भेज दि गई है और सभी गुनाहगारों पर उच्च स्तरीय जांच कर मामले को गंभीरता के साथ देखने का हमने अनुरोध किया है, ताकि भविष्य से इस तरह कि मामले को दोहराया ना जाय।

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