मिड डे मील कुक कम हैल्पर्स के धरने के चौथे दिन मांगों को लेकर प्रदर्शन किया, सांसद को ज्ञापन दिया

सांसद के आश्वासन के बाद धरना स्थगित

भारत सारथी/ कौशिक

नारनौल। मिड डे मील कुक कम हैल्पर्स की न्यायसंगत मांगों के समाधान हेतु मिड डे मील कुक कम हैल्पर्स के धरने के चौथे दिन लघु सचिवालय से जुलूस के रूप में अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन किया। पंचायत भवन पहुंचकर सांसद चौधरी धर्मबीर सिंह को ज्ञापन सौंपा ।

प्रतिनिधि मंडल ने विस्तार से अपनी मांगों की जानकारी सांसद के सामने रखी। सांसद ने अपनी ओर से न्यायसंगत मांगों की पूरी पैरवी कर राज्य सरकार को भिजवाए जाने का आश्वासन दिया। सांसद के ठोस आश्वासन पर जिला कमेटी ने निर्णय कर मिड डे मील कुक कम हैल्पर्स के धरने को स्थगित करने का निर्णय लिया।

ज्ञापन में कहा गया है कि हम मिड डे मील कुक कम हैल्पर्स बेहद गरीब परिवारों से हैं जो सरकार की पोषाहार नीति को लागू कर बच्चों को कुपोषण से बचाने की मुहिम में जुटे हैं।

स्कूलों में नौनिहालों को खाना बनाकर खिलाने वाली मिड डे मील कुक कम हैल्पर्स को साल में 10 महिने ही मानदेय मिलता है। रिटायरमेंट पर खाली हाथ घर जाना पड़ता है। पेंशन नाम की कोई सामाजिक सुरक्षा नहीं है।

प्राइमरी स्कूलों के मर्ज होने पर 20 से 25 वर्षों तक लम्बी सेवाओं के बावजूद समायोजित न कर नौकरी से हटा दिया जाता है, जो हमारे साथ घोर नाइन्साफी है। हमारी का आजीविका का यही एकमात्र स्रोत है। हमें ना ही श्रमिक का दर्जा दिया गया है। एक्सग्रेसिया का लाभ भी नहीं दिया जाता।डे्स की राशि 600 रूपए बहुत ही कम है, जिसे बढ़ाकर रूपए 2000 किया जाना न्यामसंगत होगा।

मुख्यमंत्री ने वर्ष 2018 में सभी कुक कम हैल्पर्स को मुख्यमंत्री समृद्धि योजना लागू करने की घोषणा की थी, ज़ो पांच वर्ष बाद भी लागू नहीं हो पाई। कुक कम हेल्पर्स व छात्रों का अनुपात 1:25 है, जो बहुत ज्यादा है, जिसे 1:15 किए जाने की आवश्यकता है। हमारे बेहद न्यायसंगत निम्न मांगों को लेकर दिन- रात अनिश्चितकालीन धरनागत 19 जून से जारी है।‌सांसद से निवेदन किया निम्नलिखित मांगों के समाधान हेतु अपनी ओर से कार्रवाई करावें

स्कूलों के मर्ज होने की स्थिति में कुक कम हैल्पर्स को न हटाकर उनका समायोजन किया जाए, 12 महिने का मानदेय भुगतान किया जाए, 2 महिने छुट्टियों का वेतन नहीं काटा जाए, मिड डे मील कुक कम हैल्पर को नियमित सरकारी कर्मचारी‌का दर्जा दिया जाए। तब तक न्यूनतम वेतन रूपए 26 हजार प्रति माह लागू किया जाए, रिटायरमेंट की उम्र 65 वर्ष की जाए, रिटायरमेंट पर 10 लाख रुपए की राशि एकमुश्त भुगतान की जाए, पन्द्रह बच्चों पर एक मिड डे मील कुक कम हैल्पर रखा जाए। मंहगाई को देखते हुए‌। ड्रेस की राशि 2000 रूपए की जाए और इस सत्र की भी राशि डाली जाए, मिड डे मील का कार्य किसी भी निजी एजेंसियों को नहीं सौंपा जाए, मिड डे मील कुक कम हैल्पर को सामाजिक सुरक्षा प्रदान की जाए, और इसके तहत मिलने वाली पीएफ, ग्रेच्युटी, सवेतन सहित सभी सुविधाएं दी जाएं।

मुख्यमंत्री द्वारा घोषित मुख्यमंत्री समृद्धि योजना का लाभ प्रत्येक कुक को दिया जाए, सुरक्षित रसोई बनवाईं जाए व मंहगाई के बढ़ने के साथ ही कुकिंग कोस्ट बढ़ाई‌ जाए, मिड डे मील के अलावा कोई दूसरा कार्य नहीं करवाया जाए, आयुष्मान ( चिरायु) योजना से जोड़कर फ्री इलाज की सुविधा दी जाए, एक्सग्रेसिया नीति लागू की जाए।

इस अवसर पर एआईयूटीयूसी जिला प्रधान मास्टर सुबे सिंह, जिला सचिव छाजूराम रावत, प्रधान सुनीता जांगड़ा, जिला सचिव सन्तोष यादव, उप प्रधान सन्तोष, ब्लाक प्रधान माया, राजबाला, स्नेहलता, मुनेश, इन्दिरा, रेनू, रामकला, रामरती, बनीता, देवेन्द्र कौर, मनीषा, सुमन, नीतू सहित सैकड़ों मिड डे मील कुक कम हैल्पर्स उपस्थित थे।

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