राजनाथ-गडकरी संभालेंगे हरियाणा में भाजपा की जीत का जिम्मा! कांग्रेस ने भी तैयार काउंटर प्लान
जजपा के संस्थापकों में रहे बैनीवाल अब भाजपा के आ रहे नजदीक
जजपा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष केसी बांगड़ सहित 14 पर चलेगा केस
गठबंधन से बेफिक्र दुष्यंत विकास परियोजनाओं को लगा रहे पंख

अशोक कुमार कौशिक

हरियाणा में लोकसभा और विधानसभा चुनावों की बिसात बिछने लगी है. सियासी पारा अब चढ़ने लगा है। एक तरफ जहां बीजेपी का फोफस हरियाणा के जीटी रोड बेल्ट पर लगा हुआ है, वहीं अब कांग्रेस भी उन्हें टक्कर देने की तैयारी में है। जीटी रोड बेल्ट पर आने वाले कुरुक्षेत्र, करनाल सोनीपत और अंबाला में बीजेपी अगले 15 दिनों में रैलियां करने वाली है। वहीं बीजेपी प्रदेश में जनसंवाद कार्यक्रम के जरिए जनता तक पहुंच रही है। दूसरी तरफ अब कांग्रेस बीजेपी को जन संवाद कार्यक्रमों के जरिए जवाब देने वाली है।

हुड्डा पानीपत में करेंगे मंथन

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा पानीपत में 18 जून को जन मिलन समारोह के जरिए पार्टी नेताओं के साथ-साथ आमजन के साथ भी मंथन करने वाले है। इस जन मिलन समारोह के जरिए हुड्डा जीटी रोड बेल्ट के आगामी कार्यक्रमों को लेकर भी चर्चा करेंगे। इससे पहले हुड्डा वे कुरुक्षेत्र और रोहतक में भी मीटिंग कर चुके है। कांग्रेस के मीडिया प्रभारी चांदवीर हुड्डा का कहना है कि पार्टी अब तक सात लोकसभा क्षेत्रों में विपक्ष आपके समक्ष कार्यक्रम कर चुकी है। अब 9 जुलाई को भिवानी में कार्यक्रम किया जाएगा।

अंबाला उपचुनाव को लेकर भी तैयारी

वहीं अंबाला लोकसभा सीट पर उपचुनाव हो सकता है। जिसको लेकर सभी दलों की तरफ से तैयारी की जा रही है। बीजेपी-जेजेपी गठबंधन से कांग्रेस और इनेलो, आम आदमी पार्टी ने भी इस सीट पर उपचुनाव के लिए अपने मीटिंग बढ़ा दी है।

बीजेपी की रैलियों का रोडमैप तैयार

बीजेपी ने 15 दिन 10 लोकसभा सीटों पर रैलियों को लेकर अपना रोडमैप तैयार कर लिया है। 24 जून को केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर पानीपत की रैली को संबोधित करने वाले है। वहीं 29 जून को अंबाला में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और सोनीपत की रैली को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी संबोधित करने वाले है। इसके अलावा 18 जून को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सिरसा की रैली से हुंकार भरने वाले है। जिसके लिए सभी सांसदों को अपने-अपने जिलों पर फोकस रखने के लिए कहा गया है।

क्या जजपा टूट जाएगी?

हरियाणा की सत्तारूढ़ भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार के रिश्तों में अब हर रोज नये मोड़ आ रहे हैं। जजपा के अहम संस्थापकों में शामिल रहे और 2019 में भाजपा-जजपा गठबंधन के सूत्रधार रहे जसविंद्र सिंह उर्फ मीनू बैनीवाल को भी अब ‘भगवा’ रंग भाने लगा है। पिछले कुछ महीनों से वे जजपा की बजाय भाजपा के रणनीतिकारों में गिने जा रहे हैं। अब भाजपा के हरियाणा मामलों के प्रभारी बिप्लब कुमार देब से नई दिल्ली में मुलाकात करके उन्होंने भाजपा के साथ मिलकर लम्बी राजनीति करने के संकेत भी दे दिए हैं। निर्दलीय विधायकों के साथ भाजपा प्रभारी की मुलाकात के बाद से ही गठबंधन रिश्तों को लेकर हर रोज नई अटकलें लगाई जा रही हैं। इसमें भी कोई दो राय नहीं हैं कि बिप्लब कुमार देब की खुद की पहल पर इन बैठकों का दौर शुरू नहीं हुआ है। उन्होंने ‘दिल्ली दरबार’ को विश्वास में लेने के बाद ही यह कवायद शुरू की है। अधिकांश निर्दलीय विधायक चाहते हैं कि भाजपा अब जजपा के साथ गठबंधन तोड़े। इसके पीछे उनके निजी हित भी शामिल हो सकते हैं। वे शुरू से ही सरकार को समर्थन भी देते आ रहे हैं। अब एक बार फिर आखिर तक साथ चलने के ‘वचन’ भर रहे हैं।

इन तमाम हालात और मौजूदा राजनीतिक परिस्थितियों में मीनू बैनीवाल की भाजपा प्रभारी से हुई मुलाकात काफी अहम हो जाती है। कुछ लोग इसे इस तरह भी प्रचारित कर रहे हैं कि गठबंधन को लेकर उठ रहे सवालों के चलते बैनीवाल ने बिप्लब कुमार देब से मुलाकात की है। इसके पीछे दलील दी जा रही हैं कि गठबंधन के सूत्रधार वही थे, इसलिए कोशिश कर रहे हैं। लेकिन जिस तरह से सालभर से उन्होंने ऐलनाबाद हलके में खुद को एक्टिव किया हुआ है और भाजपा व संघ नेताओं से नजदीकियां बढ़ाई हैं, उससे कहानी कुछ और ही नजर आती है। 18 जून को सिरसा में होने वाली केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की रैली में मीनू बैनीवाल के भाजपा ज्वाइन करने की भी चर्चाएं हैं। उन्होंने अभी तक इस बारे में पत्ते नहीं खोले हैं। इतना जरूर है कि इस रैली के लिए वे हलके में एक्टिव भी होंगे और अधिक से अधिक भीड़ ऐलनाबाद से रैली में भेजने की कोशिश भी करेंगे। ऐसा इसलिए भी क्योंकि इससे पहले सीएम मनोहर लाल खट्टर की ओढ़ा (सिरसा) में हुई रैली में भी बैनीवाल ने काफी जोर लगाया था।

ऐलनाबाद हलके में हुए उपचुनाव में भी उन्होंने खुलकर भाजपा उम्मीदवार गोबिंद कांडा की मदद की थी। इसके बाद आदमपुर हलके में हुए उपचुनाव में भाजपा के कहने पर उन्होंने भव्य बिश्नोई के लिए प्रचार किया था। चुनावी नतीजों के बाद संघ और भाजपा ने भी यह स्वीकार किया कि बैनीवाल के दौरों के बाद आदमपुर में हवा बदली और भाजपा को इसका फायदा हुआ। इतना ही नहीं, उपचुनाव हारने के बाद कांग्रेस प्रत्याशी जयप्रकाश ‘जेपी’ ने भी मीनू बैनीवाल पर टिप्पणी की थी।

अजय के सबसे करीब रहे

मीनू बैनीवाल की गणना जजपा सुप्रीमो और पूर्व सांसद डॉ. अजय सिंह चौटाला के सबसे नजदीकियों में होती है। अजय चौटाला जब जेल में थे तो बैनीवाल ने ही पीछे से जजपा गठन में अहम भूमिका निभाई। जजपा के सत्ता में भागीदार होने के कुछ समय बात तक सब सामान्य चला, लेकिन फिर ‘रिश्तों’ में ‘खटास’ आनी शुरू हो गई। जजपा प्रधान महासचिव दिग्विजय सिंह चौटाला, बैनीवाल पर कड़ा कटाक्ष भी कर चुके हैं। पिछले कुछ दिनों से इनके रिश्तों में काफी दूरियां देखने को मिल रही हैं।

राष्ट्रपति ने हरियाणा सेवा आयोग के पूर्व प्रमुख, 13 पूर्व सदस्यों पर मुकदमा चलाने की मंजूरी दी

जजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ़ केसी बांगड़ की मुश्किलें बढ़ गई हैं। साथ ही, उन 13 लोगों पर भी अब भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत मुकदमा चलेगा, जो केसी बांगड़ के साथ चौटाला सरकार में हरियाणा लोकसेवा आयोग के सदस्य थे। उस समय बांगड़ आयोग के चेयरमैन थे। यह 19 साल पुराना मामला है। एंटी करप्शन ब्यूरो द्वारा एफआईआर दर्ज की हुई है, लेकिन इस मामले में कार्रवाई अब आगे बढ़ेगी। राष्ट्रपति द्रौपर्दी मुर्मू ने इस केस में भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी है। बांगड़ और उनके साथ उस समय आयोग में सदस्य रहे 13 लोगों पर पद का दुरुपयोग करने के आरोप लगे हैं। इन 13 सदस्यों में कालका से कांग्रेस के मौजूदा विधायक प्रदीप चौधरी भी शामिल हैं। उस समय चौधरी इनेलो में हुआ करते थे। आयोग के पूर्व सदस्यों में एमएस शास्त्री, दयाल सिंह, नरेंद्र विद्यालंकार, जगदीश राय, एनएन यादव, डूंगर राम, चट्टर सिंह, युद्धबीर सिंह, सतबीर सिंह, रणबीर हुड्डा, ओपी बिश्नोई और केसी बांगर की पत्नी संतोष सिंह के नाम शामिल हैं।

इनेलो में बिखराव होने के बाद जब जजपा का गठन हुआ तो केसी बांगड़ भी इनेलो छोड़कर डॉ़ अजय सिंह चौटाला के नेतृत्व वाली जजपा में शामिल हो गए थे। उनकी गिनती पार्टी के थिंक टैंकों में होती है। बांगड़ को प्रदेश सरकार ने हरियाणा पर्यावरण विभाग में सलाहकार, जलवायु परिवर्तन सदस्य के रूप में नियुक्त किया हुआ है। आरोप हैं कि उस समय के आयोग ने परीक्षाओं में अपने आधिकारिक पद का दुरुपयोग किया। दरअसल, सरकार ने 14 दिसंबर, 2022 को आयोग के पूर्व चेयरमैन और सदस्यों के खिलाफ 2001 और 2004 की हरियाणा सिविल सेवा (कार्यकारी शाखा) और संबद्ध सेवाओं की परीक्षा और चयन में अपने पद के दुरुपयोग के आरोपों के मामले में मुकदमा चलाने की मंजूरी जारी करने का अनुरोध भेजा था।

भाजपा-जजपा गठबंधन के टूटने की लगाई जा रही अटकलों का दुष्यंत पर बहुत अधिक असर पड़ता नहीं दिख रहा

हरियाणा में भाजपा-जजपा गठबंधन को लेकर चल रही अटकलों से बेफिक्र डिप्टी सीएम दुष्यंत सिंह चौटाला केंद्र सरकार में हरियाणा की परियोजनाओं के लिए भागदौड़ कर रहे हैं। हिसार एयरपोर्ट उनका ड्रीम प्रोजेक्ट है। इस एयरपोर्ट से उड़ान शुरू करवाने के अलावा वे एयरपोर्ट तक रेलवे और बेहतर रोड कनेक्टिविटी के लिए भी प्रयास कर रहे हैं। ब्यूरोक्रेसी में भी दुष्यंत के व्यवहार को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है।

नई दिल्ली प्रवास के दौरान दुष्यंत ने मंगलवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में हुई आपदा प्रबंधन मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लिया। बताते हैं कि इस दौरान फुर्सत के कुछ लम्हों में उनकी अमित शाह के साथ छोटी मुलाकात भी हुई। अब इस मुलाकात के दौरान क्या चर्चा हुई, यह तो कह नहीं सकते लेकिन इतना जरूर है कि भाजपा-जजपा गठबंधन के टूटने की लगाई जा रही अटकलों का उन पर बहुत अधिक असर पड़ता नहीं दिख रहा है। बुधवार को उन्होंने केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से मुलाकात कर हरियाणा की रेल परियोजनाओं को लेकर चर्चा की। उन्होंने केंद्रीय रेल मंत्री के सामने हिसार एयरपोर्ट की दिल्ली एयरपोर्ट से कनेक्टिविटी के लिए फरुर्खनगर-झज्जर रेलवे लाइन को जल्द बनाने की मांग की।

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