प्रदेश में एक चपरासी का तबादला भी मुख्यमंत्री कार्यालय की सहमति व स्वीकृति के बिना नही होता : विद्रोही
तब एक दो सौ करोड़ रूपये की कीमत वााला सरकारी शिक्षण संस्थान मुख्यमंत्री की बिना सहमति व अनुमति के शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारी अपनी मर्जी से एक निजी संस्था को देने की हिम्मत कैसे कर सकते है? विद्रोही

13 जून 2023 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने अहीरवाल के जागरूक नागरिक, सभी निर्वाचित जनप्रतिनिधियों व मीडिया कर्मियों से सीधा सवाल किया कि क्या मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर की अनुमति व सहमति बिना रेवाडी के सैक्टर 4 स्थित 200 करोड़ रूपये की कीमत वाले 6 एकड़ में बने राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय का भवन एक निजी एनजीओ एक विकल्प को लीज पर सौंपा जा सकता था? विद्रोही ने कहा कि हरियाणा का बच्चा-बच्चा जानता है कि प्रदेश में एक चपरासी का तबादला भी मुख्यमंत्री कार्यालय की सहमति व स्वीकृति के बिना नही होता तब एक दो सौ करोड़ रूपये की कीमत वााला सरकारी शिक्षण संस्थान मुख्यमंत्री की बिना सहमति व अनुमति के शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारी अपनी मर्जी से एक निजी संस्था को देने की हिम्मत कैसे कर सकते है? भाजपा राज के विगत 9 सालों में अहीरवाल में विकास कार्यो व जनसरोकारों के प्रति मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर का रवैया भेदभावपूर्ण सौतेला रहा है, तभी अहीरवाल के विकास प्रोजेक्ट बजट व धन अभाव में विगत 9 सालों में भी आधे-अधूरे पड़े है और कार्य पूरा नही हो रहे। 

विद्रोही ने कहा कि अहीरवाल क्षेत्र का दुर्भाग्य यह है कि यहां के निर्वाचित जनप्रतिनिधि जमीनी धरातल की वास्तविकता के मध्यनजर न तो मुख्यमंत्री से मिलकर विकास कार्यो व सामाजिक सरोकारों में भेदभाव का मुद्दा उठाने की हिम्मत रखते है और न ही इस क्षेत्र में हो रहे खुले भ्रष्टाचार के लिए मुख्यमंत्री पर उंगली उठाने का दम रखते है। अहीरवाल क्षेत्र के निर्वाचित जनप्रतिनिधियों की इसी कमजोरी के चलते मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर क्षेत्र के साथ द्वेषपूर्ण व्यवहार करते है। इसी के चलते रेवाडी के सैक्टर 4 के राजकीय स्कूल की 200 करोड़ रूपये की सम्पत्ति को लीज द्वारा एक निजी संस्था को भी गुचचुप रूप से देने का षडयंत्र भी कर गए। विद्रोही ने कहा कि रेवाडी कन्या स्कूल की इस दो सौ करोड़ रूपये की लूट के लिए जब तक अहीरवाल की जनता मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर पर सीधी उंगली नही उठाएंगे तब तक मुख्यमंत्री कार्यालय, शिक्षा अधिकारियों पर इस घोटाले की जवाबदेही डालकर अपने को पाक-साफ बताकर ना केवल अपनी जवाबदेही से भागते रहेंगे अपितु अप्रत्यक्ष तिकडमों से इस कुकृत्य का बचाव भी करेंगे। 

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