रेवाडी सहित कुछ जिलों में फसली ऋण पर पैक्स सहकारी समितियां किसके आदेश पर किसानों से 7 प्रतिशत ब्याज राशी अप्रैल माह से ऋण वसूली पर ले रही थी : विद्रोही
जिस अधिकारी ने ऐसा आदेश दिया है, उसके खिलाफ भाजपा-जजपा सरकार ने क्या कार्रवाई की? : विद्रोही
किसानों व कांग्रेस के व्यापक विरोध के बाद यह ब्याज वसूली तत्काल बंद करने के आदेश तो दे दिये, पर क्या यह आगे वसूली की जायेगी या नही? : विद्रोही

5 जून 2023 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर से मांग की कि वे किसानों को बताये कि रेवाडी सहित कुछ जिलों में फसली ऋण पर पैक्स सहकारी समितियां किसके आदेश पर किसानों से 7 प्रतिशत ब्याज राशी अप्रैल माह से ऋण वसूली पर ले रही थी और जिस भी अधिकारी ने ऐसा आदेश दिया है, उसके खिलाफ भाजपा-जजपा सरकार ने क्या कार्रवाई की?

विद्रोही ने कहा कि हरियाणा सरकार ने फसली ऋण के 7 प्रतिशत ब्याज के हिस्से में 4 प्रतिशत ब्याज राशी की वसूली बंद करने के आदेश दे दिये और यह भी मुख्यमंत्री स्पष्ट करे कि केन्द्र सरकार के हिस्से के 3 प्रतिशत ब्याज राशी किसानों से वसूली जायेगी या नही? वहीं मुख्यमंत्री बताये कि पहले फसली ऋण पर हरियाणा में जीरो प्रतिशत ब्याज राशी थी, उसे अप्रैल माह की ऋण वसूली में 7 प्रतिशत ब्याज दर से वसूली क्यों शुरू की गई और किसानों व कांग्रेस के व्यापक विरोध के बाद यह ब्याज वसूली तत्काल बंद करने के आदेश तो दे दिये, पर क्या यह आगे वसूली की जायेगी या नही? केन्द्र की पूर्व कांग्रेस-यूपीए सरकार ने देशभर के किसानों को पैक्स सहकारी समितियो से मिलने वाले फसली ऋण के 7 प्रतिशत ब्याज में 3 प्रतिशत ब्याज राशी सबसिडी के रूप में देने का निर्णय लिया था और उस समय की हरियाणा कांग्रेस सरकार ने फसली ऋण की 4 प्रतिशत ब्याज राशी प्रदेश सरकार की ओर से देने का निर्णय करके हरियाणा में फसली ऋण पर ब्याज दर को जीरो प्रतिशत किया था। 

विद्रोही ने कहा कि कांग्रेस के सत्ता से हटने पर भाजपा सरकार ने भी इस व्यवस्था को जारी रखा था। लेकिन अब केन्द्र की मोदी सरकार व नाबार्ड इस व्यवस्था को बदलकर केन्द्र से मिलने वाली फसली ऋण ब्याज को 3 प्रतिशत सबसिडी को वसूली के समय माफ करने की बजाय किसानों से वसूल करके बाद में सम्बन्धित किसान के खाते में 3 प्रतिशत ब्याज राशी को सबसिडी के रूप में डालने की बात कर रही है। मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर स्पष्ट करे कि केन्द्र से फसली ऋण पर ब्याज दर में 3 प्रतिशत की सबसिडी राशी किसानों से वसूली जायेगी या नही? केन्द्र व नाबार्ड की मंशा कांग्रेस-यूपीए सरकार द्वारा फसली ऋण में दिये जाने वाले ब्याज में 3 प्रतिशत की सबसिडी की व्यवस्था में बदलाव करके पर्दे के पीछे अप्रत्यक्ष रूप से किसानों को इस लाभ से वंचित करने की है।

विद्रोही ने कहा कि मोदी सरकार व नाबार्ड उन किसानों को फसली ऋण की 3 प्रतिशत ब्याज राशी सबसिडी से वंचित करना चाहती है जिन्होंने व्यापारिक बैंकों से किसान क्रेडिट कार्ड लेने की सुविधा ले रखी है। यदि किसान क्रेडिट कार्ड लेने वाले किसानों को फसली ऋण की ब्याज दर की 3 प्रतिशत सबसिडी बंद कर दी जाती है तो हरियाणा में पैक्स सहकारी समितियों से फसली ऋण लेने वाले 90 प्रतिशत किसान फसली ऋण की 7 प्रतिशत ब्याज राशी में केन्द्र की ओर से मिलने वाली 3 प्रतिशत सबसिडी राशी से वंचित हो जायेंगे और केन्द्र की नकल करके हरियाणा सरकार भी अपनी ओर से वहन की जा रही फसली ऋण में 4 प्रतिशत ब्याज राशी को भी खत्म कर सकती है। विद्रोही ने मांग की कि मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर फसली ऋण पर ब्याज राशी के इस भ्रम के वातावरण को दूर करने सही स्थिति हरियाणा के किसानों को बताये। 

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