हरियाणा के कलाकारों और छात्र छात्राओं ने सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से बांधा समां वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक पलवल : ‘धर्मराज युद्धिष्ठिर’ की उपस्थिति में हरियाणवी संगीत की सुरीली धुनों और पंजाबी की धमक पर श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय की फिजा झूम उठी। कहीं सितारों की लश्क तो कहीं संस्कृति की झलक… मौका था विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित सांस्कृतिक समारोह ‘नेपुन्य’ का। इस समारोह में विश्वविद्यालय के छात्र छात्राओं ने अपनी सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से समां बांध दिया। हरियाणा के प्रसिद्ध कलाकार हरविंद्र राणा के गीतों पर विद्यार्थी नाचते हुए मस्ती से सराबोर नज़र आए।मुख्यातिथि के रूप में पहुंचे पंडित लख्मी चन्द यूनिवर्सिटी ऑफ परफॉर्मिंग एंड विजुअल आर्ट के कुलपति ‘धर्मराज युद्धिष्ठिर’ गजेंद्र चौहान ने मुख्यातिथि के रूप में समारोह का आगाज किया, जबकि हरियाणा कला परिषद के निदेशक संजय भसीन, गुरुग्राम यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो. दिनेश अग्रवाल और ईस्ट वेस्ट ऑटोमेशन प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक अरविंद कौल विशिष्ट के रूप में मौजूद रहे। श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. राज नेहरू ने उनका यहां पहुंचने पर भव्य स्वागत किया। मुख्यातिथि गजेंद्र चौहान ने इस दौरान श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों द्वारा बनाए गए ई व्हीकल की ड्राइव लेकर उसका उद्घाटन किया। गुरुग्राम यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो. दिनेश अग्रवाल ने अपनी यूनिवर्सिटी के लिए भी एक ई व्हीकल बनाने के लिए कहा। अरविंद कौल ने नवाचार के लिए विद्यार्थियों को 50 हजार रुपए ईनाम की घोषणा की। मुख्यातिथि गजेंद्र चौहान ने इस मौके पर महाभारत के लोकप्रिय डायलॉग सुनाकर न केवल खूब तालियां बटोरी, बल्कि विद्यार्थियों को प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय नवाचार के क्षेत्र में देश में उत्तम कार्य कर रहा है। युवा पीढ़ी का भविष्य बनाने में इस विश्वविद्यालय की प्रमुख भूमिका होगी। उन्होंने ई व्हीकल बनाने वाले विद्यार्थियों की पीठ थपथपाई और इनको भविष्य के लिए बधाई दी। कुलपति डॉ. राज नेहरू ने कहा कि श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय देश में उत्कृष्ट संस्थान के रूप में स्थापित हो रहा है। इस विश्वविद्यालय को नवाचार के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के रूप में विकसित कर रहे हैं। कुलपति डॉ. राज नेहरू ने कहा कि विद्यार्थियों के प्रस्तुतिकरण की शैली और वक्तृत्व कला को विकसित करने के लिए विशेष फोकस होगा। विश्वविद्यालय ने गुणवत्ता को विकसित करने के लिए चार प्रोफेसर ऑफ प्रैक्टिस नियुक्त किए हैं। कुलपति डॉ. राज नेहरू ने प्रतिभावान विद्यार्थियों को पुरस्कृत भी किया। हरियाणा कला परिषद के निदेशक संजय भसीन ने कहा कि हरियाणवी संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के साथ संस्कृति में नए आयाम जोड़े जाएंगे। लोक कलाओं के प्रोत्साहन को लेकर काम करेंगे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल जी अपनी संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए कृत संकल्प हैं। उनके विजन पर कला परिषद काम कर रही है। हरियाणा के कलाकारों को बढ़ावा दिया जा रहा है। एसोसिएट डीन डॉ. सविता शर्मा और सांस्कृतिक संयोजक डॉ. प्रीति को सफल कार्यक्रम के लिए बधाई दी। इस मौके पर सेल्फी विद डॉटर अभियान के संचालक सुनील जागलान, विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. आर एस राठौड़, डीन एकेडमिक अफेयर्स प्रो. ज्योति राणा, प्रो. सुरेश कुमार, प्रो. निर्मल सिंह, प्रो. आशीष श्रीवास्तव और प्रो. रणजीत सिंह भी उपस्थित थे। Post navigation श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय केजी टू पीजी का अद्भुत मॉडल : शरण श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय और ब्रिटिश काउंसिल के बीच हुआ एमओयू