लोकायुक्त हरि पाल वर्मा ने वार्षिक रिपोर्ट राज्यपाल को सौंपी

गुरूग्राम में एचएसवीपी की भूमि की लीज मनी तथा प्राईमरी कक्षा के लिए किताबों की खरीद बारे मामले पर भी स्वतः संज्ञान लेकर जांच के लिए भेजा गया है

चंडीगढ़, 16 मई – हरियाणा के लोकायुक्त न्यायाधीश श्री हरि पाल वर्मा ने कहा कि वर्ष 2022-2023 की वार्षिक रिपोर्ट आज राज्यपाल को सौंप दी गई है। रिपोर्ट विधानसभा पटल पर चर्चा के लिए रखी जाएंगी।

लोकायुक्त श्री हरि पाल वर्मा आज यहां अपने कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। लोकायुक्त ने कहा कि गत वर्ष के दौरान लोकायुक्त कार्यालय में आई 1640 शिकायतों में से 577 शिकायतों का निपटारा किया गया है। इन शिकायतों में अधिकांश पुलिस विभाग में भ्रष्टाचार तथा विकास एवं पंचायत विभाग में अवैध कब्जों से संबंधित रही है। उन्होंने कहा कि पुलिस विभाग की शिकायतों को डीजीपी विजिलेंस को प्रारंभिक जांच के लिए भेजा जाता हैं। इसके अलावा, जिस कर्मचारी के खिलाफ शिकायत आती है उसे भी सुनवाई के लिए अवसर प्रदान किया जाता है।

उन्होंने कहा कि लोकायुक्त ने पुलिस विभाग के हर कर्मचारी के लिए वार्षिक प्रॉपर्टी विवरण सुनिश्चित करने के लिए सामान्य निर्देश जारी किए हैं। इसके बाद पुलिस अधीक्षकों से रिपोर्ट भी आई है।

उन्होंने कहा कि विकास एवं पंचायत विभाग की शिकायतें ग्रामीण  क्षेत्रों में अवैध कब्जों से संबंधित होती है। सुनवाई के बाद उन पर कार्यवाही सुनिश्चित की जाती है।  

लोकायुक्त ने कहा कि पंचकूला में लोकायुक्त भवन के लिए एचएसवीपी द्वारा एक एकड़ भूखण्ड प्रदान किया गया है जिस पर भवन बनाने की कार्रवाई जल्द ही पूरी कर आगामी दो वर्षों में भवन बनवाया जाएगा और इसके बाद लोकायुक्त और ज्यादा बेहतर तरीके से कार्य कर सकेगा।

एक प्रश्न के जवाब में लोकायुक्त ने कहा कि गत वर्ष के दौरान गुरूग्राम में एचएसवीपी की भूमि की लीज मनी तथा प्राईमरी कक्षा के लिए किताबों की खरीद बारे मामले पर भी स्वतः संज्ञान लेकर जांच के लिए भेजा गया है। उन्होंने कहा कि लोकायुक्त में सबसे अधिक भिवानी, दादरी, बाढड़ा जिले से शिकायतें आ रही है। लोकायुक्त में साधारण आवेदन पर एफिडेविट के साथ एक हजार रुपए की फीस भरकर कोई भी व्यक्ति आवेदन कर सकता है। इन शिकायतों पर लोकायुक्त द्वारा सुनवाई की जाती है। गरीब व्यक्तियों के लिए फीस में भी छूट प्रदान की जाती है। उन्होंने कहा कि सूचना, लोक सम्पर्क, भाषा तथा संस्कृति विभाग के माध्यम से लोकायुक्त की जानकारी जन जन तक पहुंचाने के लिए व्यापक स्तर पर कार्रवाई की जा रही है।

एक अन्य जवाब में लोकायुक्त ने कहा कि शिकायतों के निर्णय के बाद समीक्षा संशोधन तथा न्यायालय की अवमानना का प्रावधान करने बारे एवं शिकायतकर्ता को शिकायत दर्ज करवाने के बाद अपनी शिकायत वापिस लेने का भी अधिकार देने का अनुरोध किया गया है। उन्होंने कहा कि हरियाणा के लोकायुक्त को मध्य प्रदेश, कर्नाटक की तरह अधिक अधिकार मिलें जाएं तो लोकायुक्त और अधिक प्रभावी ढंग से कार्य करेगा।

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