-कमलेश भारतीय दिल्ली के जंतर-मंतर पर चल रहा महिला पहलवानों का धरना लगातार जारी है और इन दिनों इसका स्वरूप भी बदलता जा रहा है । जहां पहले इसे राजनीतिक लोगों के लिये प्रतिबंधित कर रखा था , इस बार यह प्रतिबंध हटा लिया गया है और यह कहा गया कि कोई भी समर्थन देने आ सकता है । इस तरह अब तक पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा , राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा, पूर्व केंद्रीय मंत्री शैलजा, पूर्व मंत्री किरण चौधरी , आप पार्टी के दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, अनुराग ढांडा , सुशील गुप्ता , अभय चौटाला आदि इसे सर्मथन देने आ चुके हैं । हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज और उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला भी इन्हें समर्थन दे रहे हैं । इसी प्रकार अब पहलवानों की संघर्ष समिति चंदा भी मांग रही है क्योंकि धरना उम्मीद से ज्यादा लम्बा खिंचने लगा है । यही नहीं जिस दिन से महिला पहलवानों के साथ पुलिस ने बेइज्जती की है , उस दिन से यह धरना पहलवानों से हटकर बेटियों का सम्मान बचाने का धरना ज्यादा हो गया । यही कारण है कि धरने पर खापें और किसान भी समर्थन देने उमड़ पड़े हैं । किसान आंदोलन की तरह टोल फ्री करवाये जाने लगे हैं । इसीलिये यह धरना अब राजनीतिक अखाड़े में बदलता जा रहा है । वैसे हरियाणा के फतेहाबाद के कुश्ती संघ ने बृजभूषण पर कोई कार्यवाही न होने के विरोध में पूरी की पूरी कार्यकारिणी ने इस्तीफा दे दिया है । सरकार को समय रहते इसे हल करने की दिशा में कदम उठाने चाहियें । इन दिनों पहले कोर्ट ने और फिर पुलिस ने कदम पीछे हटा लिये हैं । जहां कोर्ट ने कहा कि पुलिस को कार्यवाही के लिये कहने तक ही हमारी सीमा थी , अब आप निचली कोर्ट जा सकते हैं । इसी तरह पुलिस भी कुछ कदम पीछे हटती दिख रही है जब यह कह रही है कि पहलवानों ने कोई सबूत नहीं दिये जबकि पहलवानों का जवाब है कि एफआईआर दर्ज करने के बाद हमारे बयान तक नहीं लिये पुलिस ने ! धरना स्थल पर बृजभूषण शरण सिंह पर चल रहे कुल 38 मामलों की सूची महिला पहलवानों ने टांग रखी है जो पुलिस की नजर में नहीं आती । यह भी कहा जा रस्म है कि राहुल गांधी के खिलाफ सुनवाई में तो फास्ट ट्रेक कोर्ट से भी ज्यादा फास्ट फैसला किया गया और बृजभूषण शरण सिंह के 38 मामले वर्षों से चल रहे हैं , उन पर कोई फैसला अब तक क्यों नहीं किया गया ? ये सारे दृश्य बहुत ही शर्मनाक हैं जबकि हम बेटी बचाओ का नारा लगा रहे हैं । क्या यह सिर्फ नारे तक ही सीमित हो जायेगा या फिर इन बेटियों के आंसू कुछ रंग दिखायेंगे ? प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ पहलवानों का उस समय का वीडियो वायरल हो रहा है जब उन्होंने मेडल जीतकर आने के बाद अपने आवास पर बुलाकर पीठ थपथपाई थी और विनेश को कहा था कि मैं आपके दुख के समय साथ रहूंगा, आज वही पहलवान जंतर-मंतर पर सचमुच रो रहे हैं तो क्या यह बात आप तक नही पहुंची ?दुष्यंत कुमार के शब्दों में :कैसे कैसे मंजर सामने आने लगे हैंगाते गाते लोग चिल्लाने लगे हैं !-पूर्व उपाध्यक्ष, हरियाणा ग्रंथ अकादमी ।9416047075 Post navigation 7 मई, विश्व एथलेटिक्स दिवस विशेष ……… खेलों का डर्टी दंगल या फिर नियमों का उल्लंघन परिपक्वता के साथ चीज़ों को देख-समझ और लिख सकूं , यही इच्छा : डाॅ पूनम खनगवाल