*समाज के संतों एवं महापुरुषों को याद करने की प्रदेश सरकार की प्रशंसनीय पहल – श्री जगदीप धनखड़*

*जींद में श्री धन्ना भगत के नाम पर मेडिकल कॉलेज और धनौरी में महिला कॉलेज की घोषणा के लिए मुख्यमंत्री का जताया आभार*

*आज का दिन मुझे सदैव याद रहेगा, इस कार्यक्रम में पहुँच कर मैं धन्य हो गया- उपराष्ट्रपति* 

*दुनिया में भारत की प्रतिष्ठा आज जितनी है उतनी कभी नहीं थी- श्री जगदीप धनखड़*

चंडीगढ़,23 अप्रैल – भारत के उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ ने मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल के नेतृत्व वाली हरियाणा सरकार की प्रशंसा करते हुए कहा कि समाज के संतों एवं महापुरुषों को याद करने की जो पहल प्रदेश सरकार ने की है, वह अपने आप में प्रशंसनीय है। सरकार की इस पहल से ऐसा वातावरण बना है कि आज सभी नागरिक संतो के विचारों व शिक्षाओं का आदर करते हुए समाज को सही दिशा में आगे बढ़ाने में अपना महत्त्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं।

श्री जगदीप धनखड़ आज कैथल के धनोरी गांव में संत शिरोमणि श्री धन्ना भगत जी की जयंती के अवसर पर आयोजित राज्यस्तरीय समारोह को संबोधित कर रहे थे समारोह में उनकी धर्मपत्नी श्रीमती सुदेश धनखड़ जी भी विशेष तौर पर उपस्थित रहीं। इस अवसर पर हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल, हरियाणा सार्वजनिक उपक्रम ब्यूरो के चेयरमैन श्री सुभाष बराला, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री ओपी धनखड़ सहित कई गणमान्य अतिथि एवं संत समाज के लोग उपस्थित थे।

उपराष्ट्रपति ने जींद में श्री धन्ना भगत के नाम पर मेडिकल कॉलेज और धनौरी गांव में महिला कॉलेज की घोषणा के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि उनकी हरियाणा की पहली यात्रा दीनबंधु सर छोटू राम जी के स्थान से हुई थी और आज का यह दिन उनके लिए सदैव स्मरणीय रहेगा।

उन्होंने कहा कि श्री धन्ना भगत जी के विचारों का उल्लेख गुरु ग्रंथ साहिब में मिलता है। इसलिए आज यह हर नागरिक का उत्तरदायित्व है कि वह उनके विचारों को अपनाकर समाज निर्माण में योगदान दें।

 उन्होंने कहा कि आज अपना देश बदल रहा है। राम मंदिर बन रहा है। लोग कहते थे कि तारीख कब बताओगे, क्या यह कभी संभव होगा, आज यह संभव हुआ है। इतना ही नहीं, मंदिर भारतवर्ष की संस्कृति के अनुरूप सही प्रक्रिया से बन रहा है। उन्होंने कहा कि भारत को संतो का सानिध्य मिल रहा है, यह दुनिया के किसी देश में नहीं है। हमारे संत हमारी सांस्कृतिक विरासत को पूरी तरह से संजोए रखे हुए हैं और हमारा मार्गदर्शन कर रहे हैं।

 *दुनिया में भारत की प्रतिष्ठा आज जितनी है उतनी कभी नहीं थी*

श्री धनखड़ ने कहा कि आज के दिन देश में वह सब हो रहा है, जिसकी कल्पना कभी नहीं की गई थी। दुनिया में भारत की जो प्रतिष्ठा आज है, उतनी पहले कभी नहीं थी। आज भारत दुनिया की अर्थव्यवस्था में पांचवें नंबर पर है। भारत को यहां लाने में किसान और मजदूर का बहुत बड़ा योगदान है। इस दशक के अंत तक भारत की दुनिया में तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होगी।

 उन्होंने कहा कि दुनिया के लोग अचंभित हैं कि हिंदुस्तान में 1 अप्रैल, 2020 से 80 करोड़ जनसंख्या को सरकार चावल, गेहूं, दालें उपलब्ध करवा रही हैं। उन्होंने कहा कि हर परिस्थिति में हमें हमारे भारत को सर्वोपरि रखना पड़ेगा। हमें इस बात पर ध्यान देना पड़ेगा कि अब समय बदल गया है और कोई बड़ा छोटा नहीं है। सब कानून के दायरे में है। उन्होंने कहा किसान का उत्थान हमारी अर्थव्यवस्था की रीढ़ की हड्डी है। अब तक 11 करोड़ किसानों को अब तक 2 लाख 25 हजार करोड़ रुपये दिए गए हैं।

 *कोविड के दौरान संतों ने दिखाया सद्भाव का रास्ता*

 उपराष्ट्रपति ने कहा कि कोविड के दौरान हमने देखा कि संतों ने किस प्रकार से योगदान दिया। संतो ने सद्भाव का संदेश दिया कि जिसकी मदद कर सको, अवश्य करो और उस समय पूरे देश में कोई संकट नहीं आया। दुनिया के लोग हैरान हैं कि हमारे देश में इतनी बड़ी जनसंख्या को वैक्सीनेशन की डोज दी गई है।

*श्री धन्ना भगत के विचारों का आदर करते हुए नशे की समस्या को खत्म करने का लेना होगा प्रण*

श्री जगदीप धनखड़ ने कहा कि आज हमारी युवा पीढ़ी अपनी प्रतिभा के अनुसार कोई भी काम कर सकती है, उस पर कोई बंधन नहीं है। सिस्टम पूरी तरह समर्थन करता है। लेकिन यदि युवा भटक जाए, नशे की तरफ चला जाए तो इसकी चिंता हम सभी को करनी होगी। हम सबको मिलकर संतो के आदर्शों का पालन करते हुए श्री धन्ना भगत के विचारों का आदर करते हुए इस समस्या को खत्म करने के लिए प्रयास करना होगा। उन्होंने कहा कि आज यहां उपस्थित सभी नागरिकों को यह प्रण लेना होगा कि वह नशे की समस्या को जड़ से खत्म करने के लिए अपनी ओर से हर संभव प्रयास करेंगे व युवाओं को जागरूक करेंगे।

उन्होंने कहा कि हमारी खाप पंचायतें हैं गहरी सोच और दूरदृष्टि रखती हैं। आज यदि हम भारत के बदलाव की ओर ध्यान नहीं देंगे, इसमें योगदान नहीं देंगे तो उन सब महापुरुषों का अनादर होगा, जिन्होंने हमारी संस्कृति को दुनिया में इस स्थान तक पहुंचाया है।

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