मोदी सरकार ओबीसी समाज के हितों के प्रति जरा भी गंभीर है तो वह वर्ष 2011-12 में कांग्रेस-यूपीए सरकार द्वारा कराये गए जातिगत सर्वे की रिपोर्ट को सार्वजनिक करने की बजाय विगत 9 सालों से उस पर कुंडली मारे क्यों बैठे है? विद्रोही भाजपा व उसके कुछ गठबंधन साथी दलों को छोडकर पूरे देश के सभी राजनीतिक दल और पूरा ओबीसी समाज जातिगत जनगणना की मांग कर रहा है : विद्रोही 18 अप्रैल 2023 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने मोदी-भाजपा-संघी सरकार से मांग की कि वे देश को बताये कि जातिगत जनगणना करवायेंगे या नही? विद्रोही ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे जी द्वारा पत्र लिखकर प्रधानमंत्री मोदीजी से जातिगत जनगणना करवाने की मांग के बाद कांग्रेस सहित पूरे विपक्ष ने अब ओबीसी समुदाय द्वारा जातिगत जनगणना की मांग का समर्थन कर दिया। अब भाजपा व उसके कुछ गठबंधन साथी दलों को छोडकर पूरे देश के सभी राजनीतिक दल और पूरा ओबीसी समाज जातिगत जनगणना की मांग कर रहा है। लोकतंत्र में चाहे किसी भी दल की केन्द्र में सरकार हो और कोई भी व्यक्ति प्रधानमंत्री पद पर बैठा हो, वह जनभावना की उपेक्षा नही कर सकता। जब देश की 85 प्रतिशत आबादी और अधिकांश राजनीतिक दल जातिगत जनगणना की मांग कर रहे है तब मोदी-भाजपा-संघ जातिगत जनगणना करवाने से क्यों भाग रहे है? विद्रोही ने कहा कि ओबीसी समाज के हित में जुमले उछालकर, मगरमच्छी आंसू बहाकर मोदी जी ओबीसी समाज को कब तक ठगते रहेंगे? अब ओबीसी समाज भाजपा-संघ की इस ठगाई में नही आने वाला। सवाल उठता है कि यदि मोदी सरकार ओबीसी समाज के हितों के प्रति जरा भी गंभीर है तो वह वर्ष 2011-12 में कांग्रेस-यूपीए सरकार द्वारा कराये गए जातिगत सर्वे की रिपोर्ट को सार्वजनिक करने की बजाय विगत 9 सालों से उस पर कुंडली मारे क्यों बैठे है? वर्ष 2011-12 में करोड़ो रूपये खर्च करके करवाया गया जातिगत सर्वे मोदी-भाजपा-संघ के लिए नही अपितु देश के लिए करवाया गया था। यह जातिगत सर्वे भाजपा-संघ की निजी सम्पत्ति नही अपितु देश की सम्पत्ति है जिसे मोदी सरकार छिपा-दबा नही सकती। वर्ष 2011 के जातिगत सर्वे की रिपोर्ट सार्वजनिक करना वर्तमान मोदी सरकार की नैतिक व संवैद्यानिक जिम्मेदारी है जिससेे वह भाग नही सकती। विद्रोही ने केन्द्र सरकार से मांग की कि वर्ष 2011 के जातिगत सर्वे की रिपोर्ट सार्वजनिक करे, वहीं वर्ष 2021 की होने वाली जनसंख्या गणना में जातिगत जनगणना करना भी अनिवार्य किया जाये। Post navigation भ्रष्टाचार से आजादी ही असल आजादी नया अवतार लेता खालिस्तान का विचार…..