अहीरवाल के किसान तो अब नष्ट फसलों के मुआवजे के लिए राजस्व अधिकारियों व बीमा कम्पनियों के रहमो-करम पर : विद्रोही कांग्रेस की संविधान बचाओ रैली में हजारों लोगों की भीड़ आना हरियाणा में सत्ता बदलाव का साफ संकेत : विद्रोही 16 अप्रैल 2023 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने एक बयान में कहा कि 14 अप्रैल को सोनीपत में हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा आयोजित संविधान बचाओ रैली में आई भारी भीड़ इस बात का जीवंत प्रमाण है कि प्रदेश के किसान, मजदूर, आमजन में भाजपा-जजपा खट्टर सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ जबरदस्त रोष है। विद्रोही ने कहा कि सोनीपत जिले व उसके आसपास क्षेत्रों में इस समय गेंहू फसल की कटाई व कढ़ाई बहुत तेजी से चल रही है। गांव का किसान, मजदूर तबका बहुत ज्यादा व्यस्त है और इतनी व्यस्तता के बाद भी कांग्रेस की संविधान बचाओ रैली में हजारों लोगों की भीड़ आना हरियाणा में सत्ता बदलाव का साफ संकेत है जबकि भाजपा के विगत चार माह में वे सभी राजनीतिक कार्यक्रम इतने असफल रहे है कि सत्ता दुरूपयोग की सभी हदे पार करने के बाद भी भाजपा की सभाएं भीड के लिए तरसती रही और भाजपा नेता पंडाल में खाली पडी कुर्सीयों को सम्बोधन करके अपनी खीज मिटाते रहे। वहीं विद्रोही ने दावा किया कि विगत चार माह में कांग्रेस के जितने भी कार्यक्रम हुए है, वे सभी भारी सफल हुए अपितु जनता ने कांग्रेस के प्रति भारी जोश भी दिखाया है। हरियााणा के किसानों ने ओलो, आंधी, वर्षा से अपनी बर्बाद गेंहू की 17 लाख एकड़ फसल व सरसों की 10 लाख एकड़ फसल बर्बादी का विवरण सरकार को पोर्टल पर दिया है और सरकार आज तक लाख दावों के बाद भी किसानों की बर्बाद फसल की न तो विशेष गिरदावरी कर पाई है। और जहां-जहां गिरदावरी की नौटंकी हुई भी है, वहां बीमा कम्पनियों को लाभ पहुंचाने के लिए जान-बूझकर कम फसल खराबा दिखाकर किसान को उचित मुआवजा मिलने से भी वंचित किया जा रहा है। हरियाणा के अहीरवाल क्षेत्र की हालत तो यह है कि यहां खेतों से गेंहू व सरसों की फसल भी कट चुकी है और गिरदावरी भी नही हुई है। अहीरवाल के किसान तो अब नष्ट फसलों के मुआवजे के लिए राजस्व अधिकारियों व बीमा कम्पनियों के रहमो-करम पर रह गए है। विद्रोही ने कहा कि यही हालत गेंहू, सरसों सरकारी खरीद की है। सरकार गेंहू व सरसों की सरकारी खरीद के लम्बे-चौडे दावे तो कर रही है पर न तो फसल आवक अनुसार सरकारी खरीद हो रही है और न ही मंडियों से खरीदी फसल का उठान हो रहा है। मंडियां गेंहू व सरसों से अटी पडी है जिसके चलते किसानों को अपनी फसल मंडी में बेचने के लिए लाने के लिए भी परेशानी हो रही है। ऊपर से मौसम विभाग ने आने वाले दो-तीन दिन में फिर से बरसात होने की भविष्यवाणी की है, उससे मंडियों में पडी फसल और खराब होने की आशंका है। विद्रोही ने कहा कि इन सब परेशानियों के चलते प्रदेश के किसान, मजदूर व आमजन में भारी रोष है जिससे साफ है कि आने वाले चुनावों में भाजपा का सूपडा साफ होने वाला है। Post navigation राजनीति की शिकार हुईं एन.सी.ई.आर.टी. की पाठ्य पुस्तकें हरियाणा रोडवेज वर्कर्स यूनियन त्रिवार्षिक चुनाव की अधिसूचना जारी: पूनिया