नेशनल कोओपरेटिव एग्रीकलचर एण्ड रूरल डेवलपमेंट बैंकस फेडरेशन के एमडी पंहुचे हरियाणा

चंडीगढ़, 24 मार्च – नेशनल कोओपरेटिव एग्रीकलचर एण्ड रूरल डेवलपमेंट बैंकस फेडरेशन लि. के मैनेजिंग डायरेक्टर श्री के.के. रविन्द्रन मुम्बई से हरियाणा के एक दिवसीय दौरे पर पहुंचे। उन्होंने पंचकूला स्थित हरियाणा राज्य सहकारी कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक के अधिकारियों के साथ एक बैठक की और केंद्र सरकार की जनहित की नीतियों के बारे में विस्तार से जानकारी दी।

इस अवसर पर एच.एस.सी.ए.आर.डी. बैंक के प्रबंध निदेशक श्री नरेश गोयल, श्री दिलीप यादव, श्री राम जतन, श्री भरत सिंह मलिक व अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

श्री के.के. रविन्द्रन ने बैठक की अध्यक्षता करते हुए बताया कि केन्द्र सरकार दीर्घकालीन ऋण ढ़ाचे के पुनरूद्धार हेतु कटिबद्ध है। इस दिशा में बैंकों को अधिक धन उपलब्ध करवाकर किसानों को दीर्घकालीन ऋण प्रदान कर उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूत करना है। उन्होने माना कि ग्रामीण अंचल में दीर्घकालीन ऋण सुविधा उपलब्ध करवाने में हमें सहकारी कृषि-ग्रामीण सहकारी बैंकों को मजबूत करना होगा इसके लिए केन्द्रीय सहकारी विभाग प्रयासरत है।

श्री रविन्द्रन ने सहकारी बैंकों के कम्प्यूटरीकरण हेतु आर्थिक सहायता प्रदान करने की जानकारी देते हुए बताया कि नाबार्ड द्वारा भी एक टीम का गठन किया गया है जो फील्ड विजिट कर सहकारी बैंकों की कार्यप्रणाली की वित्तीय स्थिति, ऋण वितरण एवं ऋण वसूली व क्षेत्रवार किसानों की जरूरतों  का विश्लेषण कर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। उन्होंने विशेष रूप से हरियाणा राज्य सहकारी कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक के संचालन बारे विस्तार से चर्चा की। उन्होंने सहकारी बैंकों के कामकाज में विविधता पर ज़ोर दिया। ऋण वितरण हेतु नाबार्ड से पुनर्वित्त सहायता का आश्वासन देते हुए उन्होंने कहा कि सहकारी बैंकों को कृषि ऋण व परम्परागत ऋणों के अलावा स्टोरेज, टूरिज्म, रूरल हाऊस व कर्मचारियों के लिए भी ऋण उपलब्ध करवाने चाहिए। उन्होंने उन ऋणियों पर कानूनी कार्यवाही करने पर बल दिया जो सक्षम होने पर भी जानबूझ कर ऋण वापिस नहीं कर रहे।     

नेशनल कोओपरेटिव एग्रीकल्चर एण्ड रूरल डेवलपमेंट बैंकस फेडरेशन लि. के मैनेजिंग डायरेक्टर श्री के.के. रविन्द्रन ने विल्फुल डिफाल्टर्स की सूची सरकार को उपलब्ध करवा कर उन पर कानूनी शिकंजा कसने को कहा, ताकि उन्हें ऋण अदा करने को बाध्य किया जा सके। ज़िला स्तर पर स्थित डी.पी. कार्ड बैंकों के अलग-अलग डेवलमेंट एक्शन प्लान तैयार कर कार्य करने को कहा। उन्होंने सुझाव दिया कि हरियाणा राज्य सहकारी कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक को फिक्सड-डिपोज़िट के माध्यम से धन राशि प्राप्त करके नए सदस्यों को अधिक से अधिक जोड़ कर वित्तीय लाभ उपलब्ध करवाया जाए।     

बैंक के प्रबंध निदेशक श्री नरेश गोयल ने भी बैंकों के सदस्यों को एक न्यूनतम राशि की एफ.डी. करने पर ज़ोर दिया ताकि प्रत्येक सदस्य की सक्रिय सहभागिता बनी रहे। गौरतलब है कि हरियाणा राज्य सहकारी कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक  छः जिलों में अपने सदस्यों से एफ.डी. करवाने के लिए आमंत्रित कर रहा है जिनमें गुरुग्राम, फरीदाबाद, रेवाड़ी, झज्जर, सिरसा, सोनीपत शामिल हैं जोकि पायलट बेसिस पर आरम्भ की गई है।      

श्री गोयल ने बताया कि हरियाणा सरकार इस बैंक को लगातार वित्तीय सहायता उपलब्ध करवा रही है तथा अतिदेय ऋणी सदस्यों के लिए एकमुश्त निपटान योजना-2022 (ओ.टी.एस.) लागू की गई है। बैंक के समय पर ऋण अदा करने वाले सदस्यों को भी 50 प्रतिशत ब्याज में छूट का प्रावधान है। बैठक में उपस्थित निदेशक मंडल द्वारा वसूली के बारे में चिंता व्यक्त करते हुए ओ.टी.एस. योजना के अंतर्गत अधिक से अधिक वसूली करने बारे प्रयास करने को कहा ताकि बैंक की वित्तीय स्थिति में सुधार हो सके तथा सभी ने बैठक में यह भी आश्वासन दिया कि वे साथ मिलकर बैंक की वसूली के लिए स्टाफ के साथ बैठक कर उन्हे उत्साहित व प्रोत्साहित करेंगे ताकि सभी स्टाफ सदस्य मिलकर बैंक के हित में पूर्ण रूप से अपना कार्य कर सकें।
इस अवसर पर बैठक में बैंक के सेक्रेटरी श्री राजेन्द्र सिंह ढुकिया, एडिशनल सेक्रेटरी श्री अनिल कुमार शर्मा, असिस्टेंट सेक्रेटरी श्री कौशल भारद्वाज, श्री प्रेमपाल, श्री विक्रम सिंह के साथ श्री सुरेन्द्र राठी व श्री सतीश लाठर मौजूद थे।

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