क्या आज के भारत में लोकतंत्र, अभिव्यक्ति की स्वतत्रंता, निष्पक्ष न्याय बचा भी या ही नही? विद्रोही
राहुल गांधी को 2 वर्ष की जेल सजा देकर भारत के प्रजातंत्र में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता व निष्पक्ष-स्वतंत्र न्याय व्यवस्था पर गंभीर प्रश्न चिन्ह खडा कर दिया है। विद्रोही

24 मार्च 2023 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने एक बयान में कहा कि 23 मार्च का दिन जहां भारतीय इतिहास में गौरव का दिन है, जब 92 वर्ष पूर्व 23 मार्च 1931 को देश की आजादी के लिए अमर शहीद क्रांतिकारी सरदार भगत सिंह, राजगुरू व सुखदेव ने फांसी का फंदा चूमकर अपना अमूल्य बलिदान दिया था जिस पर हर भारतवासी को अपार गर्व है।

वहीं उसी बलिदान दिवस के 92 वर्ष बाद 23 मार्च 2023 को सूरत की एक अदालत ने भ्रष्टाचार के खिलाफ मोदी सरनेम पर राहुल गांधी की चुनावी सभा में एक टिप्पणी को मोदी समाज का कथित अपमान बताकर राहुल गांधी को 2 वर्ष की जेल सजा देकर भारत के प्रजातंत्र में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता व निष्पक्ष-स्वतंत्र न्याय व्यवस्था पर गंभीर प्रश्न चिन्ह खडा कर दिया है। विद्रोही ने कहा कि बैंकों से फ्राड करके नीरव मोद, ललित मोदी जैसे भ्रष्टाचारी मोदी सरकार की अकर्मण्यता से विदेशों में भाग जाते है और जब राहुल गांधी चुनावी सभा में इस भ्रष्टाचार के विरोध में उनका सरनेम लेकर उन्हे चोर बताते है तो नीरव मोदी व ललित मोदी के भ्रष्टाचार व विदेशों में भगानेे को राजनीतिक सरंक्षण देने वाली ताकते इसे मोदी समाज का कथित अपमान बताकर न्यायिक प्रक्रिया का दुरूपयोग करके अपराधिक मानहानि मामले में राहुल गांधीे को कानून में प्रदत अधिकतम 2 साल की सजा सूरत के सीजेएम कोर्ट से दिलवाकर अभिव्यक्ति की स्वतत्रंता व भ्रष्टाचारियों के खिलाफ आवाज उठाने वालों को ही डराना व धमकाना चाहते है। 

विद्रोही ने सवाल किया कि किसी चोर को चोर बताना भी आज के भारत में क्या ऐसा अपराध हो गया कि उसे सत्ता न्यायिक प्रक्रिया के दुरूपयोग से 2 वर्ष की जेल सजा दी जाये। राहुल गांधी ने मोदी राज के भ्रष्टाचार पर चोट करते हुए कर्नाटक कोलार चुनावी सभा में 13 अप्रैल 2019 को यह सवाल पूछकर कैसे वर्ग विशेष का अपमान कर दिया कि मोदी सरनेम के लोग ही बैंक फ्राड, भ्रष्टाचार करके विदेश में कैसे भाग रहे? क्या आज के भारत में भ्रष्टाचार को भ्रष्टाचारी कहना भी किसी जाति विशेष का अपमान हो गया? विद्रोही ने पूछा कि ऐसे भ्रष्टाचारियों को भ्रष्टाचारी, चोर न कहकर क्या महात्मा व महापुरूष कहा जाये? राहुल गांधी के साथ हुए अन्याय पर देश के आम लोगों को विचारना होगा कि क्या आज के भारत में लोकतंत्र, अभिव्यक्ति की स्वतत्रंता, निष्पक्ष न्याय बचा भी या ही नही? यदि लोगों ने इसका कडाई से विरोध नही किया तो याद रखे संघी सत्ता के विरूद्ध सवाल उठाने पर पता नही कल किसको सत्ता दुरूपयोग से जेल की सजा करवा दी जाये। 

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