बजट सत्र – अभय सिंह चौटाला ने प्रश्र काल में हरियाणा में डार्क जोन जैसा महत्वपूर्ण मुद्दा सदन में उठाया

हरियाणा में पानी की बहुत कमी है और डार्क जोन एक बहुत बड़ा मुद्दा है
भू-जल स्तर बढ़ाने के लिए योजनाएं तो बहुत बड़ी-बड़ी दिखाई हैं लेकिन वास्तविकता से परे सारी योजनाएं सिर्फ कागजों तक ही सीमित हैं

चंडीगढ़, 20 मार्च: इनेलो के प्रधान महासचिव एवं ऐलनाबाद के विधायक अभय सिंह चौटाला ने सोमवार को बजट सत्र के प्रश्र काल के दौरान हरियाणा में डार्क जोन में भूमिगत जल स्तर को बढ़ाने के लिए सरकार क्या योजना बना रही है, जैसा महत्वपूर्ण मुद्दा सदन में उठाया। उन्होंने कहा कि हरियाणा में पानी की बहुत कमी है और डार्क जोन एक बहुत बड़ा मुद्दा है। प्रदेश में बहुत सारी जमीन ऐसी है जहां डार्क जोन के कारण ट्यूबवैल कनेक्शन नहीं दिया जाता और वहां नहरी पानी भी उपलब्ध नहीं है। ऐसे में उस क्षेत्र में खेती सिर्फ बारिश के पानी पर निर्भर हो जाती है। उन्होंने कहा कि सरकार ने अपने जवाब में भू-जल स्तर बढ़ाने के लिए योजनाएं तो बहुत बड़ी-बड़ी दिखाई हैं लेकिन वास्तविकता से परे सारी योजनाएं सिर्फ कागजों तक ही सीमित हैं। अटल भू-जल योजना के तहत सरकार ने दिखाया कि 677 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है परंतु यह योजना अभी तक लागू ही नहीं हुई है।

सरकार ने सूक्षम योजना, सीधी बिजाई, चावल और तालाबों के कायाकल्प, गांवों में जोहड़ों के सौंदर्यकरण पर बहुत पैसा खर्च किया गया है। उसका कागजों में तो वर्णन किया है परंतु धरातल पर कोई काम नहीं हुआ है। उन्होंने सरकार से पूछा कि यह बताया जाए कि इस योजना के तहत किस-किस तालाब और गांवों में जोहड़ों के सौंदर्यीकरण पर कितना पैसा खर्च किया गया है।

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पिछले तीन दिन से बारिश और ओलावृष्टि हो रही है जिसके कारण सरसों की पकी-पकाई फसल बर्बाद हो गई, गेहूं की फसल 50 प्रतिशत खत्म हो गई

विधान सभा में मुझे यह पूछना था कि क्या सरकार किसानों की खराब हुई फसल का मुआवजा देगी, अगर देगी तो कितना देगी, लेकिन जिस तरह का बर्ताव मेरे साथ किया गया ऐसे में नहीं लगता कि सरकार कोई विशेष गिरदावरी करवाएगी और मुआवजा देगी

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