प्रणम्य को प्रणाम पुस्तक से मिलेगी आने वाली पीढ़ियों को भी प्रेरणा : प्रो. सोमनाथ सचदेवा

तीन दर्जन से अधिक पुस्तकें लिख डा. जय भगवान सिंगला की प्रणम्य को प्रणाम पुस्तक अपने आप में विशेष : प्रो. सोमनाथ सचदेवा।
प्रणम्य को प्रणाम पुस्तक का प्रेरणा वृद्धाश्रम में हुआ लोकार्पण।

वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक

कुरुक्षेत्र, 13 मार्च : प्रेरणा वृद्धाश्रम के ऑडिटोरियम में विख्यात साहित्यकार एवं प्रेरणा वृद्धाश्रम के संस्थापक डा. जयभगवान सिंगला द्वारा लिखित पुस्तक प्रणम्य को प्रणाम का लोकार्पण मुख्य अतिथि के तौर पर कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा द्वारा किया गया। इस मौके पर कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा के साथ उनकी धर्मपत्नी डा. ममता सचदेवा भी मौजूद थी। कार्यक्रम की अध्यक्षता कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय हिंदी विभाग के पूर्व अध्यक्ष एवं विख्यात साहित्यकार प्रो. लालचंद गुप्त मंगल ने की। लोकार्पण समारोह के मुख्य वक्ता बाबा मस्तनाथ विश्वविद्यालय रोहतक के हिंदी विभाग के अध्यक्ष प्रो. बाबू राम एवं सूर पुरस्कार से अलंकृत डॉ. मधु कांत मौजूद रहे।

पुस्तक के लोकार्पण से पूर्व सभी अतिथियों ने प्रेरणा वृद्धाश्रम में स्थित शहीदी स्मारक पर देश के शहीदों को श्रद्धा पुष्प अर्पित किए और उसके उपरांत मंदिर में पूजा अर्चना की। पुस्तक के लोकार्पण के बाद सम्बोधन में कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने कहा कि डा. जय भगवान सिंगला करीब तीन दर्जन से अधिक पुस्तकें लिख चुके हैं लेकिन प्रणम्य को प्रणाम पुस्तक अपने आप में विशेष है। यह पुस्तक समाज को प्रेरणा देने वाली है। यह पुस्तक करीब 4 सौ पेजों की है। प्रो. सचदेवा ने कहा कि आने वाली पीढ़ियों का मार्गदर्शन करेगी। कुलपति ने स्व. लाला राम सिंगला के जीवन पर लिखी पुस्तक के कई पहलुओं पर चर्चा की। प्रणम्य को प्रणाम पुस्तक के लेखक डा. जय भगवान सिंगला ने कहा कि आज उनके जीवन की बहुत ही बड़ी तमन्ना पूर्ण हुई है। उन्होंने केवल अपने पिता स्व. लाला राम सिंगला के जीवन पर एक पुस्तक लिखने का प्रयास किया था जो एक ग्रंथ का रूप ले गई है। यह उनको एक श्रद्धांजलि का प्रयास है।

डा. जय भगवान की पुस्तक लेखन में सहयोग करने वाले सहित्यकारों एवं हस्तियों को सम्मानित भी किया गया। जिन में प्रमुख तौर पर मुख्य अतिथि कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने रामलाल सिंगला, मीरा गौतम, कनिका, कपिल गुप्ता कैथल, मोनिका, दिनेश कुमार कैथल, आचार्य हरीश झांसी, हरदेव शास्त्री, संगीता बिंदल, पीतांबर नोएडा, नीरू मित्तल पंचकूला, डा. विपिन गुप्ता रोहतक, डा. रमाकांत रोहतक, मलाल कौशल रोहतक इत्यादि को सम्मानित किया। प्रख्यात शिक्षाविद स्व. डा. हिम्मत सिंह सिन्हा के नाम का सम्मान उनके पुत्र प्रेम शुक्ला को दिया गया।

कार्यक्रम में पुस्तक की समीक्षा पढ़ने वालों में डा. अशोक मंगलेश चरखी दादरी एवं डा. सीडीएस कौशल कुरुक्षेत्र प्रमुख रहे। कार्यक्रम में आए हुए अतिथियों का प्रेरणा संस्था की अध्यक्ष रेनू खुंगर ने धन्यवाद किया। मंच संचालन डा. विजय दत्त शर्मा पूर्व निदेशक हरियाणा ग्रंथ अकादमी पंचकूला ने किया। इस अवसर पर कार्यक्रम में हरिकेश पपोसा, केशव मेहता, सुरेखा ,अंबाला से भारती धीमान, डा. रतन चंद सरदाना, शकुंतला शर्मा, अन्नपूर्णा शर्मा, राधा अग्रवाल, डा. ममता सूद, आशा सिंगला, शिल्पा सिंगला, आदित्य सिंगला इत्यादि भी मौजूद रहे।

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