उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र सहित कुछ अन्य प्रदेश भी पीपीपी का कर चुके हैं अध्ययन

स्मार्ट सिटी करनाल में 400 से अधिक लोगों की मुख्यमंत्री ने सुनी समस्याएं, मौके पर किया समाधान

चंडीगढ़, 26 फरवरी- हरियाणा सरकार द्वारा गांवों को लाल डोरा मुक्त करने की अनूठी पहल को प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा स्वामित्व योजना के रूप में देश में लागू की जा चुकी है। अब प्रधानमंत्री ने हरियाणा सरकार की परिवार पहचान पत्र नामक एक ओर अनूठी योजना को सभी राज्यों को अपनाने की सलाह दी है।

मुख्यमंत्री आज करनाल जिला में करनाल क्लब में आयोजित मुख्यमंत्री जन संवाद कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने लोगों की समस्याओं को सुना और मौके पर उनके निदान के आदेश दिए। लोगों की समस्याओं को सीधा सुनने की आरंभ की गई मुख्यमंत्री की पहल का लोग स्वागत कर रहे हैं। वे इस बात से संतुष्ट नजर आए कि मुख्यमंत्री स्वयं उच्च अधिकारियों के साथ बैठ कर समस्याओं को सुन रहे हैं और मौके पर ही उनका समाधान कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की जनता उनका परिवार है और लोगों की समस्याओं को सुनने का यह अनूठा प्रयोग है। इससे पहले रोहतक, सिरसा, सोनीपत व कुरूक्षेत्र जिलों में भी जन संवाद कार्यक्रम आयोजित किया जा चुका है। उन्होंने लोगों को आश्वासन दिया कि उनकी समस्याओं का हर हालत में समाधान किया जाएगा। अधिकारियों को लापरवाही बरतने नहीं दी जाएगी।

श्री मनोहर लाल ने कहा कि राज्य सरकार ने पिछले 8 वर्षों में व्यवस्था परिवर्तन के कई काम किए हैं। लोगों के जीवन को सरल बनाने व उनकी शिकायतों और समस्याओं के निदान के लिए नई-नई नीतियां बनाई हैं और पुराने कानूनों में संशोधन किये हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने एक नई पहल शुरू करते हुए विवादों से समाधान कार्यक्रम चलाया था, जिसके तहत नई नीतियां बनाकर विभिन्न विभागों की समस्याओं का निदान किया गया।

विशिष्ट विभागों को सौंपी नागरिकों की देखभाल की जिम्मेदारी

श्री मनोहर लाल ने कहा कि राज्य सरकार ने परिवार पहचान पत्र के माध्यम से परिवारों का डाटा एकत्र किया है और उनके कल्याण के लिए विभिन्न योजनाएं चला रही है। परिवार पहचान पत्र के माध्यम से हर वर्ग के कल्याण के लिए नए प्रयोग किए जा रहे हैं। विशिष्ट विभागों को नागरिकों की देखभाल की जिम्मेदारी सौंपने का निर्णय लिया है। 6 वर्ष तक के आयु समूह को महिला एवं बाल विकास विभाग को सौंपा गया है, ताकि हर जरूरतमंद बच्चे की देखभाल की जा सके, भले ही बच्चा वर्तमान में आंगनवाड़ी केंद्र में जा रहा हो या नहीं। 6 वर्ष से अधिक और 18 वर्ष तक के आयु समूह को स्कूल शिक्षा विभाग को सौंपा गया है, ताकि विभाग यह सुनिश्चित करे कि कोई भी बच्चा स्कूल से बाहर न रहे।

इसी प्रकार, 18 वर्ष से अधिक और 25 वर्ष तक के आयु समूह को उच्च शिक्षा विभाग को यह सुनिश्चित करने के लिए सौंपा गया है कि प्रत्येक युवा या तो शिक्षित हो या नौकरियों के लिए कौशलप्राप्त हो। 25 वर्ष से अधिक एवं 40 वर्ष तक के आयु वर्ग को युवा अधिकारिता एवं उद्यमिता विभाग को सौंपा गया है ताकि इस आयु वर्ग के युवाओं के लिए कौशल, उद्यमिता एवं रोजगार सुनिश्चित किया जा सके।

उन्होंने बताया कि 40 से 60 वर्ष तक की आयु वर्ग की देखभाल राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा की जाएगी और 60 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के लोगों की देखभाल सेवा विभाग द्वारा की जाएगी। यह सरकार का प्रदेश के लोगों तक पहुंचने का एक महत्वाकांक्षी कार्यक्रम है।

80 वर्ष से अधिक आयु के वृद्धजनों की देखभाल के लिए नया प्रयोग

श्री मनोहर लाल ने कहा कि पीपीपी आंकड़ों के आधार पर 80 वर्ष या उससे अधिक आयु वर्ग के लगभग 3600 व्यक्ति ऐसे हैं, जो अकेले रह रहे हैं। उनका ख्याल रखने के लिए सरकार ने वरिष्ठ नागरिक सेवा आश्रम योजना के तहत एक आश्रम बनाने की व्यवस्था की है। इस आश्रम में वरिष्ठ नागरिकों के लिए स्वास्थ्य सेवा सहित सभी सुविधाएं एक ही छत के नीचे उपलब्ध होंगी।

राज्य के बजट में हर विभाग, क्षेत्र और वर्ग का रखा गया है ख्याल

मुख्यमंत्री ने कहा कि 23 फरवरी, 2023 को वित्त मंत्री के रूप में उन्होंने वित्त वर्ष 2023-24 का राज्य का बजट पेश किया है। बजट में हर विभाग, हर क्षेत्र और हर वर्ग का ख्याल रखते हुए नई योजनाओं की घोषणाएं की गई हैं, जिन पर 1 अप्रैल से कार्य आरंभ हो जाएगा। बजट एक वर्ष के लिए सरकार की योजनाएं लागू करने का अहम दस्तावेज होता है।

उन्होंने कहा कि विभिन्न माध्यमों से सुचनाएं प्राप्त हुई हैं कि आमजन ने बजट को सराहा है। हालांकि, विपक्ष को भी तो कुछ बोलना होता है। विपक्ष के लोग तो कह रहे हैं कि बजट को जीरो से कम नंबर देना चाहता हूं परंतु नहीं दे पा रहा हूं। लोगों ने अपनी प्रतिक्रिया से बता दिया है कि राज्य का बजट अच्छा है। उन्होंने कहा कि सरकारी नौकरियों में भर्ती की प्रक्रिया में तेजी लाई जाएगी।

इस अवसर पर विधायक श्री हरविंद्र कल्याण, करनाल मंडल, करनाल के आयुक्त डॉ साकेत कुमार, मुख्यमंत्री के उप प्रधान सचिव श्री के मकरंद पाण्डुरंग, शहरी स्थानीय निकाय विभाग के निदेशक श्री डी के बेहरा, करनाल के पुलिस अधीक्षक श्री गंगा राम पुनिया और जिला उपायुक्त श्री अनीश यादव सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

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