एमडीएच ग्रूप के मैनेजिंग डायरैक्टर व कनाड़ा शिष्टमंडल दसवें दिन कुरूक्षेत्र महर्षि दयानन्द समारोह में हुआ शामिल।
कनाड़ा मेयर ने अपने शहर में महर्षि दयानन्द सरस्वती के नाम से किसी स्थान का नाम रखने की घोषणा की।
देश-विदेश से पहुंच रहे लोग कुरूक्षेत्र में।

वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक

कुरूक्षेत्र, 10 फरवरी : एम.डी.एच.ग्रूप के मैनजिंग डायरैक्टर राजीव गुलाहटी ने कहा है कि महर्षि दयानन्द सरस्वती का चिंतन पूरी दूनिया को उन्नति की शिखर पर पहुंचा सकता है। वे बुधवार को धर्मक्षेत्र-कुरूक्षेत्र के ब्रहमसरोवर पर आयोजित महर्षि दयानन्द सरस्वती द्वितीय जन्मशताब्दी समारोह में बतौर मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होकर जनसमूह को सम्बोधित कर रहे थे। इस अवसर पर सम्मानीय अतिथि के रूप में कनाड़ा के डिप्टी ट्रांसपोर्ट मनिस्टर हरदीप ग्रेवाल व विशेष अतिथि के रूप में कनाड़ा के ओंटेरियो स्टेट ब्रैड़ फोर्ड के मेयर राज संधू ने व कनाड़ा के पूर्व इमीग्रेशन मिनिस्टर बोब सरोय ने भाग लिया। इसके अलावा कनाड़ा शिष्टमंडल के रूप में गुरदीप चहन,बाब होसांज, बलजीत कौर, जसविन्द्र सिददू, हरविन्द्र सिंह बासी, शिक्षाविद्व विक्रमजीत मुकेरिया ने भाग लेकर चतुर्वेद पारायण यज्ञ में आहुति डाली। इस अवसर पर सभी अतिथियों ने कुरूक्षेत्र पहुंच कर पिछले दस दिनों से चल रहे चतुर्वेद पारायण यज्ञ में वेद मंत्रों पर आहुति डाली।

इस दौरान मुख्य अतिथि राजीव गुलाटी ने स्वामी सम्पूर्णानन्द को वेद प्रचार को व महर्षि दयानन्द सरस्वती के चिंतन को पूरे विश्व तक पहुंचाने वाला बताया व कहा क यज्ञ संसार का सबसे श्रेष्ठ कर्म है। हमें इसे नियमित करना चाहिए। यह कुरूक्षेत्र व पूरे देश का शौभागय है कि लगातार बारह दिनों तक सुर्योदय से सुर्यास्त तक चारों वेदों का यज्ञ कुरूक्षेत्र की धरती पर चल रहा है।
इस दौरान कनाड़ा के डिप्टी ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर गुरदीप ग्रेवाल ने कहा कि मेरा जन्म कनाड़ा में हुआ लेकिर भारत में इस तरह से यज्ञ में सभी को भाग लेकर अवसर देने के कार्य से बड़ी खुशी हुई व ज्ञान हुआ कि महर्षि दयानन्द सरस्वती कितने बड़े मानवतावादी व चिंतक होंगे जो आज दो सौ साल बाद भी हम उनके दिखााए रास्ते पर चलने का बार-बार प्रण ले रहे हैं। इस अवसर पर कनाड़ा के मेयर राज संधू ने कहा कि स्वामी सम्पूर्णानन्द व आर्य समाज द्वारा सभी मत पंथों को एक मंच पर लाने का सराहनीय प्रयास किया है, हम सभी को मिलकर महर्षि दयानन्द सरस्वती के चिंतन, विचारों व कार्यों को पूरी दूनिया तक पहुंचाना होगा। उन्होंने घोषणा करते हुए कहा कि उनके कार्यक्षेत्र के किसी एक स्थान का नाम महर्षि दयानन्द सरस्वती के नाम से रखेंगे व वहां पर महर्षि दयानन्द सरस्वती का एक स्मारक होगा।

महर्षि का हर उपदेश मानवता को समर्पित: कर्मवीर।
इस अवसर पर आयुर्वेदाचार्य स्वामी कर्मवीर ने कहा कि महर्षि दयानन्द सरस्वती का पूरा चिंतन व कार्य मानवता को समर्पित है। वेद मानवता का संविधान है। इसलिए हमें वेदों की ओर लौटना चाहिए।

धर्मपाल महाशय का पूरा परिवार वेद प्रचार को समर्पित: सम्पूर्णानन्द
इस अवसर पर कार्यक्रम के अध्यक्ष स्वामी सम्पूर्णानन्द सरस्वती ने आयोजन समिति के सदस्यों के साथ मिलकर मुख्य अतिथि राजीव गुलाटी व उनकी धर्मपत्नी ज्योति गुलाहटी, नितिन कोहली, प्रेम अरोड़ा, अनिल अरोड़ा व कनाड़ा शिष्टमंडल का वैद्विक साहित्य व महर्षि का चित्र देकर सम्मानित किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि महाशय धर्मपाल जी का पूरा परिवार वेद प्रचार को समर्पित है, वेद प्रचार के हमेंशा तन-मन व धन समर्पित है। पूरा परिवार राजीव गुलाहटी के साथ वास्तविक भामाशाह है।

इस अवसर पर ये रहे मौजूद।
इस अवसर पर श्री प्रकाश मिश्र, आर्य दिलबाग लाठर, योगेश आर्य, वीरेन्द्र आर्य, आचार्य विष्णुमित्र, आचार्य प्रशांत, गौ रक्षा दल के अध्यक्ष आचार्य राजेन्द्र, कालवा गुरूकूल के छात्र, शिवगंज गुरूकूल राजस्थान की ब्रहमचारियां, मेरठ गुरूकूल की ब्रहमचारिणी, आर्य समाज बिहार, हरियाणा के हर जिले से आर्य समाज के लोग, गुजरात आर्य समाज परिवार सहित पूरे देश भर से लोगों ने कुरूक्षेत्र पहुंच कर महर्षि दयानन्द सरस्वती को राष्ट्र पितामाह का दर्जा दिया।

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