देश के प्रसिद्व संतों ने महर्षि दयानन्द सरस्वती की द्वितीय जन्मशाताब्दी शुभारम्भ समारोह धार्मिक एकता पर बल दिया। संतों ने महर्षि दयानन्द सरस्वती स्मारक बनाने का प्रस्ताव पारित किया। कुरूक्षेत्र, 1 फरवरी : योग गुरू स्वामी रामदेव ने कहा है कि यह सदी अखंड भारत की सदी होगी। अब वो समय आ गया है कि हम सभी को एकजुट होकर विघटनकारी ताकतों को मुंहतोड़ जवाब देना होगा व अपने वीर शहीदों के स्वप्न को साकार करते हुए ऐसे अखंड भारत का निर्माण करना है, जो भय, भुख ओर भ्रष्टाचार मुक्त हो। वे बुधवार को कुरूक्षेत्र के प्रसिद्व ब्रहमसरोहवर पर महर्षि दयानन्द सरस्वती द्वितीय जन्मशताब्दी शुभारम्भ समारोह के वर्ष भर आयोजित होने वाले कार्यक्रमों के उदघाटन समारोह में शामिल होकर बतौर मुख्य अतिथि देश के विभिन्न धर्म, सम्प्रदाय व परम्पराओं के प्रमुख संतों की दिव्य उपस्तिथि में लोगों को सम्बोधित कर रहे थे। इस दौरान स्वामी रामदेव ने समारोह में शामिल सभी संतों के साथ सहमति से प्रस्ताव पारित करते हुए कहा कि धर्मक्षेत्र -कुरूक्षेत्र धर्म नगरी है, ऐसे में यहा पर हमारे आदर्श, महापुरूष महर्षि दयानन्द सरस्वती का स्मारक बनाया जाए, ताकि लोग उनके कार्यों व चिंतन से प्रेरणा ले सकें। इस दौरान उन्होंने कहा कि वेद का दूसरा नाम ज्ञान है व आज की युवा पीढ़ी को वेद के मार्ग का अनुशरण करने की बात कही। रामदेव ने कार्यक्रम में शामिल होने से पूर्व बारह दिवसीय चतुर्वेेद परायण यज्ञ का शुभारम्भ किया। कार्यक्रम में बतौर अतिविशिष्ठ अतिथि शामिल अखिल भारतीय इमाम संगठन के प्रमुख डा.उमेर अहमद इलियासी एंव प्रसिद्व इस्लामिक गुरू मौलाना कोकब मुस्तफा ओर अजमेर शरीफ के मौलाना सलमान चिश्ती ने संयुक्त रूप से पाकिस्तान द्वारा संगठित रूप से चलाए जा रहे आतंकवाद को चेताते हुए कहा कि आज पाकिस्तान बर्बादी की ओर बढ़ रहा है। वह दिन दूर नहीं जब पाकिस्तान में भी तिरंगा होगा। उनकी इस दहाड़ से पूरा पंढाल भारत माता के नारों ओर अखंड भारत से गुजायमान हा गया। समारोह में गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानन्द महाराज ने महर्षि दयानन्द सरस्वती के दिखाए पर चलने का आहवान किया। समारोह में शामिल बिशप बशटियन महर्षि दयानन्द सरस्वती भारत की एकता एंव अखंड़ता को मजबूत करने वाले महापुरूष थे। जिन्होंने प्रथम स्वतंत्रता संग्राम का बिगुल बजाया। समारोह में शाामिल सभी संतों व धर्मगुरूओं ने महर्षि दयानन्द सरस्वती के चिंतन व विचारों को पूरी दूनिया के लिए आदर्श बताया। कार्यक्रम को जैन धर्म के विवेक मुनि, आचार्य योग भूषण,विश्व रविदास समाज के वीर सिंह हितकारी, हिमाचल से स्वामी योग तीर्थ जी महाराज , विश्व बौद्व संगठन भिक्षू संगसेना, विश्व सर्व धर्म संसद के सुशील जी महाराज, पतंजलि योग पीठ के वरिष्ठ न्यासी डा. यशोदेव शास्त्री ने अपने उदबोधन में महर्षि दयानन्द सरस्वती को आधुनिक भारत का निर्माता बताया। प्रसिद्व बौद्व गुरू दलाईलामा ने अपना संदेश अपने आचार्य एसी द्वारा भिजवाया। समारोह में मुख्यमंत्री हरियाणा ने किसी कारण से कार्यक्रम में उपस्थित न होने के चलते अपना संदेश विडिय़ो कांफ्रेसिंग के माध्यम से अपना संदेश दिया। समारोह का स्वागत भाषण कार्यक्रम के अध्यक्ष स्वामी सम्पूर्णानन्द सरस्वती ने किया व अपने उदबोधन में महर्षि के विचारों पर विस्तार से प्रकाश डाला। कार्यक्रम का संचालन कार्यक्रम प्रभारी मातृभूमि सेवा मिशन के संस्थापक डा. श्रीप्रकाश मिश्र ने किया। आभार ज्ञापन पानीपत जिला परिषद के वाईस चेयरमैन आर्य सुरेश मलिक व आर्य दिलबाग लाठर ने संयुक्त रूप से किया। कार्यक्रम में उपस्थित सभी लोगों ने विशेष रूप से उमेर इलियासी ने राष्ट्रवाद, नशा उन्मुलन का आभार जताया। समारोह में आर्य रामपाल कूंडू ने वर्ष भर चलने वाले कार्यक्रमों की रूपरेखा रखी। समारोह में शामिल सभी संतों का आयोजन कमेटी ने अंगवस्त्र ओर स्मृति चिंह ओर आर्य समाज के साहित्य से सम्मानित किया। आयोजन कमेटी द्वारा समापन पर ऋषि लंगर का आयोजन किया गया। इस अवसर पर कार्यक्रम अध्यक्ष स्वामी सम्पूर्णानन्द सरस्वती, आर्य सुरेश मलिक, आर्य दिलबाग लाठर, आर्य रामपाल कूंडू, श्री प्रकाश मिश्र, आर्य धीरज खरकाली, बलकार लाठर, आचार्य विजय पाल, आचार्य राजेन्द्र, आजाद आर्य, आचार्य योगेन्द्र आर्य सहित अन्य मौजूद थे। Post navigation श्रीमद्भगवद्गीता से श्रेष्ठ, परिपूर्ण और समग्र मार्गदर्शक कोई दूसरा नहीं : डा. शाश्वतानंद गिरि अवधूत आश्रम में माता रेणुका जोशी को संत समाज एवं गणमान्यजनों ने दी श्रद्धांजलि