मुख्यमंत्री ने किया आह्वान, सभी कर्मचारी सच्चाई व ईमानदारी से अपने कर्तव्यों का करें निर्वहन चंडीगढ़, 21 जनवरी – हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि प्रदेश में अस्थाई नौकरियां देने के लिए चल रही ठेकेदारी प्रथा को खत्म कर ऐसे कर्मचारियों को शोषण से बचाने के लिए ही हरियाणा कौशल रोजगार निगम बनाया गया है। अब कच्चे कर्मचारियों को समय पर वेतन सहित ईपीएफ और ईएसआई का लाभ मिल रहा है। आज यहां हरियाणा कौशल रोजगार निगम के माध्यम से रखे गए कर्मचारियों से ऑडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सीधा संवाद करते हुए मुख्यमंत्री ने सभी कर्मचारियों से सच्चाई व ईमानदारी से अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने का आह्वान किया। इस दौरान कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उन्हें मैरिट के आधार जॉब ऑफर प्राप्त हुए हैं, इसके लिए प्रदेश सरकार का धन्यवाद। उन्हें नौकरी के लिए किसी बिचौलिये के पास नहीं जाना पड़ा। जरूरतमंदों को पहले रोजगार अवसर मुहैया करवाने पर विशेष बलश्री मनोहर लाल ने कहा कि सरकार को काफी समय से अस्थाई कर्मचारियों की ओर से शिकायतें प्राप्त होती थी कि उन्हें समय पर वेतन नहीं मिलता, न ही ईपीएफ व ईएसआई का लाभ मिलता है। उन्होंने कहा कि धीरे-धीरे ठेका प्रथा ठग प्रथा बन गई, इसलिए इन सारी शिकायतों के समाधान के लिए सरकार ने एचकेआरएन बनाया। विभागों की ओर से मैनपावर की मांग आने पर इस निगम के माध्यम से मैरिट के आधार पर नौकरियां दी हैं। इस दौरान हमने जरूरतमंदों को पहले रोजगार अवसर मुहैया करवाने पर विशेष बल दिया। उन्होंने कहा कि पिछले 2 महीने में एचकेआरएन के माध्यम से 3297 कर्मचारी लगाए गए हैं। इनमें मुख्य रूप से टीजीटी, पीजीटी, ड्राइवर, आयुष योग सहायक और लाईनमैन शामिल हैं। उन्होंने कहा कि एचकेआरएन के माध्यम से रखे गए कर्मचारियों में एससी ओबीसी इत्यादि श्रेणी के लिए आरक्षण का न केवल ध्यान रखा गया है बल्कि आरक्षण की सीमा से अधिक कर्मचारी लगाए गए हैं। अब तक लगाए गए कर्मचारियों में 30.7 प्रतिशत एससी श्रेणी के हैं। उन्होंने कहा कि पहले डीसी रेट पर अस्थाई कर्मचारी रखे जाते थे। विभिन्न जिलों में अलग-अलग डिसी रेट के कारण कुछ दिक्कते आती थी। अब एचकेआरएन में मासिक-पे को भी रेगुलराईज किया गया है। विभिन्न विभागों, बोर्डों व निगमों में पहले से ठेकेदार के माध्यम से रखे गए कर्मचारियों का डाटा को भी एचकेआरएन में पोर्ट किया गया है। अब निगम के तहत कुल कर्मचारियों की संख्या 97 हजार से अधिक हो गई है। उन्होंने कहा कि यह अस्थाई नौकरी है और युवा नियमित भर्तियों के लिए आवेदन अवश्य करें। इन कर्मचारियों को अनुभव का लाभ मिलेगा। हर साल के अनुभव के लिए आधा अंक जुड़ेगा। उन्होंने बताया कि अभी हाल ही में ग्रुप सी के लिए कॉमन पात्रता परीक्षा (सीईटी) हो चुकी है और जल्द ही ग्रुप-सी की 35 हजार पद भरे जाएंगे। इसके बाद जल्द ही ग्रुप-डी के लिए भी सीईटी परीक्षा आयोजित की जाएगी। इस अवसर पर मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव श्री डी एस ढेसी, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव डॉ अमित अग्रवाल, मुख्यमंत्री के उप प्रधान सचिव श्री के मकरंद पाण्डुरंग, मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार श्री भारत भूषण भारती सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे। Post navigation प्रदेश के कॉलेजों में जल्द होगी असिस्टेंट प्रोफेसर की भर्ती मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई एचपीपीसी की बैठक