रौनक शर्मा

सांपला – बीते वीरवार नवीन जयहिन्द अपनी मांगों को लेकर धरने पर बैठे सरपंचो के समर्थन में सांपला के बीडीपीओ आफिस पहुंचे। जयहिन्द ने सरपंचो को समर्थन देते हुए कहा कि हम हर तरह से आपके साथ है। साथ ही जयहिन्द ने सभी सरपंचो, ब्लॉक मेम्बरों, पार्षदों से अपील करते हुए कहा की 29 जनवरी को गृह मंत्री अमित शाह गोहाना में आ रहे हैं, उनके सामने अपनी मांग रखेंगे तभी कुछ समाधान होगा। 

जयहिन्द ने बताया कि ये सभी सरपंच अपने लिए धरने पर नही बैठे है। बल्कि गांव के विकास अच्छे से हो इसलिए धरने पर बैठे है। सरपंच गांव के सीएम होते हैं गांव का मान-सम्मान, स्वाभिमान सरपंच ही होते है इसलिए सरकार भी उन्हें  पूरा मान सम्मान दे  और  सरपंचों की बेजती करना बंद करे।  पुरे प्रदेश  में जिस तरह  से सरपंच हर जिले में  विरोध  प्रदर्शन कर रहे है उसी कड़ी में नवीन जयहिंद भी अब सरपंचो के साथ खड़े हो गए है।  जयहिंद ने सरकार को  चेताते  हुए कहा की ये सरकार और इनका मुखिया  सरपंचों के पीछे पड़ना छोड़ दे सरकार और अपने मंत्रिमंडल का दिमाग पहले ठीक करे।

जयहिन्द ने मंत्री देवेंद्र बबली पर तंज कसते हुए कहा कि मुख़्यमंत्री जी को अपने मंत्री को समझना चाहिए। नही तो ये सभी सरपंच बबले है। साथ ही जयहिन्द ने मंत्री द्वारा सरपंचो को बदनाम करने वाली बात का जवाब देते हुए कहा कि बेईमान आदमी को ही सब बेईमान नजर आते है

जयहिन्द ने कहा कि देश के खिलाड़ियों का खासकर महिलाओं का इस तरह शोषण होना बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। सरकार को एक हेल्पलाइन नंबर जारी करना चाहिए जिसमें अगर किसी खिलाड़ी के साथ गलत हो रहा है तो बस उस नंबर पर अपनी शिकायत कर सके और सरकार इस शिकायत पर सख्त से सख्त कदम उठा सके।

सरपंचो का अपमान  गाँव के लोगो की बेज्जती है। जयहिंद ने कहा की गाँव के विकास के लिए सरपंच को 2 लाख की राशि सरकार ने सुनिश्चित की  है इतने पैसे में तो एक टॉयलेट भी नहीं बनता तो  सरपंच कैसे इतने पैसे  में गाँव का विकास करेंगे, ये तो ऊँट के मुँह में जीरा भी नहीं है। जयहिंद ने  आगे  कहा की पहले तो सरकार ने चुनाव 2 साल  देरी से कराये इससे गांवों के विकास कार्य पहले से ही अधर में लटके हुए है और वो पैसा पहले ही सरकार हजम कर चुकी है और  अब केवल 2 लाख रुपए दे रही  है क्या सरकार सारे सरपंचों को चोर समझती है  ? सरकार सरपंचों की रिकॉल करने की बात कहती है लेकिन पहले सरकार खुद के मंत्रिमंडल और विधायकों को रिकॉल करवाए ,डिजिटल सर्वे कराएं , मुख्यमंत्री अपना रिकॉल कराये सरकार को दूध का दूध पानी का पानी नजर आ जायेगा।

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