साइबर धोखाधड़ी का हो सकते हैं शिकार वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक कुरुक्षेत्र : डिजिटल क्रांति के इस युग में हमारा ज्यादातर काम ऑनलाइन हो गया है या फिर हम अपने मनोरंजन के लिए इंटरनेट यूज करते रहते है। शॉपिंग से लेकर बिल भरने तक बैंक से जुड़े भी कई काम करने में हम ऑनलाइन मोबाइल लैपटाप या अन्य डिवाइस का प्रयोग करते है। कई बार जालसाज आपके इन उपकरणों को विभिन्न तरीकों से हैक करके आपका डाटा चुरा कर साइबर क्राइम को अंजाम देते है । आजकल सक्रिय साइबर अपराधी साइबर अपराध करने के नए नए तरीके अपना रहे है । अब साइबर अपराधी लोगों से ठगी के लिए सार्वजनिक स्थानों पर ब्लूटूथ को हथियार बना रहे हैं। पुलिस द्वारा समय समय पर साइबर अपराध से बचने के लिए एडवाइजरी जारी की जाती है ताकि आमजन सतर्क व सचेत रहकर अपने पैसे की सुरक्षा कर सके। इसके बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए पुलिस अधीक्षक सुरेन्द्र भोरिया ने बताया कि कई बार हम बाहर होते है तो हमारे मोबाईल लैपटॉप व अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के साथ ब्लूटूथ का इस्तेमाल करते है। जो साइबर ठग अपने मोबाईल फोन को हमारी ब्लूटूथ के साथ कनेक्ट करके अकाउंट में सेंध लगा सकते है । उन्होने बताया कि ये साईबर ठग भीडभाड वाले स्थानो पर जाकर अपने मोबाईल फोन से अन्य व्यक्ति के मोबाईल फोन पर ब्लूटूथ कनेक्ट की रिक्वेस्ट सेंड करते है । जैसे ही किसी मोबाईल फोन के ब्लूटूथ के साथ कनेक्ट होते है तो उस व्यक्ति का सारा डाटा हैक कर लेते है और इस प्रकार उसका सारा अकाउंट खाली कर देते है । एसपी ने ऐसे अपराधों से बचने के लिए बताया कि सार्वजनिक स्थानों पर ब्लूटूथ इस्तेमाल करते समय ध्यान रखे कि किसी अंजान डिवाईस से आने वाली ब्लूटूथ कनेक्ट रिकवेस्ट स्वीकार ना करे। पुलिस अधीक्षक ने कहा कि अगर सावधानी या सतर्कता रखने के बावजूद भी आपके साथ किसी प्रकार का साइबर फ्रॉड हो जाता है तो घबराएं नहीं । बल्कि तुरंत साइबर धोखाधड़ी होने पर शिकायत साइबर हेल्प डेस्क नंबर 1930, अपने बैंक तथा नजदीकी पुलिस स्टेशन में दें और साइबर क्राइम पोर्टल cybercrime.gov.in पर अपनी शिकायत रजिस्टर्ड कराए। प्राय देखने में आता है कि पीड़ित व्यक्ति जब 1930 पर काल करता है तो वहां कार्यरत कर्मचारी द्वारा डिटेल्स पूछी जाती है तो पीड़ित हडबडाहट में पूर्ण डिटेल्स नही देता और फोन काट देता है ऐसे मे आपकी शिकायत अधूरी रह जाती है। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि 1930 पर काल करने से पहले आपको पीडित का नाम, मोबाईल नंबर, निकटतम पुलिस स्टेशन, जिला, बैंक का नाम, डेबिट राशि, खाता संख्या/वॉलेट मर्चेंट, यूपीआई आईडी जिससे राशि डेबिट की गई है, धोखाधड़ी कैसे हुई इसका संक्षिप्त विवरण का पता होना चाहिए। ये सब डिटेल्स देने के बाद आपकी शिकायत दर्ज होगी तथा आपके पैसे का दुरुपयोग होने से बचाव होगा । Post navigation युवाओं को स्वामी विवेकानंद के आदर्शों को अपनाने की जरूरत : दत्तात्रेय इस बार मकर सक्रांति का पर्व 15 जनवरी को, सूर्योपासना से प्रसन्न होंगे नारायण : कौशिक