विश्व हिन्दी दिवस को मनाया जा रहा है लगभग 180 देशों में।
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के सीनियर मॉडल स्कूल में विश्व हिन्दी दिवस पर आयोजित हुआ कार्यक्रम।
स्कूल के प्राचार्या डा. एमएम सिंह ने हिन्दी दिवस पर डाला विस्तृत प्रकाश।

कुरुक्षेत्र 10 जनवरी : जिला सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारी डा. नरेंद्र सिंह ने कहा कि हिन्दी की व्यापकता के कारण दुनिया के 175 देशों में हिन्दी के शिक्षण व प्रशिक्षण के अनेक माध्यम केंद्र बन गए है और हिन्दी का शिक्षण और प्रशिक्षण विश्व के लगभग 180 विश्वविद्यालयों व शैक्षणिक संस्थानों में चल रहा है। यह भी देखने में आया है कि सिर्फ अमेरिका में 100 से अधिक विश्वविद्यालयों और कालेजों में हिन्दी पढ़ाई जा रही है। इससे लगता है कि हिन्दी का वर्चस्व दिन-रात बढ़ रहा है। अहम पहलू यह है कि एनसाईक्लोपीडिया के अनुसार चीनी भाषा के बाद संसार में प्रयुक्त होने वाली सबसे बड़ी भाषा हिन्दी है।

डीआईपीआरओ डा. नरेंद्र सिंह मंगलवार को विश्व हिन्दी दिवस पर कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के सीनियर मॉडल स्कूल के सभागार में आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे। इससे पहले डीआईपीआरओ डॉ. नरेंद्र सिंह, स्कूल के प्राचार्य डॉ. एमएम सिंह, डॉ. सुखविंद्र सिंह, उर्मिला काजल, चेतना, डॉ. सुशील कुमार ने विधिवत रूप से विश्व हिन्दी दिवस कार्यक्रम का शुभारंभ किया। डीआईपीआरओ डा. नरेंद्र सिंह ने कहा कि विश्व हिन्दी दिवस को 10 जनवरी के दिन 180 देशों में मनाया जाता है। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर हिन्दी के व्यापक प्रचार-प्रसार के निमित अंतर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालय की प्रचार के साथ ही विधिवत क्षेत्रों में हिन्दी के उपयोग से है। आज युवा पीढ़ी को सूचना क्रांति के युग में हिन्दी को भूमंडलीकरण की प्रक्रिया के रुप में अपनी भुमिका का महत्व बताना होगा। इसलिए इसे कंप्यूटर की भाषा भी बनाना होगा। हिन्दी में ऐसे सॉफ्टवेयर विकसित करने होंगे, जिनमें वैश्विक स्तर पर सूचनाओं का आदान प्रदान करना ओर भी आसानी और सहजता से संभव हो सके। हिन्दी कंप्यूटर प्रोग्रामिंग की रूप-रचना और हिन्दी कूट पदों तथा संकेताक्षरों का प्रचलन होना चाहिए।

स्कूल के प्राचार्य डॉ. एमएम सिंह ने हिन्दी के महत्व और विश्व हिन्दी दिवस पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भारत संयुक्त राष्ट्र संघ में एक महत्वपूर्ण देश है और हिन्दी को संयुक्त राष्ट्र संघ की आधिकारिक भाषा बनाए जाने की मुहिम की शुरुआत भारत के नागपुर में 10 जनवरी 1975 को आयोजित प्रथम विश्व हिन्दी सम्मेलन में हुई थी। संयुक्त राष्ट्र संघ की 7वीं आधिकारिक भाषा के रूप में हिन्दी को स्थान दिलाने के लिए कुल 193 सदस्य देशों में से 2 तिहाई बहुमत यानि न्यूनतम 129 देशों के समर्थन की आवश्यकता है। हिन्दी का जन्म संस्कृत भाषा से हुआ और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर हिन्दी को प्रतिष्ठित करने के लिए भारतीय संस्कृति संबंध परिषद महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। आज हिन्दी 12 से अधिक देशों में बहुसंख्यक समाज की मुख्य भाषा है।

हिन्दी दिवस पर डॉ. सुखविंद्र सिंह, उर्मिला काजल व चेतना ने भी प्रकाश डालते हुए कहा कि स्कूल के प्राचार्या डा. एमएम सिंह के नेतृत्व में हिन्दी दिवस ही नहीं समय-समय पर अन्य कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है ताकि युवा पीढ़ी को देश की शिक्षा, संस्कृति और संस्कारों के साथ जोडक़र रखा जा सके। इस कार्यक्रम के मंच का संचालन डा. सुशील कुमार टाया ने किया। इस कार्यक्रम के अंत में स्कूल के प्राचार्या ने डीआईपीआरओ को स्मृति चिन्ह भेंट किया। इस मौके पर प्रवीण शर्मा, संजय बठला, संजय राठी, विश्वजीत, मंदीप सिंह, विरेंद्र सिंह, अशोक कुमार, मुकेश, सोनिया सैनी, प्रभा चौहान सहित अन्य शिक्षक मौजूद थे।