कुरुक्षेत्र : राहुल गांधी द्वारा निकाली जा रही भारत जोड़ो यात्रा कन्याकुमारी से लेकर जम्मू कश्मीर तक का सफर तय कर रही है इसी बीच राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा रविवार को कुरुक्षेत्र पहुँची। कुरुक्षेत्र पहुंचने पर राम कथा वाचक एनआईटी विधायक पंडित नीरज शर्मा की पार्टी ने जिम्मेदारी लगाई थी कि वह पूर्ण व्यवस्था करें और राहुल गांधी जी के संग ब्रह्मसरोवर के आरती कराएं। इससे पहले भी विधायक नीरज शर्मा की पार्टी द्वारा हरिद्वार में राहुल गांधी को माँ गंगा आरती की व्यवस्था करने की जिम्मेदारी लगा चुकी है जिसको विधायक नीरज शर्मा ने बखूबी निभाया है।

रामकथा वाचक विधायक एनआईटी नीरज शर्मा ने रविवार को ब्रह्म सरोवर कुरुक्षेत्र पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी के साथ आरती की और विश्व के कल्याण की कामना की।

इस मौके पर राम कथा वाचक विधायक नीरज शर्मा के साथ बादली से विधायक कुलदीप वत्स, दिल्ली से पूर्व विधायक अनिल शर्मा ने भगवान परशुराम की प्रतिमा राहुल गांधी जी को भेंट की साथ-साथ गीता की पुस्तक भेंट की।

ब्रह्मसरोवर भारत के हरियाणा राज्य के थानेसर में स्थित एक सरोवर है जो हिन्दुओं द्वारा अत्यन्त पवित्र माना जाता है। सूर्यग्रहण के अवसर पर यहां विशाल मेले का आयोजन किया जाता है। इस अवसर पर लाखों लोग ब्रह्मसरोवर में स्नान करते हैं। कई एकड़ में फैला हुआ यह तीर्थ वर्तमान में बहुत सुन्दर एवं सुसज्जित बना दिया गया है। कुरूक्षेत्र विकास बोर्ड के द्वारा इसे बहुत दर्शनीय रूप प्रदान किया गया है तथा रात्रि में प्रकाश की भी व्यवस्था की गयी है।

इतिहास:-
मिथकों की कहानियों के अनुसार, ब्रह्मा ने एक विशाल यज्ञ के बाद कुरुक्षेत्र की भूमि से ब्रह्माण्ड का निर्माण किया। यहां का ब्रह्म सरोवर सभ्यता का पालना माना जाता है। सरोवर का उल्लेख ग्यारहवीं शताब्दी के अल बरुनी के संस्मरणों में भी मिलता है, जिसे ‘किताब-उल-हिंद’ कहा जाता है। सरोवर का उल्लेख महाभारत में भी है कि युद्ध के समापन के दिन दुर्योधन ने खुद को पानी के नीचे छिपाने के लिए इसका इस्तेमाल किया था।

भगवान शिव को समर्पित एक पवित्र मंदिर सरोवर के भीतर है, जो एक छोटे से पुल से सुलभ है। शास्त्रों के अनुसार, इस सरोवर में स्नान करने से [अश्वमेध यज्ञ]’ करने की पवित्रता बढ़ती है। पूल में प्रत्येक वर्ष नवंबर के अंतिम सप्ताह और दिसंबर की शुरुआत में गीता जयंती समारोह के दौरान एक सांस लेने वाला दृश्य दिखाई देता है, जब पानी में तैरते दीपों का गहरा दान ’समारोह होता है और [आरती] होती है। यह वह समय भी होता है जब दूर-दूर से प्रवासी पक्षी सरोवर में आते हैं। सरोवर के पास [बिड़ला गीता] मंदिर और बाबा नाथ की हवेली का आकर्षण हैं।

कहा जाता है कि यहाँ स्थित विशाल तालाब का निर्माण महाकाव्य महाभारत में वर्णित कौरवों और पांडवों के पूर्वज राजा कुरु ने करवाया था। कुरुक्षेत्र नाम ‘कुरु के क्षेत्र’ का प्रतीक है।

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