राष्ट्रीय पक्षी दिवस के अवसर पर कुवि कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने कुवि परिसर में की पक्षी संरक्षण अभियान की शुरुआत।
कुवि के जूलॉजी विभाग व युवा एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम विभाग के संयुक्त तत्वावधान में पक्षी संरक्षण अभियान कार्यक्रम आयोजित।

वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक

कुरुक्षेत्र 5 जनवरी : कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा ने कहा है कि कुवि परिसर में विभिन्न प्रजातियों के पक्षी मजबूत पारिस्थितिकी तंत्र बनाते हैं जो हमारे वातारण के लिए अहम कड़ी का निर्माण करते हैं। देशभर के विश्वविद्यालयों में कुवि कैम्पस बेहतरीन एवं सुंदर है जिसके कारण कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय को पहले से ही ग्रीन कैम्पस का अवार्ड मिला हुआ है। वे गुरुवार को कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के जूलोजी विभाग व युवा एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम विभाग के संयुक्त तत्वावधान में राष्ट्रीय पक्षी दिवस के अवसर पर बतौर मुख्यातिथि पक्षी संरक्षण अभियान की शुरुआत करने के दौरान बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि ग्रीन कैम्पस के इको सिस्टम को और बेहतर बनाने के लिए यह जरूरी है कि कुवि परिसर के विभिन्न स्थानों पर पक्षियों की विभिन्न प्रजातियां जो काफी संख्या में मौजूद हैं उन्हें संरक्षित किया जाए। उन्होंने कहा कि कुवि कैम्पस में वन्य जीव संरक्षण के लिए कुवि के कुछ क्षेत्र को आरक्षित किया गया है ताकि कुवि में एक मजबूत इको सिस्टम व्यवस्थित रहे।

इस अवसर पर प्राणीशास्त्र के विभागाध्यक्ष डॉ. दीपक राय बब्बर व डीवाईसीए निदेशक डॉ. महासिंह पूनिया द्वारा लकड़ी का पहला घोंसला कुवि कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा को भेंट कर कुलपति कार्यालय के नजदीक वृक्ष पर स्थापित कर इस अभियान की शुरुआत की गई। इस अवसर पर कुवि कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा ने सभी उपस्थित शिक्षकों, अधिकारियों को इस अभियान के तहत पक्षी घर वितरित किए।

कुवि कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने कहा कि भारतीय उपमहाद्वीप में लगभग पक्षियों की 1300 से अधिक प्रजातियां पाई जाती है। ग्रीष्म व सर्द ऋतु में यूरोपीय देशों व अन्य महाद्वीपों से आने वाले प्रवासी पक्षी भी भारतीय उपमहाद्वीप की जैव विविधता की विशिष्ट पहचान है। कुलपति प्रो. सोमनाथ ने कहा कि पहले से ही कैम्पस में पक्षियों की 140 से अधिक प्रजातियां रहती हैं और इसके अंदर 50 प्रतिशत प्रजातियां प्रवासी पक्षियों की रहती हैं। आजादी के 75वें अमृत महोत्सव के तहत् 75 लकड़ी के घोंसले लगाने का यह प्रयास इस इको सिस्टम को ओर बेहतर बनाने सफल रहेगा। कुलपति प्रो. सोमनाथ ने कहा कि कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के प्राणीशास्त्र विभाग तथा युवा एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम विभाग के इस संयुक्त प्रयास से कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय का इको सिस्टम व वातावरण और मजबूत बनेगा।

उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय पक्षी दिवस के उपलक्ष्य में इस तरह के आयोजन समाज में एक विशेष संदेश देते हैं। कुवि परिसर की प्राकृतिक सुंदरता में इन पक्षियों को बहुत योगदान है। आजादी के अमृत महोत्सव के दौरान इस पक्षी संरक्षण अभियान की शुरुआत के काबिल-ए-तारिफ कदम है। इसके साथ ही कुवि कुलपति प्रो. सोमनाथ ने विद्यार्थियों द्वारा बनाए गए पक्षी संरक्षण अभियान के लिए लिखे स्लोगनों एवं बनाए गए पोस्टरों की भी सराहना की।

इस अवसर पर जूलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष व इस कार्यक्रम के संयोजक डॉ. दीपक राय बब्बर ने कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा, कुलसचिव डॉ. संजीव शर्मा, डीन एकेडमिक अफेयर्स प्रो. मंजूला चौधरी, कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय सांस्कृतिक परिषद के अध्यक्ष डॉ. संदीप कंधवाल का विशेष स्वागत किया व कार्यक्रम की रूपरेखा के बारे में बताया। डॉ. दीपक राय बब्बर ने बताया कि जूलोजी विभाग के छात्र आगे चलकर घोंसलों में पक्षियों की सफलता दर पर भी छोटी परियोजनाओं के रूप में कार्य करेंगे। प्राणी शास्त्र के विद्यार्थियों के लिए यह पक्षियों के व्यवहार के अध्ययन के साथ-साथ उनके संरक्षण में भी उपयोगी साबित होगा। उन्होंने बताया कि कैम्पस में पैराकीट, हॉर्नबिल, ओरयोल, बारबेट, डव, वुडपैकर, ग्रेबी, कोम्ब डक, मैना आदि पक्षियों की विभिन्न प्रजातियां देखी जा सकती है जिन्हें संरक्षित किए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि इस अवसर पर विभाग में छात्रों के लिए एक व्याख्यान का भी आयोजन किया गया।

युवा एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम विभाग के निदेशक व कार्यक्रम सह समन्वयक डॉ. महासिंह पूनिया ने बताया कि इस तरह के कार्यक्रम हमारी संस्कृति का अभिन्न अंग है। हरियाणा जैसे सांस्कृतिक प्रदेश में कृषि संस्कृति में पक्षियों का भी विशेष योगदान है। कुवि परिसर में जूलोजी विभाग द्वारा मिलकर किया गया यह अभियान सराहनीय है। कुवि सांस्कृतिक परिषद के अध्यक्ष व जूलॉजी एलुमनाई डॉ. संदीप कंधववाल ने इस अवसर पर विभाग के छात्रों द्वारा जूलोजी विभाग से कुलपति कार्यालय तक संदेश रैली को हरी झंड़ी दिखाकर उसकी अगुवाई की। डॉ. संदीप कंधवाल ने अपने संदेश में छात्रों को प्रकृति के प्रति संवेदनशील रवैया अपनाकर वन्य जीव संरक्षण के प्रति प्रेरित किया।

इस अवसर पर कुवि कुलसचिव डॉ. संजीव शर्मा, डीन एकेडमिक अफेयर्स प्रो. मंजूला चौधरी, लोक सम्पर्क विभाग के निदेशक प्रो. ब्रजेश साहनी, चीफ वॉर्डन प्रो. नीलम ढांडा, प्रो. प्रदीप कुमार, प्रो. दलीप कुमार, प्रो. जितेन्द्र कुमार, प्रो. अनीता भटनागर, प्राचार्य प्रो. संजीव गुप्ता, कुटा प्रधान डॉ. आनन्द कुमार, सचिव डॉ. जितेन्द्र खटकड़, डॉ. सुनील ढींगरा, डॉ. विजय कुमार, डॉ. रमेश कुमार, डॉ. रामचन्द्र, स्कूल प्राचार्य डॉ. मीत मोहन, एक्सईएन राजपाल, कुलपति के ओएसडी पवन रोहिल्ला, सहायक कुलसचिव विनोद वर्मा, कुंटिया प्रधान रामकुमार गुर्जर व अनिल लोहट, रूपेश खन्ना, विकास बिश्नोई, कंवर सिंह व चहक फाउंडेशन के सदस्य सहित शोधार्थी, विद्यार्थी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।

राष्ट्रीय पक्षी दिवस पर नेस्ट बिल्डिंग व पक्षी प्रवास आदि के बारे में दी अहम जानकारी
प्राणीशास्त्र के पूर्व अध्यक्ष प्रो. रोहताश गुप्ता ने जूलॉजी विभाग के छात्रों को सम्बोधित करते हुए उन्हें डॉ. सलीम अली की कहानी के बारे में और पक्षियों के आवासीय स्थलों पर प्राकृतिक घोंसलों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने छात्रों बताया कि किस तरह प्राकृतिक विज्ञान में डार्विन ने आंकड़ों का संकलन करके और पक्षियों पर अध्ययन करके डार्विन का सिद्धांत प्रतिपादित किया था। उन्होंने नेस्ट बिल्डिंग और पक्षी प्रवास आदि के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कुरुक्षेत्र जिले और कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के पक्षियों के बारे में भी छात्रों को जानकारी दी। इस अवसर पर कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय सांस्कृतिक परिषद के अध्यक्ष डॉ. संदीप कंधववाल, जूलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. दीपक राय बब्बर, प्रो. अनीता भटनागर, डॉ. परमजीत कौर, डॉ. पूनम भारद्वाज, डॉ. सूर्यकान्त मिश्रा, ऐश्वर्या, किरन बिष्ट, पूनम कत्याल और शोधार्थी एवं विद्यार्थी मौजूद रहे।