देश के ग़रीब को महंगाई की आग में झोंका,

किसान का हक़ छीन धन्नासेठों को मुनाफ़े का मौक़ा,

खेती के ख़िलाफ़ मोदी सरकार के षड्यंत्र का खुलासा।

क्रोनोलॉजी समझें👇

▪️केंद्र के पास सेंट्रल पुल में दिसंबर में गेंहू का स्टॉक 6 साल के न्यूनतम स्तर पर है, 19.02 मिलियन टन है।

▪️गेंहू का उत्पादन किसानों ने 2021-22 में पर्याप्त , लगभग 107 मिलियन टन किया।

▪️समर्थन मूल्य पर मोदी सरकार ने गेंहू
2021-22 में 443.43 लाख टन खरीदा था और 2022-23 में मात्र 187.92 लाख टन खरीदा।

किसानों से धन्ना सेठों और जमाखोरों ने कम दाम पर खरीदा ।

▪️इसके बाद गरीब कल्याण व सार्वजनिक वितरण प्रणाली में जो गेंहू 75% और चावल 25% बाँटा जाता था, उसे बदलकर उल्टा यानी, 75% चावल और 25% गेंहू कर दिया गया।

ताकि गरीब अपनी रोटी के लिए गेंहू बाजार से खरीदे और धन्ना सेठ जमाखोर मुनाफ़ा कमाएँ ।

▪️इसका परिणाम यह हुआ कि बाजार में गेंहू और आटे की कीमतें आसमान छू रही हैं।

₹3,000 प्रति क्विंटल से भी अधिक गेंहू और आटा ₹55 से ₹65 किलो तक बिक रहा है।

आवाज़ उठाइये,
ग़रीबों और किसानों को मोदी सरकार के इस रवैये से बचाइये।

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