लोक कलाओं के संरक्षण का माध्यम बना कला उत्सव : सुधा

लड़कियों के शास्त्रीय वादन में कुरुक्षेत्र तो गायन में पंचकूला ने मारी बाजी।
तीन दिवसीय राज्यस्तरीय कला उत्सव सम्पन्न, विधायक सुधा ने प्रतिभागियों को वितरित किए पुरस्कार।

वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक

कुरुक्षेत्र 15 दिसंबर : हरियाणा विद्यालय शिक्षा योजना परिषद व समग्र शिक्षा अभियान द्वारा आयोजित राज्यस्तरीय कला उत्सव गुरुवार को सम्पन्न हुआ। राजकीय मॉडल संस्कृति विद्यालय के केशव सदन सभागार में आयोजित समापन व पुरस्कार वितरण समारोह में विधायक सुभाष सुधा ने विजेताओं को पुरस्कृत किया जबकि समारोह की अध्यक्षता उपनिदेशक इंदु दिया ने की।

इस अवसर पर निदेशालय से आई नोडल अधिकारी सोनाली, डीईओ बी मलिक, डीईईओ रामदिया गागट, डाइट पलवल की प्रिंसिपल नमिता कौशिक मुख्य रूप से उपस्थित थे। समग्र शिक्षा के जिला परियोजना समन्वयक सन्तोष शर्मा ने अतिथियों का स्वागत किया तथा पूरे आयोजन की रिपोर्ट प्रस्तुत की। समापन समारोह में प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों की प्रस्तुति की गई। पूरा परिसर लोक संस्कृति व लोक कलाओं के रंगों से सराबोर रहा।

विधायक सुभाष सुधा ने विजेताओं को बधाई दी तथा सभी प्रतिभागियों को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि कला उत्सव का आयोजन शिक्षा विभाग की एक महत्वपूर्ण पहल साबित हुआ है यह आयोजन हरियाणवी संस्कृति के संरक्षण व संवर्धन का वाहक बन कर उभरा है। हरियाणा की समृद्ध लोक परंपराएं वह लोक संस्कृति है, जिसमें सभी विधाएं आम जीवन से जुड़ी हुई है। कला उत्सव ने विद्यार्थियों गुरुजी अपनी लोक संस्कृति के प्रति बढ़ाई है और छात्र जिस प्रकार की बेहतरीन प्रस्तुति दे रहे है, वह निसंदेह सराहनीय है। उन्होंने राष्ट्रीय उत्सव के लिए शुभकामनाएं दीं। विधायक ने कहा कि बच्चों की प्रस्तुतियां इतनी स्तरीय व बेहतरीन हैं कि प्रोफेशनल को भी मात देने वाली हैं।

डीपीसी सन्तोष शर्मा ने बताया कि तीन दिन तक चले उत्सव में 10 विधाओं में लडक़ों व लड़कियों की स्पर्धा सम्पन्न हुई जिसमें 22 जिलों के लगभग 1000 प्रतिभागियों ने भाग लिया। सफल आयोजन पर सभी अधिकारियों व कर्मचारियों का आभार जताया। उन्होंने कहा कि टीम कुरुक्षेत्र ऐसे आयोजनों को सफलतापूर्वक संपन्न करवाने में सक्षम है इसलिए लगातार हर बार कुरुक्षेत्र जिला को कला उत्सव की मेजबानी का अवसर मिला है। सतबीर कौशिक ने बताया कि लड़कियों की पारंपरिक लोक संगीत की वादन प्रतियोगिता में कुरुक्षेत्र की सिमरन ने पहला, जींद की दामिनी ने दूसरा व पानीपत की ज्योति सोहल ने तीसरा स्थान प्राप्त किया। एकल लोकनृत्य की स्पर्धा में रेवाड़ी की आरजू ने पहला, चरखी दादरी की ऋतु ने दूसरा व पानीपत की पायल ने तीसरा स्थान प्राप्त किया। शास्त्रीय वादन की लड़कियों की स्पर्धा में पंचकूला की नेहा ने पहला, करनाल की कुमकुम भारती ने दूसरा व हिसार की खुशबू ने तीसरा स्थान प्राप्त किया। शास्त्रीय नृत्य की विधा में कुरुक्षेत्र की मायरा ने पहला, अम्बाला की सुमेधा जिंदल ने दूसरा व हिसार की पाखी ने तीसरा स्थान प्राप्त किया।

उन्होंने कहा कि लड़कियों की एकल अभिनय विधा में पानीपत की जागृति ने पहला, सोनीपत की मानसी ने दूसरा व झज्जर की भावना ने तीसरा स्थान प्राप्त किया। लोक गायन की स्पर्धा में यमुनानगर की जन्नत ने पहला, फतेहाबाद की निशु ने दूसरा व चरखी दादरी की निकिता ने तीसरा स्थान प्राप्त किया। द्वि आयामी विजुअल आर्ट्स में सिरसा की स्निग्धा पॉल ने पहला,पानीपत की मोनिका ने दूसरा व कैथल की लक्ष्मी ने तीसरा स्थान प्राप्त किया। विजुअल आर्ट्स की त्रिआयामी स्पर्धा में चरखी दादरी की पायल ने पहला, झज्जर की मनीषा ने दूसरा व हिसार की जसप्रीत ने तीसरा स्थान प्राप्त किया। लड़कियों की खिलौने बनाने की स्पर्धा में रोहतक की महिमा ने पहला, फतेहाबाद की खुशबू देवी ने दूसरा व गुरुग्राम की खुशबू ने तीसरा स्थान प्राप्त किया।

डीपीसी सन्तोष शर्मा ने बताया कि लडक़ों की विजुअल आर्ट द्विआयामी स्पर्धा में कुरुक्षेत्र के रोहित ने पहला, रोहतक के मोहित ने दूसरा व सोनीपत के इशरत ने तीसरा स्थान हासिल किया, जबकि त्रिआयामी विजुअल आट्र्स में भिवानी के प्रदीप ने पहला, हिसार के संदीप ने दूसरा व पानीपत के शिवम ने तीसरा स्थान प्राप्त किया। इस कार्यक्रम के मंच का संचालन नित्यानन्द शास्त्री, शिव कुमार आदि ने किया।

इस अवसर पर कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के सदस्य सौरभ चौधरी, बीईओ थानेसर इंदु कौशिक, बीईओ पिहोवा वीरेंद्र गर्ग, बीईओ बाबैन रणवीर सिंह रामपुर, बीईओ लाडवा अनिल जिंदल, समग्र शिक्षा के एओ सतनारायण शर्मा, एसएसए के एपीसी संजय कौशिक, सतबीर कौशिक, कुशल कुमार कैथल, डॉ. कृष्णा, प्रिंसिपल सचिन्द्र कोडा, रीटा बठला, रामराज कौशिक, वीरेंद्र वालिया, एईओ हरीश शर्मा, डॉ. राम मेहर अत्रि, महिंद्र सिंह सहित अनेक विभागीय अधिकारी व अध्यापक मौजूद थे।

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