कड़ासन स्कूली विद्यार्थियों ने किया जनसंचार संस्थान का शैक्षणिक भ्रमण।
केयू के जनसंचार एवं मीडिया प्रौद्योगिकी संस्थान की फैकल्टी ने विद्यार्थियों को बतायें विभिन्न क्षेत्रों में करियर के अवसर।

वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक

कुरुक्षेत्र, 6 दिसंबर : मीडिया के बिना समाज का विकास संभव नहीं है, मीडिया समाज में एक मशाल की तरह है, यह लोगों को जागरूक करता है और उनका मार्गदर्शक बनता है। ये कहना है, जनसंचार एवं मीडिया प्रौद्योगिकी संस्थान की निदेशिका प्रोफेसर बिंदु शर्मा का, जो संस्थान में शैक्षणिक भ्रमण के लिए आये राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, कड़ासन, अंबाला के विद्यार्थियों के 9 वीं और 12 वीं कक्षा के विद्यार्थियों को संबोधित कर रही थी। उन्होंने संस्थान में आये विद्यार्थियों एवं शिक्षकों का हार्दिक स्वागत करते हुए कहा कि जन संचार और सूचना संचार की समझ विकसित करने के लिए मीडिया का अपने दैनिक जीवन अध्ययन आवश्यक है।

इस अवसर पर जनसंचार एवं मीडिया प्रौद्योगिकी संस्थान के सहायक प्रोफेसर डॉ. तपेश किरण ने शैक्षणिक भ्रमण के लिए आये विद्यार्थियों एवं शिक्षकों दिव्या, पूजा, मोनिका और मोनिका का स्वागत किया और मंच का संचालन किया। इस अवसर पर डॉ तपेशकिरण ने कहा कि उन्होंने पत्रकारिता में रचनात्मकता और जनसंचार के विभिन्न स्वरूपों के बारे में व्याख्यान दिया। उन्होंने कहा कि रचनात्मकता पत्रकारिता का दिल है, रचनात्मकता के साथ एक पत्रकार चीजों को संक्षेप में बताता है। उन्होंने यह भी कहा कि प्रिंट से लेकर डिजिटल तक सभी जनसंचार के माध्यम हैं।

सहायक प्राध्यापक डॉ. प्रदीप राय ने कहा कि जो व्यक्ति माध्यम का उपयोग करना जानता है और यह समझता है कि मीडिया में तथ्य क्या है ? और प्रचार क्या है ? उसे मीडिया साक्षर माना जाएगा। उन्होंने कहा कि मीडिया प्रिंट या इलेक्ट्रॉनिक तक ही सीमित नहीं है, वह सब कुछ जो बड़ी संख्या में लोगों के साथ संवाद करता है, मास मीडिया है।

इस अवसर पर संस्थान के सहायक प्राध्यापक डॉ. अभिनव ने कहा कि वर्तमान समय में सूचना ही सभी शक्तियों का सार है, अगर आपके पास अधिक से अधिक सूचनाएं होगी तो आप समाज के विभिन्न क्षेत्रों में घटने वाली तमाम घटनाओं से रू-ब-रू हो सकते है। अगर आपके पास सूचनाएं नहीं हैं तो आप दूसरों से पिछड़ सकते है, क्योंकि यह समय अत्याधुनिक तकनीकी का भी है। सूचनाएं और तकनीकी मानव जीवन को बेहतर से बेहतर बना रही है इसलिए सूचनाएं के साथ अधिक से अधिक तकनीकी पर भी पकड़ बनाये। उन्होंने जनसम्पर्क क्षेत्र में करिअर की असीम संभावनाओं पर विस्तृत चर्चा करते हुए कहा कि कोई व्यक्ति, संस्था, सरकार, कंपनी तभी सफल होती है जब इसका समाज में जनसंपर्क अधिक मजबूत होता है।

इस अवसर पर संस्थान के सहायक प्राध्यापिका रितु ने कहा कि मल्टीमीडिया के संबंध विस्तृत जानकारी देते हुए कहा कि प्रत्येक व्यक्ति वर्तमान में मल्टीमीडिया के सहयोग से अपने आपको, अपने क्षेत्र को और समाज के साथ देश का विकास कर रहा है। उन्होंने कहा कि अगर आप एक मीडिया से अधिक मीडिया में करियर बनाना है तो मल्टीमीडिया की समझ आपको होनी चाहिए।

इस अवसर पर सहायक प्राध्यापक डॉ. रोशन मस्ताना ने सूचना प्रौद्योगिकी के बारे मे विद्यार्थी के समक्ष विस्तृत चर्चा की। उन्होंने कहा कि वास्तव में सूचना प्रौद्योगिकी क्या है ? उन्होंने कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) सूचना तक पहुँचने के लिए कंप्यूटर सिस्टम या उपकरणों का उपयोग है। उन्होंने यह भी बताया कि सूचना प्रौद्योगिकी हमारे कार्यबल मे मदद करता है, रोजमर्रा की जिंदगी में सूचना प्रौद्योगिकी एक बड़ी भूमिका निभाता है।

इस अवसर पर संस्थान के सहायक प्राध्यापक सचिन कुमार ने पिं्रटिग उद्योग के संबंध में विस्तृत जानकारी देते हुए कहा कि पूर्व एवं वर्तमान समय में कोई प्रिंट वस्तु, सूचना इत्यादि किसी भी ऑनलाइन सामग्री से अधिक विश्वसनिय समझी जाती है, इसलिए विद्यार्थियों को ऑनलाइन सामग्री के साथ प्रिंट सूचनाओं पर अधिक फोकस करना जरूरी है।

इस अवसर पर पीएच.डी शोद्यार्थी अतुल मिश्रा ने कहा कि मीडिया में अगर आपको करिअर बनाना है तो आपको भाषा पर अपनी पकड़ बनानी होगी ओर यह पकड़ आप अपने दैनिक जीवन में अपना कर बना सकते है। उन्होंने विद्यार्थियों को अधिक से अधिक समाज के ऐतिहासिक परिपेक्ष्य को भी समझना होगा ताकि आपको भविष्य में पकड़ मजबूत हो सके। इस अवसर स्कूली विद्यार्थियों के संस्थान के विद्यार्थीगण मुख्य रूप से उपस्थित रहे।

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