मेडिकल छात्रों की हड़ताल पर बोले सीएम, बातचीत चल रही है कल शाम तक समाधान होने की उम्मीद

मेडिकल विद्यार्थियों की शंकाओं को किया जा रहा दूर, बहुत से तथ्य समझाए गए हैंबॉन्ड से इन्हें सरकारी नौकरी के लिए किया जा रहा है बाध्य, सस्ती शिक्षा लेकर प्राइवेट में क्यों जाएं डॉक्टर

सरकारी नौकरी छोड़कर ज्यादा कमाने की इच्छा रखने वालों को ही भरना होगा बॉन्ड का पैसा

नई दिल्ली, 26 नवम्बर। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि मेडिकल विद्यार्थियों की शंकाओं को दूर किया जा रहा है और उन्हें उम्मीद है कि रविवार शाम तक समाधान हो जाएगा। वरिष्ठ अधिकारियों की डॉक्टरों और मेडिकल विद्यार्थियों से बातचीत चल रही है।

मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल नई दिल्ली स्थित हरियाणा भवन में मीडिया प्रतिनिधियों से बातचीत कर रहे थे। मेडिकल विद्यार्थियों के संबंध में पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि कल मेडिकल विद्यार्थियों को बहुत सी बातें समझा दी गई हैं। मेडिकल शिक्षा से जुड़े वरिष्ठ अधिकारी गण तथा मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री वी उमाशंकर इन विद्यार्थियों से बातचीत कर रहे हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि बॉन्ड पॉलिसी का संबंध किसी डॉक्टर के परिवार या गरीब परिवार को तंग करने का नहीं है। जिसको अपनी मेडिकल शिक्षा पूरी करके सरकारी नौकरी में जाना है उसे इससे कोई परेशानी नहीं है। जो नौकरी नहीं कर पा रहा, उसके लिए भी कोई दिक्कत नहीं है। केवल कोई व्यक्ति सरकारी नौकरी में मिलने वाले पैसे की बजाए चाहता है कि मुझे ज्यादा पैसा मिले और वह सरकारी नौकरी छोड़कर प्राइवेट में नौकरी करने जाएगा, उसी पर यह बॉन्ड पॉलिसी लागू होगी।

प्राइवेट मे जब वह डॉक्टर दो से ढाई लाख रुपए हर महीना वेतन पाएगा, उसे ही यह किस्त देनी है। इसके लिए लंबी अवधि इसलिए रखी थी ताकि किस्त थोड़ी सी कम बने। अगर वे इस अवधि को कम करना चाहते हैं तो उसमें भी सरकार को कोई आपत्ति नहीं है लेकिन उसमें किस्त बड़ी हो जाएगी। उन्होंने कहा कि ₹40 लाख रुपए के बांड में से ₹3.5 लाख विद्यार्थी के तौर पर जो वे इन 4 वर्षो में दे चुके हैं, वह राशि उसमें से कम हो जाएगी। ब्याज भी उनसे नहीं लिया जा रहा है। डिग्री पूरी होने के बाद बैंक से जो पैसा लिया जाएगा, उनका लेनदेन बैंक के साथ ही होगा। प्राइवेट नौकरी में ज्यादा कमाने का इच्छुक डॉक्टर जल्दी भी यदि वह पैसा लौटाना चाहे तो लौटा सकता है, उसके लिए अवधि का कोई बंधन नहीं है। सरकारी मेडिकल कॉलेज में सस्ती पढ़ाई करके डॉक्टरी की पढ़ाई पूरी करने के बाद आखिर डॉक्टर प्राइवेट में नौकरी करने क्यों जाएं। जो सरकारी नौकरी छोड़कर प्राइवेट में नहीं जाना चाहते, उन्हें यह पैसा नहीं देना पड़ेगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकारी मेडिकल कॉलेज से डिग्री प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को सरकारी नौकरी करने को बाध्य करने के लिए बॉन्ड पॉलिसी लागू की गई है। 

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