नई दिल्ली, 26 नवम्बर। हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने आज आम आदमी पार्टी पर जमकर हमला बोला और कहा कि चंडीगढ़ में हम अपना अलग विधानसभा भवन बना रहे हैं तो उसमें आम आदमी पार्टी को क्या आपत्ति हो सकती है। हरियाणा अपना काम करेगा और पंजाब सरकार अपना काम करें। हम चंडीगढ़ में जमीन मुफ्त में नहीं ले रहे हैं, यदि विधानसभा भवन बनाने के लिए 10 एकड़ जमीन ले रहे हैं तो उतनी ही जमीन चंडीगढ़ के साथ लगती जमीन दे भी रहे हैं। इसमें कहीं कोई दिक्कत नहीं है और यह चंडीगढ़ प्रशासन को देखना है। वर्तमान विधानसभा का भवन हरियाणा और पंजाब के बीच बंटा हुआ है, वह बंटा हुआ हिस्सा भी हमारे पास रहेगा। चूंकि यह विधानसभा भवन छोटा पड़ता है और आने वाले समय में सन 2026 में परिसीमन होने पर विधानसभा सदस्यों की संख्या बढऩे की संभावना है। वर्तमान सदस्यों के लिए ही जगह छोटी पड़ रही है तो बढे हुए सदस्यों के लिए वर्तमान भवन में स्थान नहीं बचेगा।

मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल शनिवार को दिल्ली के हरियाणा भवन में मीडिया प्रतिनिधियों से बातचीत कर रहे थे। एक सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि सुविधाएं उपलब्ध करवाने में हरियाणा दिल्ली से कहीं आगे है, इसीलिए आम आदमी पार्टी हरियाणा में कहीं टिक नहीं पा रही है। हाल ही में हुए आदमपुर उपचुनाव में इस पार्टी को कुल डेढ़ लाख वोटों में से केवल 3700 वोट ही मिले और ये पार्टी सरकार बनाने की सपने लेती है। वहां से मतदाताओं ने इनका बोरिया बिस्तरा बांध दिया।

उन्होंने कहा कि लोगों को अंधेरे में रखकर जिस पार्टी की शुरुआत हुई वह किसी तरह से लोगों में भ्रम पैदा करके एक दो राज्यों में सरकार बनाने में कामयाब भी हो गई। लेकिन इसके बाद वाराणसी, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा में इन्होंने प्रयोग करके देख लिया, इनकी दाल नहीं लग रही है। गुजरात में भी ये मुंह की खा कर आएंगे। उन्होंने आम आदमी पार्टी के नेताओं के अवांछित लोगों के साथ लिंक होने का आरोप लगाते हुए कहा कि अवांछित लोग इनके साथ पाए गए हैं। इसके साथ श्री मनोहर लाल ने दिल्ली में आम आदमी पार्टी के घोटालों का भी उल्लेख किया और कहा कि क्लासरूम घोटाला जिसमें 13 सौ करोड़ रुपए का इन्होंने गबन किया है। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार 1075 स्कूल चला रही है जबकि इससे ज्यादा 1100 स्कूल तो एमसीडी चला रही है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में प्रदूषण के लिए ये किसान को दोषी ठहराते हैं जबकि इन्होंने किसान पराली ना जलाए, इसके लिए 40000 की दवा खरीदी और उसके वितरण पर 11 लाख खर्च किए। यही नहीं, इसके प्रचार पर 14 करोड़ इन्होंने खर्च किए और इनकी दवा से केवल 350 किसान लाभान्वित हुए हैं।

श्री मनोहर लाल ने दिल्ली सरकार पर जीएसटी का सारा पैसा हजम करने का आरोप लगाते हुए कहा कि दिल्ली में एक बार ये किसी तरह सफल हो गए लेकिन बार-बार काठ की हांडी नहीं चढ़ती।

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