राज्यपाल बंडारु दतात्रेय ने बाबा श्री चंद जी महाराज के 528 वें प्रकाशोत्सव पर प्रदेशवासियों को दी बधाई और शुभकामनाएं।
बाबा गुरविंद्र सिंह महाराज के प्रयासों से मनाया जा रहा है समागम।
खेलमंत्री संदीप सिंह व बाबा गुरविंद्र सिंह महाराज ने राज्यपाल का परंपरा अनुसार किया स्वागत।

वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक

पिहोवा 20 नवंबर : राज्यपाल बंडारु दत्तात्रेय ने कहा कि बाबा श्री चंद जी महाराज ने हमेशा गरीब व असहाय की सेवा करने का समाज को संदेश दिया। ऐसे महापुरुषों के मार्ग पर चलकर प्रत्येक नागरिक को समाज सेवा के लिए आगे आना चाहिए और प्रत्येक व्यक्ति को बाबा श्री चंद महाराज के आदर्शों को अपने जीवन में धारण करना चाहिए।

राज्यपाल बंडारु दत्तात्रेय रविवार को देर सायं पिहोवा के गांव मांडी में उदासीन बह्म अखाड़ा साहिब की तरफ से गुरु नानक जी के बड़े बेटे बाबा श्री चंद जी महाराज के 528वें प्रकाशोत्सव पर आयोजित धार्मिक समागम में बोल रहे थे। इससे पहले राज्यपाल बंडारु दत्तात्रेय, हरियाणा के खेल एवं युवा मामले मंत्री संदीप सिंह ने श्री गुरु ग्रंथ साहिब के आगे शीश नवाया और संतों का आशीर्वाद लिया। यहां पर उदासीन बह्म अखाड़ा साहिब के बाबा गुरविंद्र सिंह महाराज व अन्य संतों ने राज्यपाल बंडारु दत्तात्रेय व खेल मंत्री संदीप सिंह को सरोपा भेंट कर सम्मानित किया। राज्यपाल ने कहा कि श्री चन्द जी महाराज सिक्खों के प्रथम गुरू गुरू नानक देव जी के पुत्र थे। उन्होंने उदासीन संप्रदाय की स्थापना कर सनातनी संस्कृति और श्री गुरू नानक देव जी के विचारों को आगे बढ़ाया। पंच प्रकृति (जल, अग्नि, पृथ्वी, वायु और आकाश) में विश्वास रखने वाले सभी श्रद्धालु सनातन धर्म में भी विश्वास रखते हुए समाज कल्याण में लगे हुए हैं। श्री गुरू श्री चंद जी महाराज ने गरीब, असहाय की सेवा व सर्व-कल्याण की भावना को समाज में प्रचारित किया, जिसकी अनुपालना आाज भी उनके अनुयायी बदस्तूर कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि सिख पूज्य श्री गुरू ग्रंथ साहिब को विशेष महत्व देते हैं। उदासीन संप्रदाय सनातन और सिक्ख धर्म का संगम व त्रिवेणी है। संप्रदाय के लोग सनातनी संस्कृति के अनेक व्रतों एवं त्योहारों को बड़ी धूमधाम से मनाते हैं। परंतु संप्रदाय का विशिष्ट उत्सव श्री चंद जी की जयंती जो आज है, यह न केवल हरियाणा, पंजाब बल्कि पूरे देश व पाकिस्तान, अफगानिस्तान में भी बड़े धूमधाम से मनाया जा रहा है। उदासीन दार्शनिक विचारधारा को ज्ञानप्रधान भी कहा जाता है। उदासीन विचारधारा को आगे बढ़ाने के लिए काशी, वृंदावन एवं हरिद्वार जैसे कुछ स्थानों में पृथक पाठशालाए चलाई जा रही हैं जहां अधिकतर संस्कृत भाषा में रचित धार्मिक ग्रंथों का अध्यापन होता है। इस प्रकार से इस विचारधारा के माध्यम से देश की संस्कृति का प्रचार-प्रसार हो रहा है।

हरियाणा के खेल एवं युवा मामले मंत्री संदीप सिंह ने कहा कि महापुरूषों के जन्मदिवस मनाने, भारतीय संस्कृति के विकास व अध्यात्म के प्रचार-प्रसार से किए गए अनुष्ठानों के आयोजन से समाज में आस्था और दिव्यता का प्रकाश होता है। साथ ही ऐसे आयोजनों से मन में शांति व संतुष्टि मिलती है, जो व्यक्ति के जीवन के लिए नितान्त जरूरी है। इसी परंपरा का निर्वहन उदासीन बह्म अखाड़ा मण्डी निरंतर कर रहा है। उदासीन ब्रहम अखाड़ा मांडी की ओर से हर साल भगवान बाबा श्री चन्द जी महाराज के जन्म दिवस के अवसर पर रक्तदान शिविर, गरीब कन्याओं की शादियां, दिव्यागों के लिए ट्राई साईकिल और खेल कूद प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है।

इस मौके पर संचालक संत बाबा गुरविन्द्र सिंह, बाबा कुलदीप सिंह, बाबा कंवल सिंह, बाबा गुरप्रीत लांडरा जत्थेदार, बाबा अमीर सिंह, बाबा प्रताप सिंह, बाबा लखबीर सिंह, बाबा रोणक सिंह, बाबा मलकीत सिंह, महंत महेश मुनि जी, शेर सिंह, बाबा जबरू, बाबा विरेन्द्र सिंह, सुखबीर सिंह, बाबा मेजर सिंह, डा. अवनीत सिंह, सरपंच आकाशदीप सिंह, कंवलजीत सिंह अजरावर, नरेन्द्र सिंह गिल, तजेन्द्र सिंह मक्कड, दिलबाग सिंह, जसपाल सिंह आदि उपस्थित थे।

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